Unlock 4 के 26वें दिन तक 7 करोड़ लोगों की जाँच, कुल संक्रमितों की संख्या 60 लाख के करीब

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देश का यात्रा और पर्यटन क्षेत्र अब भी कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित है, लेकिन 71 प्रतिशत युवा (मिलेनियल्स) अगले छह महीने के भीतर देश में यात्रा करने को तैयार हैं। बिजनेस ऑफ ट्रैवल ट्रेड के ट्रैवल सेंटिमेंट ट्रैकर के अनुसार युवा पर्यटन क्षेत्र को उबारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

भारत में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के सामने आए 85,362 मामलों में से 75 प्रतिशत मामले 10 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने बताया कि अब तक देश में कोरोना वायरस संक्रमण के लिए सात करोड़ नमूनों की जांच हो चुकी है। वहीं देश में प्रतिदिन जांच की क्षमता 14 लाख के पार चली गई है। जिन दस राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में संक्रमण के 75 फीसदी नए मामले सामने आए हैं उनमें महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ शामिल हैं। मंत्रालय ने बताया कि महाराष्ट्र में संक्रमण के सर्वाधिक 17,000 मामले सामने आए हैं इसके बाद कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में क्रमश: आठ और सात हजार मामले हैं। इसके अलावा एक दिन में संक्रमण से हुई 1,089 लोगों की मौत में से 83 प्रतिशत मामले महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली और छत्तीसगढ़ से हैं। महाराष्ट्र में 24 घंटे में 416 मरीजों की मौत हुईं, इसके बाद कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में क्रमश: 86 और 84 मरीजों की मौत हुई। मंत्रालय ने बताया कि भारत ने परीक्षण के बुनियादी ढांचे को तेजी से बढ़ाया है, आज की तारीख में देश में 1,823 प्रयोगशालाएं हैं। इनमें 1,086 सरकारी और 737 निजी प्रयोगशालाएं हैं। गौरतलब है कि भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के 85,362 नए मामले सामने आने के बाद अब तक संक्रमित लोगों की कुल संख्या 59 लाख के पार चली गई है।

उत्तराखंड में कोविड-19 के 949 नये मामले

उत्तराखंड में कोविड-19 से 11 और मरीजों की मौत हो जाने से कुल मृतक संख्या बढ़ कर शनिवार को 566 हो गई, जबकि संक्रमण के 949 नये मामले भी सामने आये। स्वास्थ्य बुलेटिन के मुताबिक 949 मामले सामने आने से राज्य में संक्रमण के कुल मामले बढ़ कर 46,281 हो गये हैं। इसमें कहा गया है कि राज्य में कुल 34,649 मरीज इस रोग से अब तक उबर चुके हैं। वहीं, 11 और मरीजों की मौत हो जाने से कुल मृतक संख्या बढ़ कर 566 हो गई। बुलेटिन के मुताबिक राज्य में कोविड-19 के कुल 10,856 मरीज इलाजरत हैं।

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पश्चिम बंगाल में कोविड-19 के 3181 नये मामले

पश्चिम बंगाल में शनिवार को कोविड-19 के 3181 नये मामले आए तथा 56 और मरीजों की मौत हो गयी। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने एक बुलेटिन में बताया है कि संक्रमण के नए मामलों के साथ संक्रमितों की संख्या 2,44,240 हो गयी है। संक्रमण से अब तक 4721 मरीजों की मौत हो चुकी है। बुलेटिन के मुताबिक पिछले 24 घंटे में 2955 मरीज ठीक हो गए । राज्य में ठीक होने की दर 87.61 प्रतिशत है। वर्तमान में 25,544 मरीजों का उपचार चल रहा है। राज्य में शुक्रवार से 43,285 नमूनों की जांच की गयी।

कोविड-19 के मामले बढ़ने का कारण पता लगाएं

तमिलनाडु के कम से कम 15 जिलों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए मुख्य सचिव के. षणमुगम ने शनिवार को सभी जिलाधिकारियों को महामारी का प्रकोप बढ़ने के कारणों का पता लगाने का निर्देश दिया। उन्होंने जिलाधिकारियों से कहा कि वह मृतक संख्या को कम करने के लिए उचित उपाय करें। प्रदेश में शनिवार को कोरोना वायरस के 5,647 नए मामले सामने आए तथा 85 संक्रमितों की मौत हुई। यहां संक्रमण के कुल 5,75,017 मामले हैं तथा मृतक संख्या 9,233 पर पहुंच गई है। राज्य में कुल 46,336 संक्रमित व्यक्तियों का उपचार चल रहा है। षणमुगम ने कहा, ‘‘जिलाधिकारी कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के पीछे कारण का पता लगाएं और मृतक संख्या कम करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।’’

