Unlock 1 के 5वें दिन तक देश में 1 लाख 10 हजार मरीज ठीक हो चुके

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गुजरात में शुक्रवार को कोविड-19 के एक दिन में सर्वाधिक 510 नए मामले सामने आए और संक्रमण से 35 और लोगों की मौत हो गई। राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक राज्य में संक्रमण के कुल मामलों का आंकड़ा 19,119 पहुंच गया है जबकि मृतकों का आंकड़ा 1,190 हो गया।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि धार्मिक स्थलों, शॉपिंग मॉल, रेस्तरां, होटल और कार्यालय के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी करने का मकसद कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के वास्ते लोगों के बीच सही व्यवहार को बढ़ावा देना है। महामारी के कारण लंबे समय से ठप्प कारोबारी गतिविधियों को फिर शुरू करने के प्रयासों को तेज करते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कार्यालय, होटल, शॉपिंग मॉल, रेस्तरां और धार्मिक स्थलों को खोलने के लिए बृहस्पतिवार को एसओपी जारी किया। इनमें से कुछ देश के अलग-अलग हिस्से में पहले ही खुल चुके हैं और कुछ अन्य अगले सोमवार से खुलेंगे। बहरहाल, देश में कोविड-19 से संक्रमित लोगों की संख्या और मृतकों की संख्या बढ़ती जा रही है। पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 9851 नए मामले आए और 273 मौत हुई। इस तरह शुक्रवार तक संक्रमण के 2,26,770 मामले आ चुके हैं और मृतकों की संख्या 6,348 हो गयी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि नए दिशा-निर्देश का मकसद सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों को अनुमति देते हुए कोविड-19 को लेकर संक्रमण की कड़ी को नियंत्रित रखने के लिए उपयुक्त व्यवहार के बारे में समझ पैदा करना है। एसओपी के मुताबिक कोविड-19 के निषिद्ध क्षेत्र में रेस्तरां, होटल, धार्मिक स्थल और कार्यालय बंद रहेंगे और बाकी इलाकों में इन्हें खोलने की अनुमति होगी। निषिद्ध क्षेत्र के बाहर मॉल में सिनेमा हॉल, खेल के स्थान और बच्चों के खेलने वाले क्षेत्रों को नहीं खोला जाएगा। एसओपी में कहा गया है कि बिना लक्षण वाले कर्मचारियों, अतिथियों, ग्राहकों और श्रद्धालुओं को ही परिसरों में जाने की अनुमति होगी। भीड़ को संभालने के लिए उचित व्यवस्था करने होंगे। लगातार साफ-सफाई के लिए भी इंतजाम करने पड़ेंगे। शौचालय, पेयजल और हाथ धोने वाले स्थानों पर भी खासा ध्यान देना होगा। रिकॉर्डेड भक्ति संगीत या गानों को चलाया जा सकता है और सामूहिक गायन या भजन मंडली की इजाजत नहीं होगी। एक साथ बैठने के लिए चटाई की व्यवस्था से भी बचना होगा और श्रद्धालुओं को बैठने के लिए खुद ही अपने साथ चटाई या कोई अन्य कपड़ा रखना होगा। मंत्रालय ने कहा, ‘‘धार्मिक स्थल के भीतर प्रसाद वितरण या जल आदि का छिड़काव नहीं होगा।’’ इसके साथ ही धार्मिक स्थलों पर सामुदायिक रसोई, लंगर, अन्न दान के समय सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना होगा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में वर्तमान में कोविड-19 के 1,10,960 मामले हैं और शुक्रवार सुबह आठ बजे तक 1,09,462 मरीज ठीक हो चुके हैं। पिछले 24 घंटे में 5355 लोग ठीक हुए हैं और ठीक होने की दर 48.27 प्रतिशत है।

लॉकडाउन को विफल बताया

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कई यूरोपीय देशों में कोविड-19 का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन लगाने और उसे हटाने के बाद कोरोना वायरस के मामले में कमी आने का हवाला देते हुए शुक्रवार को भारत में लॉकडाउन को विफल करार दिया। उन्होंने ब्रिटेन, जर्मनी, स्पेन और इटली में लॉकडाउन लगाने और उसे हटाने के बाद कोरोना वायरस के मामलों में लगातार कमी होने, लेकिन भारत में संक्रमण में लगातार बढ़ोतरी होने से संबंधित ग्राफ ट्विटर पर शेयर किया। गांधी ने कहा, ‘‘एक विफल लॉकडाउन ऐसा दिखता है।’’ गौरतलब है कि देश में कोरोना वायरस के मामलों लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के अब तक के सबसे ज्यादा नए 9,851 मामले सामने आए और 273 लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही देश में कुल संक्रमितों की संख्या 2,26,770 और मृतकों की संख्या बढ़कर 6,348 हो गई।

