Unlock 2 के 20वें दिन भी महाराष्ट्र रहा देश में सबसे आगे, UP में Home Isolation की मंजूरी

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पटना जिला प्रशासन ने दो निजी अस्पतालों को कोविड-19 वार्ड खोलने की अनुमति दे दी है। पटना के जिलाधिकारी ने दो निजी अस्पतालों रुबन अस्पताल और पारस अस्पताल में 25-25 बिस्तरों का कोरोना वार्ड खोलने का निर्देश दिया। प्रशासन को कई अन्य अस्पतालों के भी आवेदन प्राप्त हुए हैं।

भारत में एक दिन में कोविड-19 के रिकॉर्ड 40,425 नए मामले सामने आने के बाद सोमवार को देश में संक्रमितों की कुल संख्या 11 लाख को पार कर गई। वहीं, उपचार के बाद संक्रमण से मुक्त होने वाले लोगों की संख्या भी सात लाख से अधिक हो गई है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 681 और लोगों की जान जाने के बाद मरने वालों की संख्या 27,497 हो गई। मंत्रालय द्वारा सुबह आठ बजे अद्यतन किए गए आंकड़ों के अनुसार देश में कोविड-19 के कुल 11,18,043 मामले सामने आए हैं। भारत में महज तीन दिन में ही कोविड-19 के मामले 10 लाख से 11 लाख के पार पहुंच गए हैं। देश में अभी 3,90,459 मरीजों का इलाज जारी है और 7,00,086 लोग ठीक हो चुके हैं। वहीं, एक मरीज देश से बाहर चला गया है।

घर पर पृथक रहने को सशर्त मंजूरी

उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने सोमवार को कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 के बिना लक्षण वाले मरीजों के लिये घर पर पृथक रहने (होम आइसोलेशन) की सशर्त अनुमति दे दी है। इसके लिये दिशानिर्देश जल्द ही जारी किये जाएंगे। सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि सरकार द्वारा टेस्टिंग में बढ़ोत्तरी किये जाने से कोविड—19 के लक्षण रहित मामलों में काफी इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा, 'इस पर मुख्यमंत्री से बात करने के बाद हमें उनसे अनुमति मिली है। हमें उससे संबंधित जो दिशानिर्देश स्वास्थ्य मंत्रालय से मिले हैं, उनका अध्ययन कर हम उन्हें जारी करेंगे।' इस सवाल पर कि किसी व्यक्ति को घर पर पृथक रखना है, यह मरीज पर निर्भर करेगा या फिर अस्पताल तय करेगा, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, 'हमें जो दिशानिर्देश मिले हैं उसमें एक स्व:घोषित का फॉर्म होगा। होम आइसोलेशन सिर्फ लक्षण रहित मरीजों के लिए होगा। अगर किसी को हल्का-फुल्का बुखार या अन्य हल्के लक्षण भी होंगे तो उसे एल—2 अस्पताल जाना पड़ेगा। हल्का बुखार या फ्लू होने पर कभी-कभी ऑक्सीजन स्तर कम हो सकता है या और भी परेशानियां हो सकती हैं। उसमें हम बिल्कुल समझौता नहीं करेंगे।' उन्होंने कहा कि घर में पृथक रहने वाले लोगों की अगर तबीयत खराब होती है तो उन्हें चिकित्सा सुविधा तुरंत मिलेगी। ऐसे लोग स्वास्थ्य विभाग की सर्विलेंस टीम से लगातार जुड़े रहेंगे और कॉल सेंटर से उनका संपर्क बना रहेगा। उन्होंने कहा कि घर के अंदर भी निर्धारित दिशानिर्देशों के मुताबिक ही मरीज का पृथक कमरा होगा। अगर मरीज के पास मानक के मुताबिक कमरा होगा तभी उसे घर पर पृथक रहने की इजाजत दी जाएगी। उन्होंने कहा कि घर पर पृथक रहने की सुविधा मिल जाने से ऐसे मरीज भी सामने आएंगे जो अभी तक अपनी बीमारी को छुपा रहे हैं।

महाराष्ट्र में कोविड-19 के 8,240 नये मामले सामने आये

महाराष्ट्र में सोमवार को कोविड-19 के 8,240 नये मामले सामने आये जिससे यहां इसके कुल मामले बढ़कर 3,18,695 हो गए। वहीं मृतक संख्या 12 हजार से अधिक हो गई। यह जानकारी राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने दी। विभाग ने कहा कि दिन में 176 और मरीजों की मौत होने से राज्य में मृतक संख्या बढ़कर 12,030 हो गई। विभाग ने एक बयान में कहा कि 5,460 मरीजों को ठीक होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी दी गई जिससे अभी तक ठीक हुए मरीजों की संख्या बढ़कर 1,75,029 हो गई। विभाग ने कहा कि राज्य में वर्तमान में 1,31,334 उपचाराधीन मामले हैं।

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सामुदायिक स्तर पर फैल रहा संक्रमण