मध्य प्रदेश में संक्रमण के 2,311 नए मामले

मध्य प्रदेश में शनिवार को कोरोना वायरस से संक्रमण के 2,311 नए मामले सामने आए और इसके साथ ही प्रदेश में इस वायरस से अब तक संक्रमित पाये गये लोगों की कुल संख्या 1,19,899 तक पहुंच गयी। राज्य में पिछले 24 घंटों में इस बीमारी से 29 और व्यक्तियों की मौत की पुष्टि हुई है जिससे मरने वालों की संख्या 2,181 हो गयी है। मध्य प्रदेश के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया, ‘‘पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण से इंदौर में सात, भोपाल में चार, ग्वालियर में तीन, जबलपुर, खरगोन, होशंगाबाद एवं टीकमगढ़ में दो-दो, सागर, नीमच, बैतूल, दमोह, खंडवा, अनुपपुर एवं आगर मालवा में एक-एक मरीज की मौत की पुष्टि हुई है।’’ उन्होंने बताया, ‘‘राज्य में अब तक कोरोना वायरस से सबसे अधिक 538 मौत इंदौर में हुई हैं, जबकि भोपाल में 375, उज्जैन में 92, सागर में 95, जबलपुर में 138 एवं ग्वालियर में 118 लोगों की मौत हुई हैं। बाकी मौतें अन्य जिलों में हुई हैं।’’ अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में शनिवार को कोविड-19 के सबसे अधिक 445 नए मामले इंदौर जिले में आये हैं, जबकि भोपाल में 273, ग्वालियर में 151, जबलपुर में 199, शहडोल में 43, नरसिंहपुर में 79, उज्जैन में 37, खरगोन में 68 एवं धार में 71 नए मामले आये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कुल 1,19,899 संक्रमितों में से अब तक 95,490 मरीज स्वस्थ होकर घर चले गये हैं और 22,228 मरीजों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को 2,252 रोगियों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

बिहार में कोविड-19 के 1,457 के नये मरीज

बिहार में कोरोना वायरस से संक्रमण के कारण पिछले 24 घंटे में पांच और व्यक्तियों की मौत हो गयी। इसके साथ ही प्रदेश में इस महमारी में जान गंवाने वालों की संख्या शनिवार को बढ़कर 886 हो गयी। वहीं इस अवधि में कोविड-19 के 1,457 नये मरीजों के सामने आने से राज्य में अबतक संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढ़कर 1,77,355 हो गयी है। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक बिहार में पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना वायरस के संक्रमण से भागलपुर में तीन तथा मुजफ्फरपुर एवं पूर्वी चंपारण जिले में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। इसके साथ ही प्रदेश में इस रोग से संक्रमित होकर मरने वालों की संख्या शनिवार को बढ़कर 886 हो गयी। बिहार में शुक्रवार अपराह्न चार बजे से शनिवार चार बजे के बीच कोविड-19 के 1,457 नये मरीज प्रकाश में आए जिन्हें मिलाकर प्रदेश में अबतक कुल संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 1,77,355 हो गयी है। बिहार में पिछले 24 घंटे के भीतर 1,50,673 नमूनों की जांच की गयी और कोरोना वायरस से संक्रमित 1622 मरीज ठीक हुए। बिहार में अब तक 67,30,100 नमूनों की जांच की गयी है। वहीं 1,63,132 मरीज ठीक हुए हैं। बिहार में वर्तमान में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या 13,336 है और कोरोना मरीजों के ठीक होने की दर 91.98 प्रतिशत है।

