उड्डयन के प्रति लोगों को जागरूक करता है इंटरनेशनल सिविल एविएशन डे

international civil aviation day

हमें एक देश से दूसरे देश या एक राज्य से दूसरे राज्य आना-जाना हो, चाहे वह व्यापार के लिए हो, सैर-सपाटे के लिए या रोजगार के लिए नागरिक उड्डयन की वजह से ही आसान हो पाया है। पहले एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के लिए भी जहां लोगों को कई-कई दिनों तक यात्राएं करना पड़ती थीं।

भारत सहित दुनिया भर में हर साल 7 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस (इंटरनेशनल सिविल एविएशन डे) मनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय सहयोग और एकरूपता सुरक्षित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस की आधिकारिक घोषणा संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 7 दिसंबर, 1996 को की गई थी और तब से ही दुनिया भर में 7 दिसम्बर को ‘अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस’ मनाया जा रहा है। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य राज्यों के सामाजिक, आर्थिक विकास के लिए नागरिक उड्डयन के प्रति लोगों को जागरूक करना है।

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हमें एक देश से दूसरे देश या एक राज्य से दूसरे राज्य आना-जाना हो, चाहे वह व्यापार के लिए हो, सैर-सपाटे के लिए या रोजगार के लिए नागरिक उड्डयन की वजह से ही आसान हो पाया है। पहले एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के लिए भी जहां लोगों को कई-कई दिनों तक यात्राएं करना पड़ती थीं, नागरिक उड्डयन के चलते अब एक देश से दूसरे देश एक दिन में भी पहुंचा जा सकता है। यह नागरिक उड्डयन की सुविधा ही है कि अब सुबह का नाश्ता एक राज्य में, दोपहर का खाना दूसरे राज्य में और शाम का खाना किसी तीसरे राज्य में लिया जा सकता है। 

आंकड़ों पर गौर करें तो दुनिया भर में 4 बिलियन से अधिक यात्री हर साल विमान से सफर करते हैं।

‘अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन’ संयुक्त राष्ट्र संघ की एक शाखा है जिसकी स्थापना 1944 में शिकागो में की गई थी। यह संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक परिषद के तहत कार्य करता है। इसका मुख्यालय कनाडा के मॉन्ट्रियल में है।

‘अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस’ पर एक चार वर्षीय थीम निर्धारित की जाती है। वर्ष 2020 से 2023 तक के लिए इस दिवस की थीम ‘ग्लोबल एविएशन डेवलपमेंटएडवांसिंग इनोवेशन’ रखी गई है वहीं वर्ष 2015 से 2018 तक के लिए थीम ‘साथ काम कर यह सुनिश्चित करें कि कोई भी देश पीछे न रह जाए (वर्किंग टुगेदर टू एनश्योर नो कंट्री इज़ लेफ्ट बिहांइड) थी। 2019 में ‘अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन' की स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने पर विशेष थीम‘ विश्व को जोड़ने के 75 वर्ष’ रखी गई थी।

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आज 7 दिसम्बर अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस पर आइए जानते हैं विमानन संबंधित कुछ रूचिकर जानकारी-

- दुनिया की सबसे पुरानी एयरलाइन केएलएम (कोनिंक्लिज्के लुच्त्वार्ट मात्शाप्पिज एन.वी.) है जिसे रॉयल डच एयरलाइंस कहा जाता है। इसकी स्थापना 1919 में हुई थी और इसकी पहली उड़ान एम्स्टर्डम और लंदन के बीच 17 मई, 1920 को हुई थी। 

- दुनिया की पहली ऑफिशियल क्रिस्टेंड नेशनल एयरलाइंस ब्रिटेन की इम्पीरियल एयरवेज़ के जरिए 1927 में भारत से जुड़ी। 

- भारत की सबसे पुरानी एयरलाइन ‘टाटा एयर लाइंस’ है जिसे 1932 में जेआरडी टाटा ने  स्थापित किया गया था, यही भारत की पहली डोमेस्टिक फ्लाईट थी। 1946 में यह एयर इंडिया कहलाई। 

- अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा विमानन मार्केट है जो तेजी से विकसित हो रहा है। 

- नागरिक उड्डयन क्षेत्र वैश्विक रूप से 62 मिलियन से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करता है।

- विमान की खिड़की में एक छोटा अदृश्य छिद्र होता है जो खिड़कियों के बीच वायु के दबाव को नियंत्रित करता है और उन्हें कोहरे से मुक्त रखता है।

- विमान में सफर के दौरान उपलब्ध ऑक्सीजन मास्क 12-15 मिनट के लिए ऑक्सीजन प्रदान करता है और इस दौरान पायलट विमान को एक सुरक्षित ऊंचाई तक पहुंचा देता है जहां यात्री सामान्य रूप से सांस ले सकते हैं। 

- विमान को इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि इन पर आसमानी बिजली का कोई असर नहीं होता।

- विमान में पायलट और सह-पायलट कभी एक जैसा भोजन नहीं करते हैं इसकी वजह है कि यदि एक भोजन विषाक्त हो जाता है तो दूसरा पायलट विमान को उड़ा सकता है।

- ‘ब्लैक बॉक्स’ विमान में एक डेटा रिकॉर्डर है जो चालक दल के सदस्यों, हवाई यातायात नियंत्रण अधिकारी, उड़ान नियंत्रण अधिकारी और हवाई जहाज के तकनीकी टीम के अधिकारियों के बीच की बातचीत एवं जानकारी को संग्रहीत करता है।

- अमृता गोस्वामी

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