केरल में 111 नए मामले सामने आये

केरल में पहली बार किसी एक दिन में कोरोना वायरस के एक सौ से अधिक नए मामले सामने आए और शुकवार को मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने स्थिति को गंभीर बताया। राज्य में कोरोना वायरस के 111 नए मामले सामने आने के साथ ही राज्य में संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 1,699 हो गयी। राज्य में 1.77 लाख लोग निगरानी में हैं। केरल ने आठ मई को घोषणा की थी कि उसने काफी हद तक कोरोना वायरस पर काबू पा लिया है और सिर्फ 16 लोगों का ही इलाज चल रहा है। हालांकि, विदेशों और अन्य राज्यों से प्रदेश में आए लोगों के साथ ही नए मामलों में अचानक वृद्धि दर्ज की गयी। विजयन ने संक्रमण के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक जून से लगभग दोगुना हो गया है। उस दिन में राज्य में 57 नए मामलों का पता चला था। उसके बाद यह संख्या लगातार बढ़ रही है। दो जून को 86 नए मामले सामने आए, जबकि तीन जून को 82 और चार जून को 94 मामले सामने आए। उन्होंने राज्य में कोविड-19 की स्थिति को गंभीर बताया। विजयन ने यहां संवाददाताओं से कहा कि 22 लोग बीमारी से उबर चुके हैं और 973 लोगों का इलाज चल रहा है। विजयन ने कहा कि पलक्कड़ में सबसे अधिक 40 नए मामले सामने आए हैं। उसके बाद मलप्पुरम में 18, पथनमथिट्टा में 11, एर्नाकुलम में 10, त्रिशूर में आठ और तिरुवनंतपुरम में पांच मामले सामने आए हैं।

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एक साथ दो महीने की दवा

जयपुर के सवाई मान सिंह एसएमएस अस्पताल में पुरानी बीमारियों (क्रॉनिक) के रोगियों को अब एक साथ दो महीने की दवाएं मिलेंगी। चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा के निर्देश पर राजस्थान चिकित्सा सेवा निगम लिमिटेड ने इस बारे में शुक्रवार को आदेश जारी किए। एक प्रवक्ता ने बताया कि राज्य के प्रमुख अस्पताल एसएमएस में अब पुराने या क्रॉनिक मरीजों को एक महीने के बजाय दो महीने की दवाएं एकसाथ मिलेंगी। कोरोना वायरस संक्रमण की महामारी को ध्यान में रखते हुए यह पहल की गयी है।

अध्यादेश संघीय ढांचे का उल्लंघन ?

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने किसानों को मंडियों से बाहर फसलें बेचने की अनुमति देने संबंधी अध्यादेश को संघीय ढांचे का उल्लंघन बताया और शुक्रवार को कहा कि इससे राज्य को नुकसान होगा क्योंकि उस पर अध्यादेश थोपा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने आगाह भी किया कि इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य व्यवस्था तथा खाद्यान्न खरीद व्यवस्था को भंग करने का मार्ग प्रशस्त हो सकता है। इससे राज्य के किसानों में अशांति पैदा हो सकती है। वह वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मीडियाकर्मियों से बातचीत कर रहे थे। कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) अध्यादेश, 2020 संबंधी एक सवाल के जवाब में सिंह ने कहा, "यह संघीय ढांचे का उल्लंघन है।" सिंह ने कहा, "यह पंजाब पर जबरदस्ती थोपा जा रहा है और यह हमारे राज्य को नुकसान पहुंचाएगा।" उन्होंने कहा कि केंद्र को इस अध्यादेश के बारे में पहले पंजाब सहित विभिन्न राज्यों से परामर्श करना चाहिए था। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सुव्यवस्थित कृषि उपज विपणन प्रणाली में इस तरह के प्रत्यक्ष और हानिकारक हस्तक्षेप के जरिए देश के संघीय ढांचे को "कमजोर" करने के केंद्र के किसी भी कदम का पंजाब विरोध करेगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को अधिसूचित कृषि उपज विपणन समिति मंडियों के बाहर कृषि उपज की अनुमति देने के लिए कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, 2020 को मंजूरी दी थी। सिंह ने कहा कि इस तरह के उपाय से देश की खाद्य सुरक्षा पर गंभीर और प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा जो पंजाब के मेहनती किसानों ने हरित क्रांति के बाद से हासिल किया है। उन्होंने कहा कि भारत के संघीय ढांचे में केंद्र और राज्यों की भूमिकाएं अच्छी तरह से परिभाषित हैं। संवैधानिक ढांचे के तहत कृषि राज्य का विषय है और केंद्र सरकार के पास कृषि उत्पादन, विपणन और प्रसंस्करण के संबंध में कानून बनाने का अधिकार नहीं है। सिंह ने कहा कि अचानक फैसले लेने और राज्यों की राय लिए बिना उन पर थोपने की केंद्र की आदत संघीय ढांचे का "उल्लंघन" है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड संकट के दौरान केंद्र सरकार के ऐसे कदमों के गंभीर आर्थिक, सामाजिक परिणाम हो सकते हैं। इससे कानून व्यवस्था भी प्रभावित हो सकती है। उन्होंने कहा कि इससे किसानों को लाभ नहीं होगा और वास्तव में विधायी बदलाव के कारण उन्हें व्यापारियों के हाथों नुकसान होगा।

