World Social Media Day 2025: "सोशल मीडिया" का रोज़मर्रा के जीवन में तेज़ी से बढ़ता प्रभाव

इंटरनेट की सस्ती होती कीमत व तेज़ होती रफ्तार ने दुनिया भर में सोशल मीडिया को एक ऐसा ताकतवर प्लेटफार्म बना दिया है, जो चंद मिनटों में ही अपनी बात को पूरी दुनिया के सामने रखने की आम आदमी को भी ताकत देता है।
दुनिया भर में सभी वर्गों के लोगों की इंटरनेट तक बेहद सुलभता के साथ अब पहुंच बन गयी है। जिसके चलते ही सोशल मीडिया एक ऐसा ताकतवर माध्यम बन गया है, जो अब विभिन्न मीडिया प्लेटफार्म प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक के समानांतर अपनी भूमिका को बखूबी निभाने का कार्य कर रहा है। इंटरनेट के दुनिया में तेज़ी से फैलाते हुए जाल ने चंद दशकों में ही सोशल मीडिया का एक ऐसा ताकतवर वर्चुअल वर्ल्ड बनाकर रख दिया है, जिसे अब रोजमर्रा के जीवन तक में भी आसानी से अनदेखा करना संभव नहीं रहा है।
सोशल मीडिया से जुड़े हुए विश्व स्तरीय कुछ आंकड़ों को देखें तो आज दुनिया में हर दूसरा व्यक्ति सोशल मीडिया के किसी ना किसी प्लेटफॉर्म से जुड़ा हुआ है। दुनिया भर में बड़ी संख्या में लोग यूट्यूब, फेसबुक, एक्स (ट्विटर), लिंक्डइन, इंस्टाग्राम, टिकटॉक, स्नैपचैट, टेलीग्राम, व्हाट्सएप आदि पर आसानी से उपलब्ध है। हालांकि यह भी ध्यान देने योग्य तथ्य है कि कुल जनसंख्या के आंकड़ों की सोशल मीडिया प्लेटफार्म के उपयोगकर्ताओं से तुलना करना आज के दौर में भी उचित नहीं है, क्योंकि अधिकांश कंपनियां सोशल मीडिया उपयोग के लिए 13 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए अनुमति नहीं देती हैं। हालांकि आंकड़ों बताते हैं कि दुनिया भर के युवाओं के बीच में सोशल मीडिया बेहद लोकप्रिय हो गया है, सोशल मीडिया के उपयोगकर्ताओं यानी कि 18 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग के लोगों की संख्या अब उस आयु वर्ग के सभी वयस्कों के 87.3 प्रतिशत के बराबर हो गयी है, जो संख्या दुनिया में सोशल मीडिया के तेज़ी से बढ़ते प्रभाव को दमदार ढंग से दर्शाती है।
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इंटरनेट की सस्ती होती कीमत व तेज़ होती रफ्तार ने दुनिया भर में सोशल मीडिया को एक ऐसा ताकतवर प्लेटफार्म बना दिया है, जो चंद मिनटों में ही अपनी बात को पूरी दुनिया के सामने रखने की आम आदमी को भी ताकत देता है। सोशल मीडिया की इस ताकत ने तो प्रिंट व इलेक्ट्रानिक मीडिया के उपभोक्ताओं में बड़े पैमाने पर सेंध लगाने का कार्य भी किया है। आज वैश्विक स्तर पर सोशल मीडिया से जुड़े कुछ आंकड़ों को देखें तो यह उसकी तेज़ी से बढ़ती ताकत से हमें बखूबी अवगत करवाते हैं। सोशल मीडिया को लेकर वैश्विक स्तर पर "केपीओस" संस्था के द्वारा किए गए विस्तृत अध्ययन से यह पता चलता है कि अप्रैल 2025 के आरंभ तक विश्व में 5.31 बिलियन सोशल मीडिया उपयोगकर्ता थे, जोकि विश्व की कुल जनसंख्या के 64.7 प्रतिशत है। वहीं अब भी सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं की संख्या में वृद्धि जारी रही है, यह 4.7 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि के बराबर है, अर्थात हर सेकंड 7.6 औसत दर से नए उपयोगकर्ता की सोशल मीडिया से जुड़ रहे हैं। विश्व के 94.2 प्रतिशत इंटरनेट के उपयोगकर्ता हर महीने सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं।
"जीडब्ल्यूआई" (GWI) के आंकड़ों के अनुसार औसत सोशल मीडिया उपयोगकर्ता हर महीने औसतन 6.86 विभिन्न सोशल प्लेटफॉर्म का सक्रिय रूप से उपयोग करता है और प्रत्येक सप्ताह विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म का उपयोग करते हुए औसतन 18 घंटे और 41 मिनट सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर बिताता है, वहीं दुनिया भर में प्रतिदिन सोशल प्लेटफॉर्म पर विभिन्न प्रकार की सामग्री देखने में 14 बिलियन घंटे से अधिक समय लोग व्यतीत करते हैं, जो सोशल मीडिया की ताकत को दर्शाता है।