आप के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने सोमवार को कहा कि केंद्र को यह स्वीकार करना होगा कि देश में कोरोना वायरस का संक्रमण सामुदायिक स्तर पर फैल रहा है और इस पर काबू पाने के लिए दिल्ली की तर्ज पर ‘‘बड़े पैमाने पर जांच’’ करनी होगी। राज्यसभा सदस्य ने कहा कि लोगों को यह अंदाजा नहीं है कि संक्रमण सामुदायिक स्तर पर फैल रहा है, इसलिए वे इसकी चपेट में आ रहे हैं। उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अगर आप संक्रमण के स्रोत का पता नहीं लगा पा रहे हैं तो इसका मतलब है कि यह सामुदायिक स्तर पर फैल चुका है।’’ सिंह ने कहा, ‘‘केंद्र को यह स्वीकार करना होगा कि संक्रमण सामुदायिक स्तर पर फैल रहा है, बड़े पैमाने पर जांच करनी होगी तथा और अधिक जांच किट उपलब्ध करवाने होंगे। उन्हें वही करना होगा जो दिल्ली सरकार ने किया।’’ सिंह पर पलटवार करते हुए दिल्ली भाजपा के महासचिव राजेश भाटिया ने कहा कि दिल्ली में आप अपनी ‘‘जिम्मेदारियों से भाग रही है।’’ भाटिया ने कहा, ‘‘रविवार को दिल्ली में जलभराव के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई। जब इस पर उनसे सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार कोरोना वायरस से निपटने में व्यस्त थी, इसलिए नालियों की सफाई पर ध्यान नहीं दे पाई।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब वे कह रहे हैं कि संक्रमण सामुदायिक स्तर पर फैल रहा है। अगर ऐसा है तो इसे रोकने के लिए वे क्या कर रहे हैं। बात ऐसी है कि कोविड की स्थिति दिल्ली सरकार के हाथ से निकल गई थी, जिसे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह काबू में लाए।’’ सिंह ने कहा कि जांच के मामले में भारत काफी पीछे है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में प्रति दस लाख की आबादी पर 1,47,000 जांच की जा रही है, रूस में प्रति दस लाख पर एक लाख जांच की जा रही है वहीं भारत में प्रति दस लाख पर 9,000-10,000 जांच ही हो रही है। उन्होंने कहा, ‘‘इसका मतलब यह है कि देश ‘कोई प्राथमिकी नहीं-कोई अपराध नहीं की तरह कोई जांच नहीं-कोई मामला नहीं’ के फॉमूर्ले पर चल रहा है। उत्तर प्रदेश और बिहार इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं, जहां जांच केवल नाम के लिए हो रही है।’’

जहां कोरोना वायरस संक्रमण, वहां निगरानी टीमें

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को निर्देश दिया कि जिन इलाकों में कोरोना वायरस संक्रमण है, वहां निगरानी टीमें पुन: एक बार जाकर ऐसे लोगों की पहचान करेंगी, जिनमें लक्षण हैं। अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सोमवार को निर्देश दिया कि जिन इलाकों में संक्रमण है, निगरानी टीमें वहां घर-घर जाकर एक बार पुन: ऐसे लोगों की पहचान करेंगी, जिनमें लक्षण हैं। प्रसाद ने कहा कि ऐसे लोगों की पहचान करके एंटीजन जांच करायी जाएगी और संक्रमित निकलने पर उचित उपचार कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से चिकित्सा की त्रिस्तरीय व्यवस्था एल—1, एल—2 और एल—3 अस्पतालों की पहले से है, जिनमें एक लाख 51 हजार से अधिक बिस्तरों की व्यवस्था है। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि 'सेमी पेड फेसिलिटी' की भी व्यवस्था की गयी है। कई शहरों में होटलों को इसके लिए अनुबंधित किया गया है। 'डबल आकुपेंसी' (दो लोगों के रहने के लिए) का 2000 रुपये प्रतिदिन खर्च आएगा यानी एक व्यक्ति को एक दिन का 1000 रुपये देना होगा। अगर दस दिन वहां रहे तो रहने और खाने का दस हजार रुपये तथा 2000 रुपये प्रतीकात्मक चिकित्सा व्यय देना होगा। उन्होंने कहा कि ऐसी जानकारी मिली है कि बहुत से लोग जानते बूझते हुए भी बीमारी को छिपा रहे हैं। ऐसे में विचार किया गया कि क्या कुछ शर्तों के साथ होम आइसोलेशन (घर पर पृथक रहने की व्यवस्था) को लागू कराया जा सकता है। इस बारे में अभी फैसला नहीं किया गया है, जैसे ही अंतिम निर्णय होगा, बताया जाएगा। प्रसाद ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कुल 47,381 कोविड हेल्पडेस्क बन गये हैं। यहां इन्फ्रारेड थर्मामीटर और पल्स आक्सीमीटर से लगातार लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है। प्रारंभिक स्क्रीनिंग इससे आसान हो जाती है। सरकारी और निजी अस्पतालों में हेल्पडेस्क से लक्षण वाले व्यक्तियों की पहचान की जा रही है और उनकी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि अनलॉक की अवधि में लोगों का संपर्क स्वाभाविक रूप से बढ़ा है। जब ऐसा है तो बहुत जरूरी है कि हम ये ना भूलें कि गतिविधियां तो प्रारंभ हो गयीं हैं लेकिन संक्रमण अभी समाप्त नहीं हुआ है। जब तक कोई वैक्सीन या कारगर दवाई नहीं आती है, तब तक हमें बचाव करना है और बचाव के तरीकों का उपयोग करना है।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत उत्तर प्रदेश में मंगलवार से सभी कार्डधारकों को मुफ्त राशन दिया जाएगा। अपर आयुक्त (खाद्य) अनिल कुमार दुबे ने सोमवार को बताया, 'भारत सरकार ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर नवम्बर, 2020 तक यह योजना चलाने का निर्णय लिया है।' उन्होंने कहा कि इसके अनुसार सभी कार्डधारकों को प्रति यूनिट तीन किलो गेहूं तथा दो किलो चावल सरकारी उचित दर की दुकान पर निःशुल्क दिया जाएगा। दुबे ने बताया कि राशन का वितरण दो चरणों में किया जा रहा है । पहले चरण में माह की पांच तारीख से 14 तारीख तक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत चिन्हित पात्र लाभार्थियों को दो रुपए प्रति किलो गेहूं तथा तीन रुपए प्रति किलो की दर से चावल वितरित किया जाता है तथा दूसरे चरण में 21 तारीख से 30 तारीख तक खाद्यान का मुफ्त वितरण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि दूसरे चरण में वितरण की अंतिम तिथि को आधार सत्यापन के माध्यम से खाद्यान्न प्राप्त नहीं कर सकने वाले उपभोक्ताओं के लिए मोबाइल ओटीपी सत्यापन के माध्यम से वितरण पूरा किया जाएगा।