पढ़ने-पढ़ाने के तरीके में आएगा बदलाव

मानव संसाधन विकास (एचआरडी) स्कूल शिक्षा सचिव अनिता करवाल ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन हटने के बाद जब स्कूल दोबारा खुलेंगे, तो कक्षाओं में पढ़ने-पढ़ाने के अब तक अपनाए जा रहे तरीके में बदलाव आएगा। करवाल ने इस बात पर जोर दिया कि कोविड-19 वैश्विक महामारी ने डिजिटल शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित कर दिया है, जिस पर अभी तरह ध्यान नहीं दिया जा रहा था। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संकट के कारण देश में 24 करोड़ से अधिक बच्चे प्रभावित होंगे और लॉकडाउन हटने के बाद शिक्षकों एवं छात्रों को बदली परिस्थितियों के अनुरूप स्वयं को ढालना होगा। करवाल ने अशोका विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित ‘विद्यालयों का भविष्य: कोविड-19 और उसके बाद की चुनौती से निपटना’ विषय पर आयोजित वर्चुअल सम्मेलन में कहा, ‘‘हम जानते हैं कि जब भी स्कूल पुन: खुलेंगे, उन्हें सामाजिक दूरी का पालन करना होगा और कई सावधानियां बरतनी होंगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कक्षाओं में पठन-पाठन का तरीका बदलने वाला है और शिक्षकों एवं छात्रों को बदली परिस्थितियों के अनुरूप स्वयं को ढालना होगा। हम यह बात गारंटी के साथ नहीं बता सकते कि शिक्षक एवं छात्र स्वयं को कुछ दिनों में ढाल पाएंगे। कुछ छात्रों को इसमें अधिक समय लग सकता है और कुछ छात्र कम समय में ऐसा कर सकते हैं।’’ मार्च में लॉकडाउन घोषित किए जाने के समय केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की अध्यक्ष रहीं करवाल ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि शिक्षा जारी रखकर छात्रों की मानसिक तंदुरुस्ती सुनिश्चित की जाए, फिर भले ही शिक्षा ऑनलाइन दी जाए या ऑफलाइन।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम जब ई-लर्निंग पर बल देते हैं तो हमारा ध्यान ई-लर्निंग तक पहुंच पर केंद्रित है। समानता के बिना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से हमारे सभी छात्रों को प्रभावी शिक्षा नहीं मिल पाएगी।’’ करवाल ने कहा कि इसके अलावा डिजिटल शिक्षा की गुणवत्ता को महत्व देने की आवश्यकता है, जिसे महामारी के आने से पहले नजरअंदाज किया जा रहा था। उन्होंने स्कूलों को पुन: खोले जाने की योजना के बारे में बताते हुए कहा, ‘‘हम अब पठन-पाठन की पूरी प्रक्रिया, छात्रों को स्कूल बुलाए जाने की प्रक्रिया में बदलाव की कोशिश कर रहे हैं। स्कूलों के प्रवेश एवं निकास द्वारों पर क्या होगा, शिक्षकों की बदली भूमिका क्या होगी... हम इन सब पर काम कर रहे हैं।’’ देश भर में 16 मार्च से विश्वविद्यालय एवं स्कूल बंद हैं।

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बंगाल में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या 294