यहां आपको बता दें कि दुनिया भर में सोशल मीडिया का तेज़ी से बढ़ते हुए प्रभाव देखकर के ही "विश्व सोशल मीडिया दिवस" मनाने के विचार ने जन्म लिया था। जिसकी शुरुआत 30 जून 2010 को मैशेबल के द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य वैश्विक संचार पर सोशल मीडिया के तेज़ी से बढ़ते हुए प्रभाव को पहचानने और इसे मनाने के लिए दुनिया भर उपयोगकर्ताओं को एक साथ लाने के तरीके के रूप में हुई थी। वैसे भी मैशेबल को विभिन्न संस्कृतियों, आंदोलनों और प्रशंसकों को जोड़ने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करने के लिए दुनिया में जाना जाता है, यही वजह है कि वह किसी एक दिन को "विश्व सोशल मीडिया दिवस" के रूप में मनाना चाहते थे। इसलिए ही मैशेबल के द्वारा 30 जून 2010 को "विश्व सोशल मीडिया दिवस" मनाने की शुरुआत की गयी थी, इसके लिए सोशल मीडिया के उपयोगकर्ता हर वर्ष हैशटैग #SMDay का उपयोग करते हैं, वर्ष दर वर्ष इस हैशटैग का उपयोग करने वाले लोगों की संख्या में तेज़ी से वृद्धि हो रही है।
यहां आपको बता दें कि विश्व में पहला सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म सिक्सडिग्रीज़ को वर्ष 1997 में एंड्रयू वेनरिच के द्वारा शुरू किया गया था। इस प्लेटफार्म पर उपयोगकर्ता अपने मित्रों और परिवार के सदस्यों को सूचीबद्ध कर सकते थे। लेकिन अफसोस कुछ वर्ष के बाद सिक्सडिग्रीज़ के जिस वक्त दस लाख से ज़्यादा उपयोगकर्ता थे तब वर्ष 2001 में उसे बंद कर दिया गया था। वहीं पहला आधुनिक सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म वर्ष 2002 में फ्रेंडस्टर था, इस वेबसाइट ने लोगों को सुरक्षित रूप से नए दोस्त बनाने की अनुमति दी और इसके सौ मिलियन से ज़्यादा उपयोगकर्ता हैं, जिसमें अधिकांश एशिया में हैं। वहीं दुनिया भर में लिंक्डइन पहला व्यवसाय-केंद्रित सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म वर्ष 2003 में लॉन्च किया गया था। माईस्पेस वर्ष 2004 में लॉन्च हुआ था।
वहीं सोशल मीडिया के दिग्गज प्लेटफार्म यूट्यूब ने वर्ष 2005 में शुरूआत की थी और उसके बाद ट्विटर अब एक्स ने वर्ष 2006 में अपना प्लेटफॉर्म शुरू किया था। वहीं इंस्टाग्राम वर्ष 2010 में लॉन्च हुआ और कुछ महीनों में ही इसके एक मिलियन से ज़्यादा उपयोगकर्ता हो गए। इंस्टाग्राम के प्रभुत्व को चुनौती देने के बाद, फेसबुक ने वर्ष 2012 में इस प्लैटफ़ॉर्म को 1 बिलियन डॉलर में खरीद लिया। फेसबुक ने वर्ष 2014 में दुनिया भर में प्रसिद्ध एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लैटफ़ॉर्म व्हाट्सएप को भी 16 बिलियन डॉलर में खरीद लिया। स्नैपचैट को वर्ष 2011 में लॉन्च किया गया था। टिकटॉक को वर्ष 2016 में लॉन्च किया गया था।
विचारणीय तथ्य यह है कि जिस तेज़ रफ़्तार के साथ दुनिया भर में सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म विकसित हुए, उसी तेज़ी के साथ दुनिया भर में इन प्लेटफार्मों की लोकप्रियता भी बढ़ी है। अब तो दुनिया भर में सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्मों की नियमित रूप से निगरानी भी की जाने लगी है। क्योंकि सोशल मीडिया के प्लेटफार्म अब चंद मिनटों में ही तिल का ताड़ बनाने की ताकत रखते हैं। अब तो इन प्लेटफार्मों पर अभद्र भाषा, झूठे आरोप-प्रत्यारोप, फर्जी खबरें, चरित्र हनन, चुनावों को प्रभावित करने की सामग्री, अश्लीलता व धार्मिक व जातिगत उन्माद फैलाने वाली सामग्री आदि तक भी परोसें जाने लगी हैं, जिसके चलते सोशल मीडिया कंपनियों पर अब नियम, कायदे, कानून के हिसाब से पारदर्शिता बरतने का दबाव पहले से कहीं ज़्यादा बढ़ गया है। हालांकि इक्कीसवीं सदी की आधुनिक व्यस्त रहने वाली दुनिया में सोशल मीडिया के यह प्लेटफार्म परिवार, दोस्तों, दुनिया भर के प्रभावशाली लोगों और यहां तक कि अजनबियों के साथ भी तुरंत जुड़ने का एक सबसे सस्ता, सुंदर व टिकाऊ सरल व सशक्त माध्यम बन गया है। यह प्लेटफार्म अब तो दुनिया भर के व्यवसायों, समाचारों, खरीदारी, मनोरंजन आदि का एक बड़ा अड्डा भी बन गये हैं। इसलिए "विश्व सोशल मीडिया दिवस" पर हम सभी लोग संकल्प लें कि हम लोग सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का उपयोग अपने जीवन, समाज व राष्ट्र के हित में सकारात्मकता लेने के लिए करेंगे, ना कि हम इन सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का उपयोग जीवन, समाज व राष्ट्र में नकारात्मकता फैलाने के लिए करेंगे।
- दीपक कुमार त्यागी
अधिवक्ता, स्तंभकार व राजनीतिक विश्लेषक
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