World Blood Donor Day 2025: हर साल 14 जून को मनाया जाता है विश्व रक्तदाता दिवस, जानिए इतिहास और थीम

रक्तदान के लिए लोगों को जागरुक करने के लिए हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य लोगों के बीच रक्तदान के बारे में लोगों के बीच जागरुकता फैलाना है।
रक्तदान को महादान कहा जाता है। खून की कमी हमारे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालती है और यदि समय रहने खून न मिल पाए, तो यह मरीज के जीवन पर खतरा साबित हो सकता है। रक्तदान के लिए लोगों को जागरुक करने के लिए हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य लोगों के बीच रक्तदान के बारे में लोगों के बीच जागरुकता फैलाना है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको इस दिन का इतिहास, महत्व और थीम के बारे में...
इतिहास
साल 2004 में विश्व रक्तदाता दिवस मनाए जाने की शुरूआत हुई थी। साल 2005 में 58 वर्ल्ड हेल्थ असेंबली द्वारा इस दिन को वार्षिक वैश्विक आयोजन के रूप में घोषित किया गया था। तब से लेकर आज तक हर साल 14 जून को यह दिन मनाया जाता है। वहीं 14 जून को ही कार्ल लैंडस्टीनर का जन्म हुआ था। जोकि एक जीवविज्ञानी और चिकित्सक थे। कार्ल लैंडस्टीनर को मॉडर्न ब्लड ट्रांसफ्यूजन का फाउंडर कहा जाता है।
थीम
हर साल एक खास थीम के साथ इस दिन को मनाया जाता है। इस बार यानी की साल 2025 की थीम 'रक्त दें, आशा दें: साथ मिलकर हम जीवन बचाते हैं' रखी गई है। यह थीम रक्तदान के महत्व को उजागर करती है।
महत्व
बता दें कि विश्व रक्तदाता दिवस का बड़ा महत्व होता है। यह दिन रक्तदाताओं के सम्मान में समर्पित है। इस दिन लोगों को रक्तदान करने के लिए जागरुक किया जाता है और उनको प्रोत्साहित किया जाता है। रक्तदान करके किसी जरूरतमंद व्यक्ति को नई जिंदगी दी जा सकती है।
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