पश्चिम बंगाल में शुक्रवार को कोविड-19 से 11 और लोगों की मौत होने के बाद, इस महामारी की वजह से जान गंवाने वालों की कुल संख्या 294 हो गई है, वहीं एक दिन में संक्रमण के सर्वाधिक 427 नए मामले आने के साथ कुल संक्रमित लोगों की संख्या 7,303 पहुंच गई है। यह जानकारी यहां राज्य स्वास्थ्य बुलेटिन में दी गई। बुलेटिन में बताया गया कि आज मरने वालों में चार-चार कोलकाता और हावड़ा से, दो उत्तर 24 परगना जिले और एक हुगली से हैं। इसने कहा कि राज्य में कोविड-19 से 283 लोगों की मौत के अलावा कोरोना संक्रमित 72 ऐसे लोगों की मौत हुई है, जिन्हें अन्य बीमारियां भी थीं। बुलेटिन में कहा गया है कि पिछले 24 घंटों में 9,686 नमूनों की जांच की गई। बीमारी से ठीक होने के बाद राज्य में 144 मरीजों को अस्पतालों से छुट्टी दी गई। फिलहाल, 4,025 मरीजों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है। बुलेटिन में कहा गया है कि कोविड-19 से ठीक हो चुके लोगों की कुल संख्या 2,912 हो गई है।

गोवा में उपचार करा रहे मरीजों की संख्या 130

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि शुक्रवार की स्थिति के अनुसार राज्य में कोविड-19 संक्रमित ऐसे मरीजों की संख्या बढ़कर 130 हो गई है जिनका अभी इलाज चल रहा है। सावंत ने साथ ही यह भी कहा कि राज्य के पहले निषिद्ध क्षेत्र मंगोर हिल में संक्रमण के लिए व्यापक जांच की जा रही है। सावंत ने कहा कि वास्को स्थित मंगोर हिल क्षेत्र में संक्रमण के कई मामले हैं लेकिन यह संक्रमण का स्थानीय प्रसार है, यह संक्रमण का सामुदायिक प्रसार नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘गोवा में कोविड-19 के ऐसे मरीजों की संख्या बढ़कर 130 हो गई है जिनका अभी इलाज चल रहा है। हम मंगोर हिल में लोगों की जांच कर रहे हैं।’’ सावंत ने बताया कि राज्य में रेस्त्रां और धार्मिक स्थल आठ जून से खुल जाएंगे और इस दौरान एकदूसरे से दूरी बनाये रखने के नियम लागू रहेंगे।

महाराष्ट्र में 2,436 नए मामले सामने आए

महाराष्ट्र में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 2,436 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमण के कुल मामलों का आंकड़ा बढ़कर 80,229 पहुंच गया। स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी दी। इसके अलावा राज्य में कोरोना वायरस से 139 और लोगों की मौत के साथ ही इस महामारी से राज्य में मरने वालों की संख्या 2,849 हो गई है। शुक्रवार को 1475 मरीजों को संक्रमण से उबरने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। राज्य में अब तक कुल 35,156 लोग इस संक्रमण से उबर चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग ने बयान जारी कर कहा कि राज्य में अब कुल 42,224 मरीज उपचाराधीन हैं। अब तक कुल 5,22,946 लोगों की जांच की जा चुकी है।

तमिलनाडु में 12 और लोगों की मौत

तमिलनाडु में कोविड-19 के मामलों में तीव्र वृद्धि जारी है। राज्य में संक्रमण के 1,438 नये मामले सामने आने से शुक्रवार को कोरोना वायरस के कुल मामले बढ़ कर 28,694 हो गये, जबकि इस महामारी से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़ कर 232 हो गई है। नये मामलों में सिर्फ चेन्नई से 1,116 मामले हैं। राज्य की राजधानी में संक्रमण के कुल मामले बढ़ कर 19,826 हो गये हैं। स्वास्थ्य विभाग के एक बुलेटिन के मुताबिक, तमिलनाडु में आज लगातार छठे दिन 1,000 से अधिक नये मामले सामने आये। संक्रमण के नये मामलों में कतर से आये छह व्यक्ति, दुबई से आये पांच व्यक्ति और श्रीलंका से आया एक व्यक्ति शामिल है। बुलेटिन में कहा गया है कि मृतकों में 44 वर्षीय एक महिला भी शामिल है, जो किडनी रोग और उच्च रक्तचाप से ग्रसित थी।

