Samjhauta Express Bomb Blast Remembering Day : दिल्ली-लाहौर समझौता एक्सप्रेस में कब-कब क्या हुआ, कितने आरोपियों को मिली सजा

18 फरवरी 2007 को दिल्ली लाहौर समझौता एक्सप्रेस में हुए बम धमाके ने भारत पाकिस्तान के लोगों को हिलाकर रख दिया था। हरियाणा के पानीपत में हुए इस जोरदार धमाके में 68 लोगों की जान चली गई थी। तो वहीं, कई जिंदा जल गए थे। इस धमाके से लोगों में दहशत थी।
आज ही दिन यानी 18 फरवरी 2007 को दिल्ली लाहौर समझौता एक्सप्रेस में हुए बम धमाके ने भारत पाकिस्तान के लोगों को हिलाकर रख दिया था। हरियाणा के पानीपत में हुए इस जोरदार धमाके में 68 लोगों की जान चली गई थी। तो वहीं, कई जिंदा जल गए थे। इस धमाके से लोगों में दहशत थी। देश की सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गई थी। देश में अन्य जगहों पर हुए बम धमाकों की कडि़यां भी इससे जुड़ी थीं। कई संदिग्धों को सुरक्षा एजेंसियों ने उठाया। आइए जानते हैं इस घटना को पूरे विस्तार से।
ट्रेन में हरियाणा के दीवाना स्टेशन के पास हुआ था विस्फोट
सप्ताह में दो दिन भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस में 18 फरवरी 2007 में बम धमाका हुआ था। जब यह ट्रेन दिल्ली से चलकर लाहौर जा रही थी। विस्फोट हरियाणा के पानीपत जिले में चांदनी बाग थाने के अंतर्गत सिवाह गांव के दीवाना स्टेशन के नजदीक हुआ था। इस हादसे में कुल 68 निर्दोष लोगों की मौत हो गई थी। ब्लास्ट में 12 लोग घायल हो गए थे।
मरने वालों वालों में बच्चे भी थे शामिल
2007 में हुए धमाके में जान गंवाने वालों में अधिकतर पाकिस्तानी नागरिक थे। मारे गए 68 लोगों में 16 बच्चों समेत चार रेलवे कर्मी भी शामिल थे।
दो जनरल कोच में लगी थी आग
घटना के अलगे ही दिन दर्ज एफआइआर के मुताबिक, समझौता एक्सप्रेस में 18 फरवरी 2007 को रात 11.53 बजे दिल्ली से करीब 80 किलोमीटर दूर पानीपत के दिवाना रेलवे स्टेशन के पास धमाका हुआ। इसकी वजह से ट्रेन के दो जनरल कोच में आग लग गई थी। यात्रियों को दो धमाकों की आवाज़ें सुनाई दी, जिसके बाद ट्रेन के डिब्बों में आग लग गई। बाद में पुलिस को घटनास्थल से दो सूटकेस बम मिले, जो फट नहीं पाए थे।
कुछ संदिग्धों की प्रत्यक्षदर्शियों ने करी थी पहचान
प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों के आधार पर पुलिस ने दो संदिग्धों के स्केच जारी किए। माना जाता है कि ये दोनों लोग ट्रेन में दिल्ली से सवार हुए थे और रास्ते में कहीं उतर गए। इसके बाद धमाका हुआ। पुलिस ने संदिग्धों के बारे में जानकारी देने वालों को एक लाख रुपये का नक़द इनाम देने की भी घोषणा की थी। हरियाणा सरकार ने इस केस के लिए एक विशेष जांच दल का गठन कर दिया था। समझौता मामले की जांच में हरियाणा पुलिस और महाराष्ट्र के एटीएस को 'अभिनव भारत' के शामिल होने के संकेत मिले थे। इसके बाद स्वामी असीमानंद को मामले में आरोपित बनाया गया।
आतंकवाद निरोधी दस्ता एनआईए ने 26 जून 2011 को पांच लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। पहली चार्जशीट में नाबा कुमार उर्फ स्वामी असीमानंद, सुनील जोशी, रामचंद्र कालसंग्रा, संदीप डांगे और लोकेश शर्मा का नाम था। जांच एजेंसी का कहना है कि ये सभी अक्षरधाम (गुजरात), रघुनाथ मंदिर (जम्मू), संकट मोचन (वाराणसी) मंदिरों में हुए आतंकवादी हमलों से दुखी थे और बम का बदला बम से लेना चाहते थे। जुलाई 2018 में स्वामी असीमानंद समेत पांच लोगों को हैदराबाद स्थित मक्का मस्जिद में धमाके करने की साज़िश रचने के आरोप से बरी कर दिया था। इससे पूर्व मार्च 2017 में एनआइए की अदालत ने 2007 के अजमेर विस्फोट में सबूतों के अभाव में असीमानंद को बरी कर दिया था।
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