राजस्थान में संक्रमण से 14 और लोगों की मौत

राजस्थान में कोरोना वायरस के संक्रमण से शनिवार को 14 और लोगो की मौत हो गई, जिन्हें मिलाकर प्रदेश में 1,426 लोगों की अबतक जान जा चुकी है। वहीं, इस अवधि में 2,047 नये मामले सामने आने के बाद राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,26,775 हो गई है। अधिकारियों ने बताया कि शनिवार शाम छह बजे तक के बीते 24 घंटों में राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण से 14 और मौत हुई हैं। जिससे मरने वालों की संख्या अब बढ़कर 1426 हो गयी। उन्होंने बताया कि जयपुर में कोरोना वायरस के संक्रमण से अब तक 317, जोधपुर में 141, बीकानेर में 108, अजमेर में 101, कोटा में 97, भरतपुर में 78 मौत हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक कुल 1,05,994 लोग कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। इसके साथ ही शुक्रवार को संक्रमण के 2,045 नये मामले सामने आने से राज्य में इस घातक वायरस से संक्रमितों की अब तक की कुल संख्या 1,26,775 हो गयी जिनमें से 19,355 रोगी उपचाराधीन हैं। अधिकारियों ने बताया कि नये मामलों में जयपुर के 415, जोधपुर के 335, अलवर के 153, बीकानेर के 108, अजमेर के 100, भीलवाड़ा के 90 नये मरीज शामिल हैं।

उत्तर प्रदेश में कोविड-19 के 4,412 नये मरीज

उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटो में कोविड-19 के 4,412 नये मरीज सामने आये हैं। इन्हें मिलाकर प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 3,82,835 पहुंच गयी है। अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने शनिवार को बताया कि प्रदेश में कोविड-19 से मरने वालो का आंकड़ा बढ़कर 5,517 हो गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 57,086 है जबकि 3,20,232 रोगी ठीक हो गये हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में शुक्रवार को एक लाख 56 हजार नमूनों के परीक्षण किये गये और अबतक प्रदेश में कुल 94 लाख से अधिक नमूनों की जांच हो चुकी है।

संक्रमण का दूसरा दौर शुरू होने के खतरा

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने और अधिक लोगों के काम पर लौटने से कोरोना वायरस संक्रमण का 'दूसरा दौर' शुरू होने की आशंका जतायी है। उन्होंने लोगों से नियमों का सख्ती से पालन करने का आग्रह किया है। कोविड-19 हालात पर मराठवाड़ा और नासिक संभाग के मंत्रियों और अधिकारियों के साथ डिजिटल बैठक में ठाकरे ने ऐसे लोगों के बिना पर्याप्त ऐहतियात के बाहर निकलने पर चिंता व्यक्त की जो कोरोना वायरस से संक्रमित हैं, लेकिन उनमें संक्रमण के लक्षण दिखाई नहीं दिये हैं। ठाकरे ने कहा कि मृत्युदर कम करने पर ध्यान दिया जाना चाहिये। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा कि लोग मास्क पहनने जैसे स्वास्थ्य नियमों का पालन कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाने का भी निर्देश दिया। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के अनुसार राज्य में 25 सितंबर तक कोरोना वायरस संक्रमण के 13,00,757 मामले सामने आ चुके हैं। 34,761 लोगों की मौत हो चुकी है। ठाकरे ने कहा, 'ब्रिटेन में, ऐसे रोगियों का घरों में इलाज किया जा रहा है, जिनमें लक्षण दिखाई नहीं दिये हैं। लेकिन प्रतिदिन उनकी जांच की जा रही है। जरूरत पड़ने पर उन्हें अस्पताल भेजा जा रहा है। हम ऐसे रोगियों को घरों में पृथक रहने की अनुमति दे रहे हैं, लेकिन वे बाहर निकलकर दूसरों को भी संक्रमित कर रहे हैं।' मुख्यमंत्री ने कहा, 'इससे (कोरोना वायरस संक्रमण) का दूसरा दौर शुरू होने का खतरा है क्योंकि अब और अधिक लोग काम के लिये बाहर निकल रहे हैं। साथ ही वरिष्ठ नागरिकों के घर बैठे ही संक्रमित होने का भी खतरा है।'

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शादीघर के मालिकों ने दोबारा खोले जाने की मांग की