न्यायालय को दी गयी जानकारी

उच्चतम न्यायालय को शुक्रवार को सूचित किया गया कि कोविड-19 महामारी से बुरी तरह प्रभावित महाराष्ट्र से 11 लाख से अधिक प्रवासी कामगार अपने पैतृक स्थानों पर चले गये हैं। न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ को केन्द्र ने सूचित किया कि देश के विभिन्न राज्यों से करीब एक करोड़ प्रवासी कामगार अपने गंतव्य पर पहुंच चुके हैं। इनमें से करीब 41 लाख श्रमिक सड़क मार्ग से और 57 लाख कामगारों को रेल मार्ग से पहुंचाया गया है। पीठ कोविड-19 महामारी की वजह से देश में लागू लॉकडाउन के कारण जगह जगह फंसे प्रवासी कामगारों की दयनीय स्थिति का स्वत: संज्ञान लिये जाने के मामले में वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से सुनवाई कर रही थी। इस मामले की सुनवाई के दौरान विभिन्न राज्यों का प्रतिनिधित्व कर रहे वकीलों ने पीठ को प्रवासी कामगारों के बारे में जानकारी दी। पीठ को दी गयी जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र से 11 लाख से ज्यादा और गुजरात से 20.5 लाख से अधिक श्रमिक अपने पैतृक स्थानों को लौट गये हैं। महाराष्ट्र में अभी तक कोविड-19 से संक्रमित 77,793 मामलों की पुष्टि हुयी है जबकि राज्य में 2,710 लोगों की मृत्यु हुयी हैं। देश में 2.26 लाख से अधिक मामले दर्ज हुये हैं और इस महामारी की वजह से 6,348 लोगों की मृत्यु हुयी है। बिहार और उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर रहे वकीलों ने पीठ को सूचित किया कि उनके यहां अभी तक क्रमश: 28 लाख और 21.69 लाख कामगार पहुंचे हैं। सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि इन कामगारों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिये महाराष्ट्र से अभी तक 802 ट्रेन चलायी गयी हैं। दिल्ली सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल संजय जैन ने पीठ को बताया कि करीब दो लाख कामगार अभी भी राजधानी में हैं और इनमे से करीब दस हजार ने ही अपने पैतृक स्थानों पर जाने की इच्छा व्यक्त की है। गुजरात सरकार की ओर से न्यायालय को सूचित किया गया कि करीब 22 लाख प्रवासी कामगारों में से करीब ढाई लाख श्रमिक ही राज्य में हैं। बाकी लगभग 20.5 लाख कामगारों को वापस उनके गंतव्य भेजा जा चुका है। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस नरसिम्हा ने पीठ को बताया कि दिल्ली सीमा से करीब साढ़े पांच लाख प्रवासी श्रमिकों को वापस लाया गया और इसके लिये बसों ने दस हजार से ज्यादा चक्कर लगाये। राज्य सरकार ने बताया कि श्रमिकों के लिये 1,664 श्रमिक ट्रेनों की व्यवस्था की गयी और करीब 21.69 लाख प्रवासी मजदूर उत्तर प्रदेश में वापस लाये गये। पीठ को यह भी बताया गया कि सरकार ने राज्य से करीब 1.35 लाख प्रवासी मजदूरों को 104 विशेष रेलगाड़ियों से वापस भी भेजा। बिहार सरकार के वकील ने न्यायालय को सूचित किया कि करीब 28 लाख प्रवासी कामगार राज्य में लौट आये हैं और राज्य सरकार उन्हें रोजगार मुहैया कराने के लिये आवश्यक कदम उठा रही है। इनमें से करीब दस लाख कामगारों की स्किल मैपिंग का काम पूरा हो चुका है। पीठ ने इस मामले की सुनवाई के अंत में कहा कि वह सारे मामले में नौ जून को अपना आदेश सुनायेगी।

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आयकर कानून में करना होगा बदलाव

