महाभारत युद्ध के समय हुई जनहानि जैसे बन रहे हैं संयोग ! काशी के ज्योतिषाचार्य ने किया सनसनीखेज दावा

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आरती पांडेय । May 14 2021 4:40PM

जिस भी वर्ष में राजा और मंत्री दोनों ग्रह पाप ग्रह या क्रूर ग्रह हों तो वह वर्ष देश के लिए अशुभ माना जाता है। साथ ही 16 मई को लगने वाला चंद्र ग्रहण खग्रास चंद्रग्रहण के रूप में होगा। उन्होंने बताया कि ग्रहण लगने से 15 दिन बाद तक इसका विशेष प्रभाव रहता है।

कोरोना महामारी ने बीते साल से ही दुनिया भर में तबाही मचा रही है। ऐसे में इसके दूसरे स्ट्रेन ने प्रलय का रूप धारण कर लिया है, लाख प्रयासों के बाद भी इस पर काबू पाने में लोग असमर्थ हो रहे हैं। ऐसे में काशी के ज्योतिषाचार्य ने दावा किया है कि मौजूदा समय में ग्रहों के जो संयोग बन रहे हैं, वैसे ही संयोग द्वापर युग में महाभारत युद्ध के समय बने थे, जिसमें बड़ी संख्या में जनहानि हुई थी। काशी के ज्योतिषाचार्य ऋषि द्विवेदी के मुताबिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हिंदी नव वर्ष में कई हानिकारक संयोग बने हुए हैं।

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उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में जल लग्न में राहु, मंगल युति से अंगारक योग बना रहा है, जो महामारी का एक कारण बना हुआ है। इसके अलावा इस वर्ष में राजा और मंत्री दोनों ही मंगल हैं, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस भी वर्ष में राजा और मंत्री दोनों ग्रह पाप ग्रह या क्रूर ग्रह हों तो वह वर्ष देश के लिए अशुभ माना जाता है। साथ ही 16 मई को लगने वाला चंद्र ग्रहण खग्रास चंद्रग्रहण के रूप में होगा। उन्होंने बताया कि ग्रहण लगने से 15 दिन बाद तक इसका विशेष प्रभाव रहता है। समय अंतराल पर ऐसी घटनाएं घटती रहती हैं, जिसका दुष्प्रभाव देखने को मिलता है। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी विश्व में कई महामारी आ चुकी है, और इस प्रकार के कई दुरुयोग आकाश मंडल में बन चुके हैं। मगर इस वर्ष जो दुरुयोग बना है, वह वर्ष 2021-22 में भाद्र शुक्ल पक्ष 13 दिन का ही है, जिसमें भाद्र शुक्ल प्रतिपदा व शुक्ल त्रयोदशी दो तिथियों का क्षय है। ऐसे समय में किसी भी पक्ष की बड़ी हानि या वृद्धि हो सकती है।

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उन्होंने बताया कि इससे पहले ऐसे दुरुयोग द्वापर युग के महाभारत काल में देखे गए थे। उस समय भी 13 दिनों के पक्ष में महाभारत का युद्ध हुआ था, जिसमें भारी संख्या में जन-धन हानि हुई थी। उन्होंने बताया कि इस खगोलीय घटना में अंगारक योग तो राजा मंत्री मंगल का होना भारी आपदा, भूकंप और सुनामी जैसे हानियों को दर्शा रहा है, जिसके कारण 13 दिन का पखवारा धरती के लिए महामारी और हानि होने जैसे संकेत दे रहा है। उन्होंने बताया कि 13 दिन के पखवाड़े के बाद होने वाली जनहानि में कुछ कमी देखी जाएगी और मार्च 2022 तक लोग राहत की सांस ले सकेंगे।

- आरती पांडेय

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