अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस: कब हुई थी शुरुआत, क्या है इसका महत्व

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पूरी दुनिया में 3 दिसंबर को दिव्यांग दिवस 'World Disability Day' मनाया जाता है। इस दिवस का आयोजन यह बताता है कि शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों की किस प्रकार सहायता की जा सकती है। यह संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा मनाया जाने वाला कार्यक्रम है। इसके माध्यम से दिव्यांग लोगों के प्रति समाज की सोच बदलने का प्रयास किया जा रहा है।

पूरी दुनिया में 3 दिसंबर को दिव्यांग दिवस 'World Disability Day' मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य विकलांगों की परेशानी को समझ कर उनके साथ समानता का व्यवहार करना है। इस दिवस का आयोजन यह बताता है कि शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों की किस प्रकार सहायता की जा सकती है। यह संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा मनाया जाने वाला कार्यक्रम है। इसके माध्यम से दिव्यांग लोगों के प्रति समाज की सोच बदलने का प्रयास किया जा रहा है। विकलांगों की क्या परेशानियां हैं किस प्रकार हम उनकी सहायता कर सकते हैं यह भी दिव्यांग दिवस के माध्यम से बताया जाता है।


विश्व दिव्यांग दिवस का इतिहास

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकलांग लोगों के लिए आत्म सम्मान, सुरक्षा, और बराबरी के अवसर देने के लिए एक योजना की शुरुआत की गई। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 1981 को 'विकलांग व्यक्तियों का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष' घोषित किया गया था। इसके माध्यम से दिव्यांग लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया गया। इसके साथ ही उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति सुधारने का भी प्रयास किया गया। 1983 से लेकर 1992 तक विकलांग दशक घोषित किया गया। इसके बाद से हर वर्ष 3 दिसम्बर को दिव्यांग दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।


दिव्यांगों के कानूनी अधिकार

दिव्यांगों के अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए सबसे पहले यूनाइटेड किंगडम द्वारा 1995 अधिनियम पारित किया गया। बाद में इस अधिनियम में परिवर्तन किया गया अब यह 2010 अधिनियम के नाम से जाना जाता है। यह अधिनियम दिव्यांगों के प्रति भेदभाव के विरुद्ध है। इस अधिनियम में दिव्यांगों के शिक्षा, रोजगार और सामाजिक गतिविधियों की समानता की बात की गयी है। 

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विश्व दिव्यांग दिवस 2022 की थीम

हर वर्ष की तरह इस बार भी संयुक्त राष्ट्र विश्व दिव्यांग आयोजन किया गया है। हर साल की तरह इस बार भी इस दिन के लिए एक थीम सेलेक्ट की गयी है। इस बार की थीम “समावेशी विकास हेतु परिवर्तनकारी समाधान” (Transformative solutions for inclusive development: the role of innovation in fuelling an accessible and equitable world) रखी गयी है।


क्यों मनाते हैं दिव्यांग दिवस

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक विश्व की कुल जनसंख्या का 15 फीसदी दिव्यांग है। इस दिवस के आयोजन के माध्यम से दिव्यांगों को समाज में समानता अधिकार दिलाने का प्रयास किया जाता है। इस दिवस के माध्यम से दिव्यांग लोगों की असाधारण प्रतिभा से लोगों को परिचित कराया जाता है।


विश्व दिव्यांग दिवस में हमारा योगदान

विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर हम सब का यह दायित्व है यदि किसी दिव्यांग को हमारी सहायता की आवश्यकता है तो उनकी सहायता करें। उनके साथ किसी तरह का भेदभाव ना करें। उनके साथ किसी भी तरह का भेदभाव ना होने दें।

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