जमीन-जायदाद के विकास से जुड़ी रीयल्टी कंपनियों के संगठनों ने कहा है कि देश में फ्लैट या मकान सर्किल रेट (सरकारी दर) से नीचे नहीं बेचा जा सकता क्योंकि आयकर कानून इसकी अनुमति नहीं देता। संगठनों ने वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के बिल्डरों को भारी संख्या में बिना बिके खाली पड़े मकानों को कम कीमत पर बेचने के आह्वान के जवाब में यह बात कही है। क्रेडाई (कान्फेडरेशन ऑफ रीयल एस्टेट डेवलपर्स एसोसएिशन ऑफ इंडिया) और नारेडको (नेशनल रीयल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल) ने कहा कि अगर सौदा मौजूदा सरकारी दर से 10 प्रतिशत या उससे नीचे होता है तो इससे, मकान खरीदारों और डेवलपरों पर कर का बोझ बढ़ेगा। सरकारी दर या सर्किल रेट न्यूनतम मूल्य है जो राज्य सरकारें भूखंड, मकान, अपार्टमेंट या वाणिज्यिक संपत्ति बेचने के लिये नियत करती हैं। बिना बिके मकानों के दाम में कटौती के सुझाव पर अपनी प्रतिक्रिया में नारेडको के अध्यक्ष नीरंजन हीरानंदानी ने कहा, ‘‘अगर दाम तय दर से 10 प्रतिशत से अधिक घटाये जाते हैं, खरीदारों और बिल्डरों पर अतिरिक्त कर बोझ पड़ेगा।’’ क्रेडाई के चेयरमैन जे शाह ने कहा कि कमजोर मांग से रीयल एस्टेट की स्थिति खस्ताहाल है। कमजोर मांग का कारण जीएसटी, नया कानून रेरा, नोटबंदी और एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी) में नकदी संकट तथा मौजूदा कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न बाधाएं हैं। उन्होंने कहा कि ‘लॉकडाउन’ के बाद कच्चे माल और श्रम की लागत बढ़ी है। गोयल ने नारेडको के सदस्यों के साथ तीन जून को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बैठक की थी। बाद में इसका वीडियो ‘लीक’ हुआ जिसमें वह कह रहे हैं कि सरकार यह देख रही है कि क्या सर्किल रेट में कुछ रियायत दी जा सकती है। अगर छूट की अनुमति नहीं मिलती है, बिल्डरों को बिना बिके मकानों को बेचना होगा। गोयल ने कहा, ‘‘लेकिन जब तक आप कीमतें कम नहीं करेंगे, मेरा यकीन कीजिए आपके मकान पड़े रहेंगे।’’ उन्होंने कहा कि बिल्डरों को यह चुनना है कि क्या वे अनबिके मकानों और कर्ज भुगतान में चूक के साथ रहना चाहते हैं या फिर जो बड़ी संख्या में खाली पड़े आवास हैं, उसे बेचकर आगे बढ़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘...अगर आपमें से किसी को यह लगता है कि सरकार आपको सहायता देगी जिससे आप इसे लंबे समय तक रखे और बाजार सुधरने का इंतजार करे। लेकन बाजार में जल्दी सुधार नहीं होने जा रहा...बेहतर होगा आप इसे बेचें।’’ क्रेडाई और नारेडको दोनों ने आयकर कानून में संशोधन की मांग की है। उनका यह भी कहना है कि सर्किल रेट वास्तविकता और बाजार दर के अनुसार होना चाहिए। शाह ने कहा, ‘‘अगर कुछ डेवलपर चुनिंदा शहरों में लागत कम करना चाहते हैं तो वे ऐसा नहीं कर पाते। इसका कारण मौजूदा आयकर कानून में खामियां हैं।’’ उन्होंने कहा कि सरकार को मांग को गति देने के लिये जीएसटी दर, स्टांप शुल्क और मकान के कर्ज पर ब्याज दरों में कटौती करनी चाहिए। हीरानंदानी ने कहा कि उनका संगठन तकनीकी समस्या को हटाने की मांग करता रहा है और उसे इस बारे में जवाब का इंतजार है।