दिल्ली में संक्रमण के 954 नए मामले

दिल्ली में सोमवार को कोरोना वायरस के 954 नए मामले दर्ज किए गए और इसके साथ ही नगर में संक्रमितों की कुल संख्या 1.23 लाख से अधिक हो गयी। वहीं, इस बीमारी के कारण जान गंवाने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 3,663 हो गयी है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। पिछले नौ दिनों से दिल्ली में नए मामलों की संख्या लगातार 1,000 से 2,000 के बीच रही है। सोमवार को इसमें और कमी आयी और यह तीन अंकों में आ गयी। दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार पिछले 24 घंटों में 35 मरीजों की मौत हो गयी। शुक्रवार को शहर में 26 मरीजों की मौत हुयी थी। नौ जून के बाद से यह किसी एक दिन की न्यूनतम संख्या थी। दिल्ली में सोमवार को उपचाराधीन लोगों की संख्या 15,166 रही जबकि उसके एक दिन पहले यह 16,031 थी। राष्ट्रीय राजधानी में 23 जून को 3,947 नए मामले सामने आए थे जो अब तक किसी एक दिन में सामने आयी सर्वाधिक संख्या है। दिल्ली में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या रविवार को 3,628 थी। बुलेटिन में कहा गया कि कोरोना वायरस संक्रमण से अब तक 3,663 मरीजों की मौत हो चुकी है और कुल मामलों की संख्या 1,23,747 हो गयी है।

बिहार में कोरोना वायरस से अब तक 187 लोगों की मौत

बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण पिछले 24 घंटे के दौरान आठ और लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या सोमवार को बढ़कर 187 पहुंच गई। इस महामारी के मामलों की संख्या 27,455 हो गयी है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक बिहार में पिछले 24 घंटे के दौरान पूर्वी चंपारण में दो तथा बेगूसराय, भोजपुर, पूर्णिया, शेखपुरा, सिवान एवं वैशाली जिले में एक-एक व्यक्ति की मौत के साथ प्रदेश में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण से मृतकों की संख्या बढ़कर 187 हो गयी। बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण से अब तक जिन 187 लोगों की मौत हो चुकी है उनमें से पटना में 28, भागलपुर में 16, गया में 13, दरभंगा में 10, पूर्वी चंपारण में 09, बेगूसराय एवं मुजफ्फरपुर में 08, नालंदा, समस्तीपुर, सारण एवं सिवान में 07—07, रोहतास में 06, भोजपुर, खगडिया, मुंगेर, पश्चिम चंपारण एवं वैशाली में 05—05, जहानाबाद एवं नवादा में 04—04, कैमूर, किशनगंज, पूर्णिया एवं सीतामढ़ी में 03—03, अररिया, औरंगाबाद, कटिहार एवं मधुबनी में 02—02 तथा अरवल, बांका, गोपालगंज, जमुई, मधेपुरा, सहरसा, शेखपुरा एवं शिवहर जिले में 01—01 मरीज की मौत हुई है। बिहार में रविवार की शाम चार बजे से सोमवार की शाम चार बजे तक कोरोना वायरस संक्रमण के 1076 नए मामले प्रकाश में आने के साथ प्रदेश में अब तक इस रोग से संक्रमित मामले बढकर 27,455 हो गये हैं। बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण के अब तक जो 27,455 मामले प्रकाश में आए है उनमें पटना जिले के 3894, भागलपुर के 1699, मुजफ्फरपुर के 1156, सिवान के 1107, नालंदा के 1097, बेगूसराय के 1090, रोहतास के 916, गया के 889, पश्चिम चंपारण के 882, नवादा के 857, मुंगेर के 840, समस्तीपुर के 812, भोजपुर के 753, सारण के 720, मधुबनी के 714, खगडिया के 690, पूर्वी चंपारण के 642, गोपालगंज के 638, कटिहार के 578, पूर्णिया के 556, वैशाली के 551, दरभंगा के 521, सुपौल के 516, औरंगाबाद के 494, लखीसराय के 486, जहानाबाद के 479, बक्सर के 451, बांका के 385, जमुई के 368, सहरसा के 369, मधेपुरा के 358, किशनगंज के 346, कैमूर के 315, शेखपुरा के 313, अररिया के 281, अरवल के 275, सीतामढ़ी के 250 तथा शिवहर जिले के 167 मामले शामिल हैं। बिहार में पिछले 24 घंटे के भीतर 10,118 नमूनों की जांच की गयी और कोरोना वायरस संक्रमित 938 मरीज ठीक हुए। इस बीच बिहार में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर स्थिति का आकलन करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल के नेतृत्व में रविवार को राज्य में पहुंची केंद्रीय टीम ने सोमवार को गया जिले का दौरा किया। केंद्रीय टीम ने जिलाधिकारी अभिषेक सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्र और सिविल सर्जन ब्रजेश कुमार सिंह सहित अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर कोरोना वायरस के प्रकोप पर काबू पाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा की गयी व्यवस्थाओं की जानकारी ली।