शादीघर एवं रिसॉर्ट मालिकों के एक संगठन ने शनिवार को पंजाब सरकार से इन्हें दोबारा खोले जाने की मांग की और कहा कि कोरोना वायरस से बचाव संबंधी नियमों का पालन सुनिश्चित करने के साथ ही उन्हें संचालन की अनुमति दी जाए। साथ ही संगठन ने चेतावनी दी कि अगर उन्हें इस महीने के अंत तक इसकी अनुमति नहीं दी गई तो वे धरना देने को मजबूर होंगे। पंजाब मैरिज पैलेस एंड रिसॉर्ट एसोसिएशन (पीएमपीएआरए) के अध्यक्ष सुखदेव सिंह सिद्धू ने कहा कि वे यह समझने में असमर्थ हैं कि भरपूर जगह वाले बगीचे, हॉल और वाहन पार्किंग की उपुयक्त व्यवस्था होने के बावजूद उन्हें संचालन की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही? उन्होंने कहा कि इसके विपरीत कम जगह होने के बावजूद होटलों, रेस्त्रां, मॉल, जिम और बाजारों को संचालन की अनुमति दी गई है। सिद्धू ने कहा कि वे लोग भी बेहद आसानी से कोरोना वायरस की रोकथाम संबंधी मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि संगठन पहले ही इस बारे में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को एक पत्र सौंप चुका है। सिद्धू ने कहा कि पंजाब में 5,000 से अधिक शादीघर एवं रिसॉर्ट हैं जो पिछले सात महीनों से बंद हैं।

बैठने की क्षमता को बढ़ाने को मांग की

पश्चिम बंगाल में बार और रेस्तरां के मालिकों राज्य सरकार से ग्राहकों के बैठने की क्षमता को मौजूदा 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने का आग्रह किया है। उनका कहना है कि वे अभी परिचालन खर्च नहीं निकाल पा रहे हैं, ऐसे में ग्राहकों के बैठने की सीमा को बढ़ाया जाना चाहिये। कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये मार्च के अंतिम सप्ताह से लागू देशव्यापी लॉकडाउन के बाद बार और रेस्तरां बंद चल रहे थे। इन्हें एक सितंबर से परिचालन शुरू करने की अनुमति मिली है। हालांकि बार और रेस्तरां को सिर्फ 50 प्रतिशत क्षमता के साथ ही परिचालन की अनुमति है। होटल्स एंड रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन ऑफ ईस्टर्न इंडिया के अध्यक्ष सुदेश पोद्दार ने कहा, ‘‘हम राज्य सरकार से रेस्तरां और बार में बैठने की क्षमता को बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने का आग्रह करेंगे। इस संबंध में सोमवार को राज्य के मुख्य सचिव को एक पत्र भेजा जायेगा।’’

झारखंड में कोविड-19 के 1,261 नये मरीज

झारखंड में गत 24 घंटे में कोरोना वायरस के संक्रमण से नौ और व्यक्तियों की मौत हो गयी जिन्हें मिलाकर राज्य में अब तक इस महमारी में कुल 664 व्यक्तियों की जान जा चुकी हैं। वहीं, इस अवधि में 1कोविड-19 के 261 नये मरीज सामने आए। इसके साथ ही राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 77,709 हो गयी है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा शनिवार दिन में जारी रिपोर्ट के अनुसार राज्य में पिछले 24 घंटो में नौ और कोविड-19 मरीजों की मौत हो गयी जिन्हें मिलाकर राज्य में संक्रमण से मरने वालों की संख्या बढ़कर 664 तक पहुंच गयी है। इसके अलावा राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमण के पिछले 24 घंटे में 1,261 नये मामले दर्ज किये गये जिन्हें मिलाकर अब राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या 77,709 हो गयी है। राज्य के कुल 77,709 संक्रमितों में से 64,515 अब तक ठीक होकर अपने घरों को लौट चुके हैं। इसके अलावा 12,530 अन्य संक्रमितों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में जारी है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक गत 24 घंटों में झारखंड में कुल 42,091 नमूनों की जांच की गई जिनमें से 1,261 की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी। विभाग के मुताबिक शनिवार को पूर्वी सिंहभूम में 144 नये संक्रमित सामने आए जबकि राजधानी रांची में 410 नये कोविड-19 मरीज सामने आये हैं। राज्य में कोविड-19 से जिन नौ व्यक्तियों की मौत हुयी है, उनमें पूर्वी सिंहभूम और पश्चिमी सिंहभूम के दो-दो और बोकारो का एक मरीज शामिल है।