उत्तर प्रदेश में 502 नए मरीज सामने आए

उत्तर प्रदेश में शुक्रवार को कोविड-19 के करीब 500 नए मामले सामने आने के साथ राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 9,733 हो गई है। वहीं इस अवधि में 12 और संक्रमितों की मौत हुई है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से देर शाम जारी बुलेटिन में बताया गया कि बीते 24 घंटे के दौरान कोविड-19 के 502 नए मामले सामने आए और अब प्रदेश में कुल संक्रमितों की संख्या 9,733 हो गई है। इससे पहले रविवार को एक दिन में सबसे अधिक 378 मामले सामने आए थे। बुलेटिन में बताया गया कि इनमें से 3,828 संक्रमित उपचाराधीन हैं जबकि 5,648 कोविड-19 मरीज पूरी तरह से ठीक होकर घर जा चुके हैं। बुलेटिन में कहा गया कि संक्रमण की वजह से 12 और लोगों की मौत के साथ ही अब तक 257 लोग इस महामारी में अपना जान गवां चुके हैं। बुलेटिन के मुताबिक मेरठ और गाजियाबाद में दो-दो तथा चंदौली, औरैया, झांसी, जालौन, गोरखपुर, वाराणसी, आगरा और गौतमबुद्ध नगर में एक-एक व्यक्ति की इस संक्रमण से जान गई है। बुलेटिन के अनुसार अबतक सबसे अधिक 48 मौतें आगरा में हुई हैं। मेरठ में 34, अलीगढ़ और फिरोजाबाद में 16-16, मुरादाबाद में 10, कानपुर नगर में 13, गौतम बुद्ध नगर में आठ, झांसी, मथुरा और संत कबीर नगर में छह-छह लोगों की जान संक्रमण की वजह से गई है। प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि बृहस्पतिवार को अब तक की एक दिन में सबसे अधिक 12,589 नमूनों की जांच की गयी। उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार को ही 1,203 पूल टेस्ट (एक साथ कई नमूनों को मिलाकर जांच किया जाता है)किये गये, जिसमें से 1,036 पूल 5-5 नमूनों के तथा 167 पूल 10-10 नमूनो के थे। प्रसाद ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किये गये नये हेल्पलाइन संख्या- 18001805146 पर आशा कार्यकर्ता, एएनएम, आंगनबाड़ी एवं निजी दवा की दुकानों के फार्मासिस्ट द्वारा लोगों में खांसी एवं बुखार आदि के लक्षण पाये जाने पर जानकारी दी जायेगी। इनके द्वारा दी गयी जानकारी के आधार पर खांसी या बुखार आदि के लक्षण पाये जाने पर लोगों की निगरानी की जाएगी। उन्होंने बताया कि गांव एवं मोहल्लों में मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा घर-घर जाकर बाहर से आने वाले लोगों के नमूने लिये जायेंगे। आशा कार्यकर्ता द्वारा दूसरे प्रदेशों से लौटे श्रमिकों के घर पर जाकर सम्पर्क कर उनके लक्षणों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। इसके आधार पर आवश्यकतानुसार श्रमिकों के नमूने एकत्र कर जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं द्वारा अब तक 12,80,833 श्रमिकों से उनके घर पर जाकर सम्पर्क किया गया, जिनमें से 1,163 लोगों में कोरोना जैसे लक्षण पाये गये हैं। उन्होंने बताया कि ग्राम एवं मोहल्ला निगरानी समितियों के द्वारा निगरानी का कार्य सक्रियता से किया जा रहा है। अब तक निगरानी टीमों द्वारा 82,12,555 घरों के 4,17,35,408 लोगों का सर्वेक्षण किया गया है।

उत्तराखंड में कोविड-19 के 62 नए मामले

उत्तराखंड में शुक्रवार को 62 नए कोरोना मरीजों की पुष्टि हुई जिसके बाद प्रदेश में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,215 हो गई है। प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा यहां जारी बुलेटिन के अनुसार, ताजा पुष्ट मामलों में सर्वाधिक 23 देहरादून में, 14 रूद्रप्रयाग में, आठ टिहरी में, पांच अल्मोडा में, चार नैनीताल में, तीन चंपावत में, दो चमोली में और एक-एक हरिद्वार, पौड़ी और उधमसिंह नगर जिले में हैं। अल्मोडा में दमे से पीड़ित एक 73 वर्षीय व्यक्ति की मृत्यु होने के बाद जांच रिपोर्ट में उसके कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। बुलेटिन में कहा गया है कि बुजुर्ग की मौत की सही वजह जानने के लिए मौत के कारणों की जांच की जा रही है। अब तक प्रदेश में कुल 11 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है। हालांकि, अब तक कुल 344 मरीज संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। उधर, अल्मोड़ा के जिलाधिकारी से जानकारी मिली है कि दिल्ली से तीन जून को जिले की धनोली तहसील स्थित अपने गांव पहुंचे 33 वर्षीय कोरोना वायरस संक्रमित एक व्यक्ति के खिलाफ अपनी मेडिकल रिपोर्ट छुपाने के आरोप में भारतीय दंड विधान की धारा-307 के तहत हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया गया है। व्यक्ति के कोरोना संक्रमित होने की जानकारी मिलने के बाद उसे अल्मोड़ा में बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया।