रात नौ बजे तक दुकानें खोलने की अनुमति देने का आग्रह

खुदरा विक्रेताओं के संगठन ‘रिटेलर्स एसोसियेसन आफ इंडिया (आरएआई) ने सोमवार को राज्यों से आग्रह किया कि किराना और सामान्य कारोबारी दुकानों सहित सभी जरूरी दुकानों को रात नौ बजे तक खोलने की अनुमति दी जानी चाहिये। आरएआई ने जारी एक वक्तव्य में कहा है कि कुछ स्थानों पर जारी पूर्ण लॉकडाउन, कई अन्य स्थानों पर कामकाज के घंटे, दिन सीमित होने की वजह से पहले से ही दबाव में काम कर रहे खुदरा विक्रेताओं का कारोबार और प्रभावित हो रहा है। संगठन ने उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक राज्यों में स्थानीय स्तर पर लगाये गये लॉकडाउन और कुछ इलाकों में अनौपचारिक रूप से लगने वाले प्रतिबंधों का हवाला दिया है। उसका कहना है कि खुदरा विक्रेता पहले ही कम्रचारियों का वेतन देने और दुकानों का किराया चुकाने को लेकर कठिनाई महसूस कर रहे हैं ै लॉकडाउन बढ़ने के कारण उनकी 40 प्रतिशत ही रह गयी है। आरएआई के सीईओ कुमार राजगोपालन ने कहा है कि संघ ने उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक की सरकारों को और स्थानीय प्रशासन को इस संबंध में ज्ञापन सौंपे हैं। इसमें कुछ इलाकों में समय को लेकर लगाये प्रतिबंधों को समाप्त करने का आग्रह किया गया है। बाटा इंडिया के सीईओ संदीप कटारिया ने भी कहा कि दुकान खोलने के सीमित घंटों से कई बार अनावश्यक रूप से भीड़ होती है, ऐसा लोगों की सुरक्षा के लिहाज से ठीक नहीं है। दुकानदारों को भी इसका नुकसान हो सकता है। मेट्रो कैश एण्ड कैरी इंडिया के प्रबंध निदेशक और सीईओ अरविंद मेंदीरत्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सप्ताहांत में सभी स्टोर बंद रखने और बेंगलूरू में कड़ाई से लॉकडार लागू किये जाने से कारोबार पर बहुत बुरा असर पड़ा है। अरविंद लाइुस्टाइल ब्रांड्स के सीईओ हिमांशु चक्रवर्ती ने भी कहा कि स्टोर खोलने का नियमित समय होना चाहिये।

पश्चिम बंगाल के कुछ स्थानों पर सामुदायिक संक्रमण

पश्चिम बंगाल के कुछ क्षेत्रों में कोविड-19 के सामुदायिक संक्रमण होने का जिक्र करते हुए ममता बनर्जी सरकार ने इस बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए राज्यभर में सप्ताह में दो दिन के लिए पूर्ण लॉकडाउन लगाने का सोमवार को ऐलान किया। गृह सचिव अलपान बंदोपाध्याय ने बताया कि राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया। उन्होंने यहां सचिवालय में पत्रकारों से कहा, ''राज्य में कुछ ऐसे स्थान हैं जहां कोविड-19 का सामुदायिक संक्रमण सामने आया है। विशेषज्ञों, डॉक्टरों, कानून प्रवर्तन अधिकारियों और पुलिस से बातचीत करने के बाद हमने (संक्रमण की) इस श्रृंखला को तोड़ने के लिए पूरे राज्य में दो दिन के लिए पूर्ण लॉकडाउन लगाने का निर्णय लिया है।’’ उन्होंने बताया कि इन दोनों दिन सारे कार्यालय और परिवहन सेवाएं बंद रहेंगी। गृहसचिव ने कहा, ''इस सप्ताह बृहस्पतिवार और शनिवार को पूर्ण लॉकडाउन रहेगा। अगले सप्ताह बुधवार (29 जुलाई) को लॉकडाउन रहेगा।’’ उन्होंने बताया कि इस मामले पर और चर्चा करने के लिए अगले सोमवार को एक समीक्षा बैठक की जाएगी।

असम में भाजपा का एक और विधायक संक्रमित

असम के दीसपुर क्षेत्र से भाजपा विधायक अतुल बोरा कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं। उन्हें उपचार के लिए यहां के एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। बोरा सत्तारूढ़ दल के पांचवे विधायक हैं जो संक्रमित पाए गए हैं। कामरूप मेट्रोपोलिटन जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बोरा में संक्रमण की पुष्टि रविवार को हुई। उन्हें सोमवार को गोहाटी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती करवाया गया। रविवार को भाजपा के सोनारी से विधायक नबनीता हांडीक, उनका बेटा, वाहन चालक तथा निजी सहायक भी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे। इससे पहले भाजपा विधायक कृष्णेंदु पॉल, नारायणन डेका और बोलिन चेतिया भी संक्रमित पाए गए थे। पॉल और डेका ठीक हो चुके हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। रविवार को असम में संक्रमण के कुल 23,999 मामले थे जिनमें से 11,080 गुवाहाटी में थे।

केवल 10 फीसदी कर्मचारी बुलाने के निर्देश

उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में कोविड-19 के मामलों में अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी के बीच जिलाधिकारी ने सभी औद्योगिक इकाइयों को कुल कार्मिक क्षमता के केवल 10 प्रतिशत कर्मचारी ही बुलाने के निर्देश दिये हैं। गत रविवार को जिले में 150 व्यक्तियों में कोविड—19 की पुष्टि होने से जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया जिसके बाद जिलाधिकारी सी रविशंकर ने जिले में स्थित सभी कंपनियों को ये निर्देश जारी किए। उन्होंने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए विकासखण्डों, निगमों तथा पालिका क्षेत्रों में संक्रमितों के संपर्क में आये लोगों (कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग) के लिए 30 नयी टीमों का गठन किया है। जिले में अब कुल 58 टीम यह कार्य करेंगी। सिडकुल स्थित एक कंपनी के कर्मचारियों में संक्रमण सामने आने के बारे में उन्होंने कहा कि लगातार स्थिति पर निगरानी रखी जा रही है और जनहित में परिस्थिति अनुसार सख्त फैसले लिए जायेंगे।

