जानलेवा निपाह वायरस से नहीं डरती ये महिला, रहती है 2000 चमगादड़ों के साथ
देश भर में जहां निपाह वायरस से आतंक फैला हुआ हुआ है, वही गुजरात के एक गांव में रहने वाली 74 वर्ष की बुज़ुर्ग महिला 2,000 चमगादड़ों को अपने घर में पाल रही हैं। इन चमगादड़ों के साथ ये महिला लगभग 10 सालों से रह रही है, और हैरान करने वाली बात ये है कि ये बुज़ुर्ग महिला महिला जानती है कि आजकल चमगादड़ों से होने वाली एक महामारी फैली है जिसका कोई इलाज नहीं है।
गुजरात। देश भर में जहां निपाह वायरस से आतंक फैला हुआ हुआ है, वही गुजरात के एक गांव में रहने वाली 74 वर्ष की बुज़ुर्ग महिला 2,000 चमगादड़ों को अपने घर में पाल रही हैं। इन चमगादड़ों के साथ ये महिला लगभग 10 सालों से रह रही है, और हैरान करने वाली बात ये है कि ये बुज़ुर्ग महिला महिला जानती है कि आजकल चमगादड़ों से होने वाली एक महामारी फैली है जिसका कोई इलाज नहीं है। लेकिन तब भी बिना किसी डर और परवाह के ये महिला चमगादड़ों के साथ रह रही है। वो कहती हैं कि यही उनका परिवार है।
चमचिड़ियावाली शांताबेन प्रजापति की बहादुरी की कहानी
TOI के अनुसार, 74 साल की इस महिला का नाम शांताबेन प्रजापति है और वो अहमदाबाद से 50 किलोमीटर दूर राजपुर गांव में रहती हैं। शांताबेन को उनके आस-पास रहने वाले लोग चमचिड़ियावाला (चमगादड़ों के साथ रहने वाली) बा बोलते हैं। शांताबेन प्रजापति पति की मौत और बेटियों के शादी के बाद सालों से घर में अकेली रहती है । उसके साथ घर में रहने वाला कोई नहीं था, और कहते है न 'जिसका कोई नहीं उसका तो खुदा हैं यारों' बस यहीं हुआ शांताबेन के साथ अपना अकेलापन बांटने के लिए उन्होंने चमगादड़ों को ही अपना परिवार बना लिया।
जानलेवा निपाह वायरस से डर नही लगता
निपाह वायरस के बारे में बात करने पर शांताबेन ने कहा, 'उस बीमारी के बारे में सुना है पर मुझे उससे कोई डर नहीं है। ये चमगादड़ मेरा परिवार हैं। मैं एक दशक से इनके साथ रह रही हूं। और उन्होंने ये भी बताया कि, 'जब मैंने घर के आंगन में खाना बनाना और सोना शुरू किया, तब से इन चमगादड़ों की संख्या बढ़ती चली गई और मेरा परिवार बढ़ता गया। चमगादड़ों के झुंड ने मेरे 2 कमरों के घर की चारों दीवारों को अपना आशियाना बना लिया है। साथ ही घर की ऊपरी मंज़िल पर चमगादड़ रहते हैं।
पति की मौत के बाद मज़दूरी करके की बेटियों की शादी
शांताबेन जब केवल 30 साल की थीं तक अचानक उनके पति कांजीभाई की बिजली गिरने से मौत हो गई थी। पति की मौत के बाद बहुत ही बुरे दिन का सामना किया लेकिन हिम्मत नहीं हारी मज़दूरी करके शांताबेन ने अपनी तीन बेटियों की शादी की और अपने बेटे को क़ाबिल बनाया और अब उनका बेटा अब मुंबई में रहता है। अब इस घर में उनके साथ रहने वाला कोई नहीं है वो अकेले रहती हैं।
चमगादड़ों की लीद की बदबू भगाने के लिए नीम और कपूर जलाती हूं
घर में बड़ी संख्या में चमगादड़ रहते हैं। और चमगादड़ों की की लीद की बदबू भी बहुत आती है इससे निजात पाने के लिए चमचिड़ियावाली बा घर में नीम और कपूर जलाती हैं। चमगादड़ों को हटाए जाने की बात पर शांताबेन ने कहा, 'मैं कौन होती हूं उनकी किस्मत का फैसला करने वाली। उन्हें जब जाना होगा वो चले जाएंगे।
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