सिसोदिया की तबीयत में सुधार

कोविड-19 और डेंगू का सामना कर रहे दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की तबीयत में सुधार हुआ है और उन्हें आईसीयू से सामान्य वार्ड में ले जाया जा सकता है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। शुक्रवार को उनकी प्लाज्मा थैरेपी की गई थी। सिसोदिया को बृहस्पतिवार शाम प्लेटलेट की संख्या गिरने और ऑक्सीजन का स्तर कम होने के चलते साकेत के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। फिलहाल वहीं पर उनका इलाज चल रहा है। मैक्स अस्पताल के सूत्रों के अनुसार सिसोदिया की तबीयत बेहतर है। सिसोदिया के कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा, 'उनके स्वास्थ्य से जुड़े पहलू अब बेहतर हैं। उनकी सेहत में सुधार हुआ है और आज उन्हें आईसीयू से सामान्य वार्ड में भेज दिया जाएगा।' सिसोदिया 14 सितंबर को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे। उसके बाद वह घर में पृथक-वास में चले गए थे। बुधवार को उन्हें इलाज के लिये लोक नायक जय प्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अगले ही दिन उन्हें डेंगू हो गया था, जिसके बाद उन्हें मैक्स अस्पताल के आईसीयू में भर्ती किया गया था। उपमुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया था कि सिसोदिया की प्लाज्मा थैरेपी की गई है और अब उनकी तबीयत ठीक है।

संक्रमण की दर में आई कमी पर संतोष व्यक्त किया

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में पिछले एक सप्ताह में कोरोना वायरस से संक्रमण की दर में आई उल्लेखनीय कमी पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक अच्छा संकेत है, जो सिद्ध करता है कि संक्रमण को नियंत्रित करने में प्रदेश सरकार की रणनीति कारगर सिद्ध हो रही है। एक सरकारी बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को यहां अपने सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक में अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कोरोना वायरस के संक्रमण को नियंत्रित करने में टीम भावना के साथ प्रभावी कार्यवाही किए जाने पर बल देते हुए कहा है कि बेहतर समन्वय से इस महामारी के प्रकोप को नियंत्रित किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में जांच कार्य काफी अच्छे ढंग से किया जा रहा है। इस कार्य को आगे भी इसी प्रकार जारी रखा जाए। सभी चिकित्सालयों में ऑक्सीजन की सुचारू उपलब्धता बैकअप सहित सुनिश्चित की जाए। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य जिला चिकित्सालयों, सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में तथा अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा मेडिकल कॉलेज तथा चिकित्सा संस्थानों में दवाओं एवं अन्य आवश्यक मेडिकल सामग्री की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखें। मुख्यमंत्री ने लखनऊ जिले में विशेष ध्यान दिए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि जिले के नोडल अधिकारी अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य तथा अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा से विचार-विमर्श कर जिले में संक्रमण को नियंत्रित करने का एक अच्छा मॉडल प्रस्तुत करें। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश को 16 जिलों में संक्रमण को प्रभावी रूप से नियंत्रित करने के लिए शासन द्वारा अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव स्तर के नोडल अधिकारियों की तैनाती की गई है। उन्होंने चिकित्सा शिक्षा मंत्री से अपेक्षा की कि वह लखनऊ जिला सहित समस्त 16 जिलों के नोडल अधिकारियों से संवाद बनाकर उन्हें आवश्यक मार्गदर्शन तथा दिशा-निर्देश प्रदान करेंगे।

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चार लाख टेलीफोन-परामर्श दिये गये

