15 दिन बाद खुले जगन्नाथ मंदिर के कपाट, दर्शन के लिए उमड़ी भक्तो की भीड़, जयकारों से गूंजा मंदिर
एक पखवाड़े के बाद श्रद्धालुओं ने भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के दर्शन किए। जगन्नाथ मंदिर में सुबह पांच बजे मंगला आरती के बाद तीनों विग्रहों का दर्शन शुरू हो गया। 30 जून को भगवान की डोली यात्रा निकाली जाएगी और 1 जुलाई से रथ यात्रा मेला शुरू हो जाएगा।
वाराणसी के असी में स्थापित तीन सौ साल से अधिक पुराने जगन्नाथ मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन पूजन किए। इस दौरान भगवान के जयकारे से मंदिर का प्रांगण गूंज उठा। लगभग एक पखवाड़े के बाद श्रद्धालुओं ने भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के दर्शन किए। जगन्नाथ मंदिर में सुबह पांच बजे मंगला आरती के बाद तीनों विग्रहों का दर्शन शुरू हो गया। 30 जून को भगवान की डोली यात्रा निकाली जाएगी और 1 जुलाई से रथ यात्रा मेला शुरू हो जाएगा।
श्वेत वस्त्र धारण किए और बेला चमेली तुलसी की मालाओं से सजे तीनों विग्रहों को देखकर भक्त मंत्रमुग्ध हो गए। यहां आने वाला हर वक्त अपने को धन्य मान रहा था। श्रद्धालुओं को भगवान को भोग लगा परवल का प्रत्यय और चरणामृत प्रसाद में दिया गया। मंदिर में बीच-बीच में भगवान जगन्नाथ का जयकारा गूंज रहा था।
गौरतलब है कि भक्तों ने भगवान को गर्मी से राहत देने के लिए जस्ट पूर्णिमा 14 जून को इतना स्नान कराया कि वह बीमार होकर अज्ञातवास को विश्राम करने चले गए। ट्रस्ट श्री जगन्नाथ मंदिर के सचिव आलोक शापुरी के मुताबिक, धार्मिक परंपरा अनुसार मंदिर आषाढ़ कृष्ण पक्ष पूर्णिमा 15 जून से लेकर आषाढ़ कृष्ण पक्ष चतुर्दशी 28 जून तक बंद कर दिया गया था। इसके बाद आषाढ़ अमावस्या 29 जून सुबह 5 बजे से मंदिर का पट खोल दिया गया है।
उड़ीसा के पुरी में जगन्नाथ मंदिर से रथ यात्रा निकाले जाने के स्थान पर काशी में ऐसी स्थित जगन्नाथ मंदिर से डोली यात्रा आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा 30 जून को शाम 4 बजे निकाली जाएगी। यह यात्रा अस्सी चौराहा पदम श्री चौराहा नवाबगंज कश्मीरी गंज राम मंदिर संकुल धारा द्वारकाधीश मंदिर बैजनाथ का मंदिर होते हुए बेनीराम का बगीचा जाएगी। अगले दिन आषाढ़ शुक्ल पक्ष द्वितीया 1 जुलाई को प्रातः 3:00 बजे तीनों ग्रहों को रथ यात्रा पर विराजमान कराया जाएगा और तीन दिवसीय रथयात्रा मेला का शुभारंभ होगा।
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