रणनीति अभी से बनाने की जरूरत

जैव प्रौद्योगिकी उद्योग की दिग्गज किरण मजूमदार-शॉ ने कहा कि कोविड-19 की वैक्सीन जब भी आए, देश की बड़ी आबादी के टीकाकरण के लिए भारत को तत्काल अपनी टीकाकरण रणनीति बना लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार यह सुनिश्चित करे कि सबसे अधिक जोखिम वाली कम से कम 20 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण किया जाए, तो हम वायरस पर नियंत्रण पा सकते हैं। इसके साथ ही मजूमदार-शॉ ने यह भी कहा कि भारत की 20 प्रतिशत आबादी का अर्थ है 20 से 30 करोड़ लोग, जो एक बड़ी संख्या है। बायोकॉन लिमिटेड की कार्यकारी अध्यक्ष ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘वैक्सीन के बारे में सही अनुमान लगाना मुश्किल है। वैसे इस साल के अंत से लेकर अगले साल के मध्य तक, इसके आने का अनुमान है।’’ उन्होंने कहा कि कुछ वैक्सीन कार्यक्रमों ने क्लीनिकल परीक्षण का तीसरा चरण शुरू किया है, जबकि पहले और दूसरे चरण के मिलेजुले नतीजे देखने को मिले हैं। उन्होंने कहा कि इस बारे में कुछ भी पक्का नहीं है और अमेरिका से आई रिपोर्ट के मुताबिक हर व्यक्ति को वैक्सीन की दो खुराकें लेनी होंगी, यानि ये सस्ती नहीं होगी। उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार इसकी लागत वहन करेगी? उन्होंने कहा कि इस संबंध में दवा अर्थव्यवस्था के नजरिए और प्रतिरक्षात्मक तर्क पर गौर करना होगा तथा दोनों के बीच एक संतुलन बनाना होगा। उन्होंने कहा कि इतने कम समय में 130 अरब लोगों के देश का टीकाकरण नहीं किया जा सकता और इसलिए महामारी विशेषज्ञों को एक मॉडल विकसित करना होगा कि शुरुआत में कम से कम कितने लोगों को टीका लगाना जरूरी होगा। उन्होंने कहा कि भले ही वैक्सीन तैयार करने वाली कंपनियां एक अरब खुराक बनाने जा रही हों, लेकिन ऐसा एक महीने में नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, ‘‘आप प्रति माह अधिकतम आठ करोड़ से 10 करोड़ तक खुराक बना सकते हैं। ऐसे में वे पहले 10 करोड़ लोग कौन होंगे, जिन्हें वैक्सीन दी जाएगी। इस तरह से हमें योजना बनानी होगी।’’ मजूमदार-शॉ ने कहा कि अगर भारत बायोटेक की वैक्सीन, या जाइडस कैडिला की वैक्सीन के आशाजनक परिणाम दिखते हैं तो हम इस साल के अंत तक वैक्सीन बनाना शुरू कर सकते हैं। कोरोना वायरस संक्रमण के बारे में उन्होंने कहा कि पूर्वानुमानों में कहा जा रहा है कि अगले दो-ढाई महीनों से चार महीनों में यह देश के विभिन्न हिस्सों में अपने चरम पर होगा। साल के अंत तक यह देश के सभी हिस्सों में अपने चरम स्तर को छू चुका होगा। उन्होंने कहा कि लेकिन इसके बाद लोगों को संक्रमण की अगली लहर के बारे में पता नहीं है और यही असली चिंता की बात है।

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मप्र में एक दिन में 710 नए मामले

मध्य प्रदेश में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 710 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या 23,310 पहुंच गयी। राज्य में पिछले 24 घंटे में इस बीमारी से 17 और व्यक्तियों की मौत की पुष्टि हुई है जिससे मरने वालों की संख्या 738 हो गयी है। राज्य के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण से भोपाल में चार, इंदौर में तीन, मुरैना में दो और जबलपुर, सागर, ग्वालियर, टीकमगढ़, राजगढ़, विदिशा, सीहोर और आगर-मालवा में एक-एक मरीज की मौत की पुष्टि हुई है।’’ उन्होंने बताया, ‘‘राज्य में अब तक कोरोना वायरस से सबसे अधिक 295 मौत इन्दौर में हुई है। भोपाल में 138, उज्जैन में 71, सागर में 25, बुरहानपुर में 23, खंडवा में 19, जबलपुर में 19, खरगोन में 16, देवास में 10, मंदसौर में नौ, धार में आठ और नीमच में आठ लोगों की मौत हुई है। बाकी मौतें अन्य जिलों में हुई हैं।’’ अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में सोमवार को कोविड—19 के सबसे अधिक 142 नये मामले भोपाल जिले में आये हैं, जबकि इंदौर में 120, मुरैना में 13, ग्वालियर में 68, खरगोन में 36, जबलपुर में 24 एवं बड़वानी में 32 नये मामले आये। बाकी नये मामले अन्य जिलों में आये हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कुल 23,310 संक्रमितों में से अब तक 15,684 मरीज स्वस्थ होकर घर चले गये हैं और 6,888 मरीजों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। उन्होंने कहा कि सोमवार को 373 रोगियों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में राज्य में कुल 2,434 निषिद्ध क्षेत्र हैं।

ओडिशा में संक्रमण के मामले 18,000 के पार पहुंचे

ओडिशा में 673 और लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या 18,000 को पार कर गई। संक्रमण से छह और मरीजों की मौत हो जाने से राज्य में मृतक संख्या बढ़कर 97 हो गई। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि संक्रमण के 673 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमित लोगों की कुल संख्या बढ़कर 18,110 हो गई। अधिकारी ने बताया कि जिन छह और लोगों की मौत हुई है, उनमें से पांच लोगों की मौत राज्य में संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित गंजाम जिले में हुई और एक व्यक्ति की मौत गजपति में हुई। संक्रमण के नए मामले 23 जिलों में सामने आए। राज्य में सर्वाधिक 59 लोगों की मौत गंजाम जिले में हुई है। नए मामलों में सर्वाधिक 239 मामले यहीं से हैं। उन्होंने बताया कि संक्रमण के नए मामलों में से 446 मामले विभिन्न पृथक-वास केंद्रों में सामने आए। अधिकारी ने बताया कि संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाया जा रहा है। राज्य में संक्रमण के 5,532 मरीजों का इलाज चल रहा है जबकि अब तक 12,452 मरीज ठीक हो चुके हैं। अधिकारी ने बताया कि बीते 24 घंटे में कुल 7,500 नमूनों की जांच की गई।

