World Malaria Day 2025: हर साल 25 अप्रैल को मनाया जाता है वर्ल्ड मलेरिया डे, जानिए इतिहास और थीम

World Malaria Day 2025
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हर साल 25 अप्रैल को वर्ल्ड मलेरिया दिवस मनाया जाता है। ऐसे में हर साल इस दिन वैश्विक स्तर पर मलेरिया जैसी बीमारी के प्रति और जागरूकता फैलाई जाती है। साथ ही इस बीमारी से बचाव के लिए अहम कदम उठाए जाते हैं।

हर साल 25 अप्रैल को वर्ल्ड मलेरिया दिवस मनाया जाता है। ऐसे में हर साल इस दिन वैश्विक स्तर पर मलेरिया जैसी बीमारी के प्रति और जागरूकता फैलाई जाती है। साथ ही इस बीमारी से बचाव के लिए अहम कदम उठाए जाते हैं। मलेरिया एक संक्रामक रोग है, जोकि मुख्य रूप से प्लाज्मोडियम नामक परजीवी की वजह से फैलती है। मलेरिया को खत्म करने के लिए मच्छरों को खत्म करना जरूरी है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको इस दिन के इतिहास, महत्व और थीम के बारे में बताने जा रहे हैं।

इतिहास

बता दें कि साल 2007 में वर्ल्ड हेल्थ असेंबली द्वारा वर्ल्ड मलेरिया डे को मनाने की शुरूआत की गई थी। साल 2007 से पहले सिर्फ अफ्रीका में मलेरिया डे मनाया जाता था। क्योंकि पहले सिर्फ गर्म क्षेत्रों में मच्छरों से जनित बीमारियां और मलेरिया की समस्या पाई जाती थी। लेकिन समय के साथ ही यह समस्या वैश्विक स्तर पर गंभीर होती गईं। वहीं साल 2007 में इसको अंतरराष्ट्रीय स्वरूप दे दिया गया और हर साल 25 अप्रैल को वर्ल्ड मलेरिया दिवस मनाया जाने लगा।

मलेरिया के लक्षण

तेज बुखार

ठंड लगना

पसीना आना

थकान

सिरदर्द

थीम

हर साल वर्ल्ड मलेरिया दिवस के मौके पर एक खास थीम रखी जाती है। इस बार इस दिन की थीम 'मलेरिया हमारे साथ समाप्त होता है: पुनर्निवेश, पुनर्कल्पना, पुनर्जीवन' रखी गई है।

महत्व

इस दिन को मनाए जाने का उद्देश्य लोगों को मलेरिया के लक्षण, बचाव और इलाज के बारे में जानकारी देना है।

वर्ल्ड मलेरिया दिवस के दिन  स्वास्थ्य संगठनों और सरकारों द्वारा इस बीमारी को जड़ से समाप्त करने के लिए कई कार्यक्रम किए जाते हैं।

यह दिन मलेरिया की रोकथाम, नई दवाओं और वैक्सीन बनाने पर जोर देना है।

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