सरकार के ई-संजीवनी ओपीडी (बाह्य रोगी विभाग) मंच ने इस साल अप्रैल में शुरू होने के बाद से चार लाख टेलीफोन-परामर्श उपलब्ध कराये हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी। इस योजना के तहत कोविड-19 महामारी के बीच रोगियों को टेलीफोन पर चिकित्सकों द्वारा परामर्श उपलब्ध कराया गया। इसमें सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले राज्य तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश हैं, जहां क्रमश: 1,33,167 और 1,00,124 बार रोगियों को परामर्श दिया गया। ई-संजीवनी और ई-संजीवनी ओपीडी मंचों के जरिये जिन अन्य राज्यों में सर्वाधिक परामर्श प्रदान किये गये, उनमें हिमाचल प्रदेश (36,527), केरल (33,340), आंध्र प्रदेश (31,034), उत्तराखंड (11,526), गुजरात (8,914), मध्य प्रदेश (8,904), कर्नाटक (7,684) और महाराष्ट्र (7,103) शामिल हैं। इस सेवा के उपयोग के रूझानों से यह प्रदर्शित होता है कि विल्लुपुरम जैसे तमिलनाडु के छोटे से जिले में इस सेवा के उपयोग में खासी वृद्धि दर्ज की गई। विल्लुपुरम में 16,000 से अधिक परामर्श दर्ज किये गये। लाभार्थियों द्वारा प्राप्त किये गये टेलीफोन-पर- परामर्श (टेली-कंसल्टेशन) सेवाओं के संदर्भ में यह जिला शीर्ष स्थान पर है। राष्ट्रीय स्तर पर ई-संजीवनी मंच का उपयोग 26 राज्यों द्वारा किया जा रहा है और विभिन्न राज्य सरकारों के स्वास्थ्य विभाग के 12,000 से अधिक चिकित्सक इस पर उपलब्ध हैं। उनकी सेवाएं देश के 510 जिलों के लोगों द्वारा मांगी जा रही है। आखिरी एक लाख परामर्श 18 दिनों की अवधि में दर्ज किये गये, जबकि प्रथम एक लाख परामर्श के लिये करीब तीन महीने लगे थे। बयान में कहा गया है कि ई-संजीवनी ओपीडी सेवा के जरिये कोविड-19 के प्रसार को रोकने में मदद मिली है क्योंकि इससे सामाजिक मेल-जोल से दूरी सुनिश्चित हुई और साथ ही गैर कोविड आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की गईं। करीब 20 प्रतिशत से अधिक रोगियों ने ई-संजीवनी के जरिये एक बार से अधिक स्वास्थ्य सेवाएं मांगी। बयान में कहा गया है, ‘‘इससे यह संकेत मिलता है कि दूर से स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिये डिजिटल मंच को सेवा प्रदाताओं और उपयोगकर्ताओं, दोनों ने ही अपनाया है।’’ 

कुछ राज्य दिन में 12 घंटे और सप्ताह में सातों दिन स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कर रहे हैं। मंत्रालय ने कहा कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बठिंडा, एम्स ऋषिकेश, एम्स बीबीनगर, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज एंड एसोसिएटेड हॉस्पिटल्स, रीजनल कैंसर सेंटर (तिरूवनंतपुरम), कोचिन कैंसर सेंटर (एर्णाकुलम) भी ई-संजीवनी मंच का उपयोग करते हुए राज्य में रोगियों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कर रहे हैं। मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर ई-संजीवनी मंच 13 अप्रैल को शुरू किया गया था।

कोविड-19 के टीके के आपात इस्तेमाल पर जोर

चीन के जानेमाने लेखक एवं स्तंभकार कान चाई को देश में आपातकालीन उपयोग के लिए स्वीकृत कोविड-19 के टीके की पहली खुराक पर तो कुछ नहीं हुआ, लेकिन दूसरी डोज के बाद उन्हें चक्कर आने लगे। चाई ने इस महीने की शुरुआत में एक वेबिनार में कहा, ‘‘जब मैं गाड़ी चला रहा था तो अचानक मुझे चक्कर आने लगे। ऐसा लगा कि मैं नशे में गाड़ी चला रहा हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने एक जगह देख कर कार रोकी, थोड़ा आराम किया और तब मुझे बेहतर लगा।’’ चीन में चाई की तरह ही हजारों लोगों को आम इस्तेमाल के लिए अंतिम नियामक स्वीकृति मिलने से पहले चीनी टीके दिये गये हैं। इस कदम को लेकर आचार संहिता और सुरक्षा संबंधी सवाल उठ रहे हैं। इससे पहले चीनी कंपनियां मानव परीक्षण से पहले अपने शीर्ष पदाधिकारियों और प्रमुख अनुसंधानकर्ताओं को जांच के लिए टीका देने पर सुर्खियों में आई थीं। चीन के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि चीन को महामारी को वापस आने से रोकने के लिए कदम उठाने होंगे। एक बाहरी विशेषज्ञ ने ऐसे समय में टीके के आपात उपयोग की जरूरत पर सवाल खड़ा किया है जब देश में वायरस का संक्रमण अब नहीं फैल रहा है।

-नीरज कुमार दुबे

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