सिक्किम में 21 से 27 जुलाई तक पूर्ण लॉकडाउन

सिक्किम सरकार ने राज्य में 21 जुलाई से 27 जुलाई तक पूर्ण लॉकडाउन लागू करने का सोमवार को निर्णय किया। यह निर्णय हाल में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के मद्देनजर लिया गया है। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। मुख्य सचिव एससी गुप्ता की ओर से जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि राज्य में कोविड-19 स्थिति के प्रबंधन के लिए दिशानिर्देशों की समीक्षा करने के बाद लॉकडाउन लगाने का निर्णय किया गया। इसमें कहा गया है कि सिक्किम में 21 जुलाई सुबह छह बजे से 27 जुलाई सुबह छह बजे तक पूर्ण लॉकडाउन लागू रहेगा। अधिसूचना में कहा गया है कि उनको छोड़कर जिन्हें विशिष्ट छूट प्रदान की गई है, सरकारी कार्यालय, दुकानें, वाणिज्यिक प्रतिष्ठान, संस्थान, बाजार और कारखाने बंद रहेंगे। इसमें यह भी कहा गया है कि अधिकारियों द्वारा दी गई छूटों को छोड़कर सभी गतिविधियाँ, सभा, लोगों की आवाजाही और सामान लाने ले जाने और यात्री वाहनों की आवाजाही निषिद्ध या प्रतिबंधित रहेगी। इसमें कहा गया है कि शैक्षणिक, प्रशिक्षण और कोचिंग संस्थान अगले 31 अगस्त तक बंद रहेंगे। अधिसूचना के अनुसार लॉकाडउन के दिनों के दौरान जिला मजिस्ट्रेट रात साढ़े सात बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू लागू करने के आदेश जारी करेंगे। यह इसलिए ताकि एकदूसरे से दूरी बनाये रखने के नियम, सार्वजनिक साफ सफाई और आरोग्य सेतु ऐप के इस्तेमाल के वर्तमान नियम के साथ लोगों और वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित एवं विनियमित की जा सके। सिक्किम में दो महीनों में कोविड-19 के 283 मामले सामने आए हैं। पहला मामला 23 मई को सामने आया था। अधिकारियों ने कहा कि वर्तमान में 193 उपचाराधीन मरीज हैं, जबकि 90 लोग ठीक हो चुके हैं। 

अनुपम खेर ने कहा, मां अब 'स्वस्थ' हैं

दिग्गज अभिनेता अनुपम खेर ने सोमवार को कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमित उनकी मां को डॉक्टरों ने ‘‘स्वस्थ’’ घोषित किया है और वह अब घर पर ही पृथक-वास में रहेंगी। खेर ने 12 जुलाई को कहा था कि उनकी मां दुलारी, भाई राजू और उनके परिवार को कोविड-19 से पीड़ित पाया गया है। 65 वर्षीय अभिनेता ने ट्विटर पर अपनी मां के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी साझा की, जिन्हें इलाज के लिए कोकिलाबेन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। खेर ने एक वीडियो साझा करते हुये लिखा, ‘‘कोकिलाबेन अस्पताल के डॉक्टरों ने सभी चिकित्सा मानदंडों से माँ को स्वस्थ घोषित किया है। वह अब घर पर ही पृथक-वास में रहेंगी।’’ उन्होंने कहा, "प्रेम का असर होता है। सुरक्षित रहें लेकिन कोविड पॉजिटिव रोगी/परिवारों से भावनात्मक रूप से दूर न रहें! डॉक्टर और नगर निगम के अधिकारी/कर्मचारी असली हीरो हैं।’’ वीडियो क्लिप में, खेर ने कहा कि उनके भाई, उनकी भाभी रीमा और उनकी भतीजी बृंदा, पहले से ही घर पर ही पृथक-वास में रह रहे हैं, और उनके स्वास्थ्य में भी सुधार हो रहा है।

महाराष्ट्र के सांगली में 22 से 30 जुलाई तक लॉकडाउन

कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर सांगली में 22 जुलाई की रात दस बजे से 30 जुलाई तक लॉकडाउन लगाया जाएगा। प्रभारी मंत्री जयंत पाटिल ने सोमवार को यह जानकारी दी। राज्य के जल संसाधन मंत्री पाटिल ने यहां से करीब 390 किमी दूर पश्चिमी महाराष्ट्र के इस जिले में कोविड-19 संबंधी हालात का जायजा किया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हम सांगली जिले में फिर से लॉकडाउन नहीं लगाना चाहते थे। लेकिन कुछ हिस्सों में संक्रमण के मरीज बढ़ रहे हैं इसलिए मजबूरीवश हमें लॉकडाउन की घोषणा करना पड़ी। लोगों ने लॉकडाउन के दौरान अब तक सहयोग किया और उम्मीद है कि आने वाले वक्त में भी वे सहयोग करेंगे।’’ उन्होंने ग्रामीण इलाकों के लोगों से ‘‘जनता कर्फ्यू’’ रखने की अपील की। सांगली जिले में सोमवार तक कोविड-19 के 896 मामले हैं तथा 27 लोगों की मौत हो चुकी है।

