घर से काम करना होता जा रहा है मुश्किल, तनाव, अनिद्रा और बेचैनी की बढ़ रही शिकायत

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दिल्ली के एक तकनीकी विशेषज्ञ सुरेश शर्मा ने बताया कि वह अपना अधिकतर समय लैपटॉप स्क्रीन या मोबाइल फोन पर बिता रहे हैं, कई बार कई घंटों तक लगातार वह इनमें व्यस्त रहते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे शुरुआत में घर से काम करने में मजा आ रहा था।

नयी दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देशभर में जारी लॉकडाउन को पांच हफ्ते पूरे होने जा रहे हैं और शुरुआत में घर से काम करने में जो मजा आ रहा था अब वह सजा बनता जा रहा है...घर से काम कर रहे लोगों में तनाव, अनिद्रा, बेचैनी, कमर दर्द जैसी परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। देश में 25 मार्च से लागू हुए लॉकडाउन के बाद कम्पनियों ने अपने कार्यालय बंद कर दिए थे और तभी से अधिकतर कर्मचारी अपने घर से ही काम कर रहे हैं। दिल्ली के एक तकनीकी विशेषज्ञ सुरेश शर्मा ने बताया कि वह अपना अधिकतर समय लैपटॉप स्क्रीन या मोबाइल फोन पर बिता रहे हैं, कई बार कई घंटों तक लगातार वह इनमें व्यस्त रहते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे शुरुआत में घर से काम करने में मजा आ रहा था। हालांकि समय के साथ मुझे एहसास हुआ कि इसका मेरे स्वास्थ्य पर खराब असर हो रहा है। कार्यालय में काम करते समय मैं बैठकों में शामिल होता था, लोगों से मिलता था लेकिन अब सब ऑनलाइन हो रहा है। 

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शर्मा ने कहा कि कमर का दर्द बढ़ गया है और सिरदर्द रहना अब रोज की बात है। बेंगलुरु की तकनीकी विशेषज्ञ गीता मल्हौत्रा ने कहा कि घर से काम करने से ना केवल उनकी निजी और पेशेवर जिंदगी में फर्क खत्म होता जा रहा है बल्कि उन्हें नींद आने में भी तकलीफ हो रही है। उन्होंने कहा कि मेरा जब मन करता है मैं कुछ ना कुछ खा लेती हूं। कभी दिन में दो बार तो कभी चार बार भोजन कर रही हूं। मैं जो थोड़ा बहुत चलती थी वह भी बंद हो गया है। लॉकडाउन में मेरा करीब चार किलोग्राम वजन बढ़ा है और रात में मुझे नींद भी नहीं आ रही है, मैं चार घंटे से भी कम सो पाती हूं।

शर्मा ने भी लगातार सिरदर्द होने की शिकायत की। कई आईटी कम्पनियों के करीब 90 से 95 प्रतिशत कर्मी घर से ही काम कर रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने ऐसे में सभी पेशवरों को अपना मन और शरीर दोनों स्वस्थ रखने के लिए ध्यान लगाने और कुछ शारीरिक व्यायाम करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि लोगों को इस मौके का फायदा उठाकर तनाव कम करने के लिए अपने पसंदीदा काम करने चाहिए। गुड़गांव के पारस अस्पताल में नैदानिक मनोवैज्ञानिक, प्रीति सिंह ने कहा कि लोगों को ये तमाम परेशानियां हो रही होंगी क्योंकि उनके पास करने को अधिक शारीरिक गतिविधियां नहीं है। ऐसा प्रेरणा की कमी या तनाव के कारण भी होता है। 

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सिंह ने कहा कि घर पर काम के बोझ के साथ-साथ जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है और इस कारण लोग अधिक थक जाते हैं। अनिद्रा की शिकायत शायद ऐसी स्थिति में उनकी नौकरी पर मंडरा रहे खतरे के कारण उत्पन्न हो सकती है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या मंगलवार को बढ़कर 934 हो गई और संक्रमितों की तादाद 29,435 पर पहुंच गई। वहीं इस घातक वायरस से अभी तक 6,868 लोग ठीक हो चुके हैं।

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डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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