मध्य प्रदेश में कोविड-19 के 234 नए मामले

मध्य प्रदेश में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 234 नए मामले सामने आए। इसके साथ ही प्रदेश में कुल कोविड-19 मरीजों की संख्या 8,996 हो गई है। राज्य में पिछले 24 घंटों में इस बीमारी से सात और व्यक्तियों की मौत की पुष्टि हुई है, जिससे मरने वालों की संख्या 384 हो गयी है। यह जानकारी मध्यप्रदेश के एक अधिकारी ने दी है। अधिकारी ने कहा, ‘‘पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण से इंदौर में चार और खंडवा, खरगोन एवं उज्जैन में एक-एक मरीज की मौत की पुष्टि हुई है।’’ उन्होंने बताया, ‘‘राज्य में अब तक कोरोना वायरस से सबसे अधिक 149 मौत इंदौर में हुई है। उज्जैन में 59, भोपाल में 61, बुरहानपुर में 16, खंडवा में 15, खरगोन में 12, जबलपुर एवं सागर में 10-10, देवास में नौ लोगों की मौत कोविड-19 की वजह से हुई है।’’ अधिकारी ने बताया कि मंदसौर में आठ, नीमच में पांच, होशंगाबाद, धार एवं रायसेन में तीन-तीन, ग्वालियर, रतलाम, सतना एवं सीहोर में दो-दो और आगर मालवा, अशोकनगर, बड़वानी, छिंदवाड़ा, दतिया, झाबुआ, मंडला, मुरैना, राजगढ़, शाजापुर, श्योपुर, टीकमगढ़ एवं उमरिया में एक-एक मरीज की मौत संक्रमण की वजह से हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पिछले 24 घंटों में इंदौर में कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे अधिक 54 नए मामले आये हैं, जबकि भोपाल में 52, नीमच में 38, खरगोन में 12, भिंड एवं सागर में नौ-नौ, मुरैना में आठ, खंडवा में सात, डिंडोरी एवं नरसिंहपुर में पांच-पांच, देवास, शिवपुरी एवं जबलपुर में चार-चार, ग्वालियर में तीन, आगरमालवा, अनूपपुर, अशोकनगर, बड़वानी, विदिशा बैतूल, रतलाम, सतना, छिंदवाड़ा, मंडला एवं धार में एक-एक नए संक्रमित मिले हैं। अधिकारी ने बताया कि प्रदेश के कुल 52 में से 51 जिलों से कोविड-19 के मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य में कुल 1,006 निषिद्ध क्षेत्र हैं।

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भारत के सहयोग का दिया आश्वासन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रवांडा के राष्ट्रपति पॉल कागमे को शुक्रवार को आश्वासन दिया कि भारत कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने में अफ्रीकी देश को चिकित्सकीय सहायता समेत लगातार सहयोग मुहैया कराएगा। प्रधानमंत्री ने टेलीफोन पर बातचीत के दौरान कागमे के नेतृत्व में संकट के प्रभावी प्रबंधन और चुनौती से निपटने में रवांडा के लोगों के दृढ़ संकल्प की सराहना की। एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2018 में रवांडा की अपनी यात्रा के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में आई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। इसमें कहा गया है कि रवांडा के राष्ट्रपति ने मोदी की यात्रा के दौरान उनके द्वारा भेंट की गई 200 भारतीय गायों का जिक्र किया और कहा कि इससे रवांडा के बच्चों के लिए दूध की उपलब्धता सुधारने और किसानों की आय में बढ़ोतरी में मदद मिली है। दोनों नेताओं ने वैश्विक महामारी के कारण उनकी स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों और अर्थव्यवस्थाओं के समक्ष पैदा हुई चुनौतियों पर चर्चा की। उन्होंने संकट से निपटने और लोगों का कुशलक्षेम सुनिश्चित करने के लिए दोनों देशों में उठाए गए कदमों की जानकारी भी साझा की। बयान में बताया गया कि उन्होंने भारत में रह रहे रवांडा के नागरिकों और रवांडा में रह रहे भारत के नागरिकों को मौजूदा संकट के बीच हर संभव मदद मुहैया कराने पर सहमति जताई। इसमें बताया गया है, ‘‘प्रधानमंत्री ने रवांडा के राष्ट्रपति को आश्वासन दिया कि भारत चिकित्सकीय सहायता समेत कोरोना वायरस से निपटने के प्रयासों में रवांडा की लगातार मदद करेगा।’’ मोदी ने मौजूदा संकट के बीच रवांडा के लेागों के अच्छे स्वास्थ्य एवं कल्याण की कामना की।

-नीरज कुमार दुबे

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