कोविड-19 इकाई खोलने की योजना

कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में लगातार हो रही वृद्धि के मद्देनजर पश्चिम बंगाल सरकार सभी निजी और सरकारी अस्पताल में कोविड-19 इकाई खोलने की योजना बना रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, “सभी सरकारी अस्पतालों को आधारभूत ढांचा सुधारने और अलग कोविड-19 इकाई के लिये पहले ही निर्देश जारी किया जा चुका है।” सरकार कम से कम 19 और रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमेरेज चेन रियेक्शन (आरटी-पीसीआर) मशीन खरीदने की योजना बना रही है जिससे राज्य में रोजाना कम से कम 25 हजार जांच सुनिश्चित हो सकें। अधिकारी ने बताया, “पश्चिम बंगाल में जिस तरह कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं वो बेहद चिंताजनक है। इस प्रसार को रोकने का सबसे अच्छा तरीका ज्यादा जांच करना और आधारभूत ढांचे को बढ़ाना है…हमनें बंगाल के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में कोविड-19 इकाई स्थापित करने की योजना बनाई है।” उन्होंने कहा कि पहले चरण में दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना और पूर्व और पश्चिम मिदनापुर जिलों में सरकारी अस्पतालों में यह इकाइयां स्थापित की जाएंगी। अधिकारी ने कहा, “जिलों में अस्पतालों में मौजूदा बिस्तरों की संख्या बढ़ाना हमारे पास एक मात्र विकल्प है। इससे शहर के अस्पतालों पर भी दबाव कम होगा।” राज्य सचिवालय में सूत्रों में कहा कि इस हफ्ते “सरकारी और निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों के साथ एक प्रशासनिक स्तरीय बैठक होगी।” अधिकारी के मुताबिक फिलहाल रोजाना हो रही औसतन 10,500 जांच को बढ़ाकर 25,000 जांच प्रतिदिन करना भी कोई “छोटा काम नहीं” है। उन्होंने कहा, “जांच की संख्या बढ़ाकर ही हमें राज्य में कोविड-19 के प्रसार की सही स्थिति का अंदाजा हो सकता है। लेकिन जांच की संख्या बढ़ाना आसान नहीं है। पहले हम जांच बढ़ाकर 20 हजार करने की योजना बना रहे थे अब इसे 25 हजार कर दिया गया है। हम पहले से मौजूद आरटी-पीसीआई जांच मशीनों की संख्या में 19 और मशीनों का इजाफा करने जा रहे हैं।” 

पंजाब में 411 नए मरीज, आठ की मौत

पंजाब में सोमवार को कोरोना वायरस के एक दिन में सबसे ज्यादा 411 मरीजों की पुष्टि हुई जिसके बाद पुष्ट मामलों की संख्या साढ़े 10 हजार के पार चली गई। संक्रमण के कारण आठ और संक्रमितों ने दम तोड़ दिया। इससे पहले, 14 जुलाई को राज्य में एक दिन में सबसे ज्यादा 357 मामले आए थे। मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक, राज्य में संक्रमण के कारण अब तक 262 लोगों की मौत हो चुकी है। बुलेटिन में बताया गया है कि पटियाला में 94, लुधियाना में 83, अमृतसर में 27 और जालंधर में 26 नए मामले सामने आए हैं। बुलेटिन में कहा गया है कि नए मामलों में लुधियाना के दो पुलिस कर्मी जबकि संगरुर, बठिंडा, कपूरथला, बरनाला और फतेहगढ़ साहिब का एक-एक पुलिस कर्मी शामिल है। बुलेटिन में बताया गया है कि 583 मरीजों को ठीक होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी दी गई है। अब तक 7,118 लोग कोरोना वायरस से ठीक हो चुके हैं। उसमें बताया गया है कि संक्रमण का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या 3,130 है। संक्रमण के कुल 10,510 मामले हो चुके हैं। सबसे ज्यादा मामले लुधियाना में हैं, जहां 1,926 लोग कोविड-19 की चपेट में आए। इसके बाद जालंधर में 1703, अमृतसर में 1012 और पटियाला में 754 मामले हैं। बुलेटिन के मुताबिक, 10 मरीजों की हालत नाजुक है और वे वेंटिलेटर पर हैं जबकि 58 मरीजों को ऑक्सीजन दी जा रही है। बुलेटिन में बताया गया है कि अब तक कुल 4,66,057 नमूनों की जांच की चुकी है।

आईसीसी ने टी20 विश्व कप स्थगित किया

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने ऑस्ट्रेलिया में होने वाला टी20 विश्व कप कोविड-19 महामारी के कारण सोमवार को स्थगित कर दिया, जिससे भारतीय क्रिकेट बोर्ड़ (बीसीसीआई) के लिए अक्टूबर-नवंबर मे इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के आयोजन का रास्ता साफ हो गया। आईसीसी से जारी बयान में कहा गया, ''आईसीसी ने ऑस्ट्रेलिया में प्रस्तावित पुरुष टी20 विश्व कप 2020 को कोविड-19 महामारी के कारण स्थगित कर दिया।’’ टी20 विश्व कप का आयोजन 18 अक्टूबर से 15 नवंबर तक होना था लेकिन क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने मई के महीने में ही आईसीसी को सूचित कर दिया था कि मौजूदा परिस्थितियों में टूर्नामेंट की मेजबानी करना लगभग असंभव होगा। 16 अंतरराष्ट्रीय टीमों के लिए पृथकवास का इंतजाम करना मुश्किल होगा। इसके साथ ही 2023 में भारत में प्रस्तावित एकदिवसीय विश्व कप मार्च-अप्रैल की जगह नवंबर में खेला जाएगा ताकि क्वालीफाइंग प्रकिया के लिए समय मिल सके। बयान में कहा गया, ''आज की बैठक में आईअीसी बोर्ड (आईसीसी की वाणिज्यिक इकाई) ने कोविड-19 के कारण प्रभावित क्रिकेट को पूरा करने के लिए अगले तीन साल के कैलेंडर में ज्यादा स्पष्टता लाने की कोशिश की ताकि सबसे अच्छा अवसर मिल सके।''

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नौ करोड़ खुराक खरीदने के लिए किया समझौता

ब्रिटेन सरकार ने कहा है कि कोरोना वायरस के इलाज के लिए तैयार हो रहे टीकों की नौ करोड़ खुराक खरीदने के संबंध में उसने समझौतों पर दस्तखत किये हैं। व्यापार मंत्री आलोक शर्मा ने सोमवार को इसकी घोषणा की। मंत्रिमंडल में शामिल भारतवंशी केंद्रीय मंत्री शर्मा ने कहा कि सरकार ने अग्रणी दवा और टीका कंपनियों-फाइजर, बायोएनटेक और वलनेवा के साथ महत्वपूर्ण भागीदारी की है। ये कंपनियां कोरोना वायरस के उपचार के लिए टीका तैयार कर रही हैं। शर्मा ने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर टीका तैयार करने का प्रयास चल रहा है और हमने ब्रिटेन के नागरिकों को जल्द से जल्द असरदार टीका मुहैया कराने के प्रयासों के तहत यह कदम उठाया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया की अग्रणी दवा और टीका कंपनियों के साथ इस नयी भागीदारी से सुनश्चित होगा कि टीका तैयार होने पर ब्रिटेन के लोगों तक इसकी पहुंच हो।’’ उन्होंने कहा, ‘‘महत्वपूर्ण प्रायोगिक अध्ययन में भागीदारी कर हम जल्द से जल्द महामारी को खत्म करने के लिए टीका की तलाश के अभियान को गति देंगे।’’ समझौते के तहत कोविड-19 के तीन अलग-अलग टीकों तक ब्रिटेन सरकार की पहुंच होगी। इसके तहत जल्द से जल्द प्रभावी और सुरक्षित टीका ब्रिटेन को मिलेगा। व्यापार, ऊर्जा और औद्योगिक रणनीति (बीईआईएस) विभाग ने कहा है कि नयी भागीदारी से इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड को टीका की पर्याप्त खुराक मिलेगी। अग्रणी मोर्चे पर काम रहे लोगों सहित जिन लोगों को पहले इसे दिए जाने की जरूरत है, उसे खुराक दी जाएगी। इसके साथ नयी टीका के लिए पंजीकरण वेबसाइट भी शुरू की जाएगी इसमें लोग प्रायोगिक परीक्षण में शामिल होने को लेकर अपनी दिलचस्पी जाहिर करेंगे । ब्रिटेन में बड़े पैमाने पर टीका के अध्ययन के लिए अक्टूबर तक इसमें 5,00,000 लोगों को शामिल करने का लक्ष्य है। बीईआईएस ने बताया कि बड़े स्तर पर प्रायोगिक परीक्षण से वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को हरेक टीका के असर के बारे में बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलेगी और सुरक्षित तथा कामचलाऊ टीका तैयार करने को गति मिलेगी। ब्रिटेन सरकार डेटा के आधार पर अध्ययन के लिए स्वास्थ्य विज्ञान कंपनी जोई के साथ भी काम कर रही है। ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हेंकॉक ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस को हराने और आम जन-जीवन में लौटने के लिए सुरक्षित और प्रभावी टीका ही एकमात्र उम्मीद है। हमारे वैज्ञानिक और अनुसंधानकर्ता हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं। मैं लोगों से पंजीकरण के लिए आगे आने का अनुरोध करता हूं ताकि जल्द से जल्द टीका की तलाश की जाए।’’ 

त्वरित प्रतिरोधक प्रतिक्रिया दी

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का कहना है कि उनके प्रायोगिक कोरोना वायरस टीके ने शुरुआती परीक्षण में सैकड़ों लोगों में सुरक्षात्मक प्रतिरोधक प्रतिक्रिया उत्पन्न की है, जिन्हें यह टीका लगाया गया था। ब्रिटिश शोधकर्ताओं ने पहली बार अप्रैल में लगभग 1,000 लोगों में टीके का परीक्षण शुरू किया था, जिनमें से आधे लोगों को प्रायोगिक टीका लगाया गया था। इस तरह के शुरुआती परीक्षणों को आमतौर पर केवल सुरक्षा का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है, लेकिन इस मामले में विशेषज्ञ यह भी देखना चाह रहे थे कि इसकी किस तरह की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया होगी। ‘लांसेट’ नामक पत्रिका में सोमवार को प्रकाशित शोध में, वैज्ञानिकों ने कहा कि उन्होंने पाया कि उनके प्रायोगिक कोविड-19 टीके ने 18 से 55 वर्ष की आयु के लोगों में दोहरी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न की है। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में जेनर इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. एड्रियन हिल ने कहा, ‘‘हम लगभग हर किसी में अच्छी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया देख रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह टीका विशेष रूप से प्रतिरक्षा प्रणाली के दोनों दोनों पक्षों को मजबूत कर देता है।’’ हिल ने कहा कि एंटीबॉडी को निष्क्रिय करने से जो परमाणु उत्पन्न होते हैं जो संक्रमण को रोकने के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा, इस टीका से शरीर की टी-कोशिकाओं में एक प्रतिक्रिया होती है जो कोरोना वायरस से लड़ने में मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि टीके की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करने वाले बड़े परीक्षणों में ब्रिटेन के लगभग 10,000 लोगों के साथ-साथ दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील के प्रतिभागी शामिल हैं। ये परीक्षण अभी बड़े पैमाने पर जारी हैं। अमेरिका में जल्द ही एक और बड़ा परीक्षण शुरू होने वाली है, जिसमें लगभग 30,000 लोगों को शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है। टीके की प्रभावशीलता का निर्धारण वैज्ञानिक कितनी जल्दी कर पाते हैं, यह बहुत हद तक इस बात पर निर्भर करेगा कि वहाँ कितना अधिक परीक्षण होता है, लेकिन हिल ने अनुमान लगाया कि उनके पास यह सुनिश्चित करने के लिए वर्ष के अंत तक पर्याप्त डेटा हो सकता है कि क्या टीका को सामूहिक टीकाकरण अभियानों के लिए अपनाया जाना चाहिए। हिल ने कहा कि ऑक्सफोर्ड का टीका बीमारी और उसके प्रसार को कम करने के लिए बनाया गया है। हिल ने कहा कि ऑक्सफोर्ड ने वैश्विक स्तर पर अपने टीके के उत्पादन के लिए दवा निर्माता कंपनी एस्ट्राजेनेका के साथ साझेदारी की है और कंपनी पहले ही दो अरब खुराक बनाने की प्रतिबद्धा जता चुकी है।

-नीरज कुमार दुबे

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