जानिए क्या होता है सिस्टीन हेयर ट्रीटमेंट
सिस्टीन हेयर ट्रीटमेंट में तीन स्टेप फॉलो किए जाते हैं। सबसे पहले तो इसमें बालों को अच्छी तरह से वॉश करते हैं और फिर क्रीम अप्लाई की जाती है। जिससे बालों की चमक बढ़ती है। कुछ देर तक क्रीम को ऐसे ही लगा रहने दें ताकि यह अच्छी तरह सूख जाए।
हर लड़की चाहती है कि उसके बाल काले, घने व चमकदार नजर आएं। हालांकि, हर किसी के बाल नेचुरली ऐसे नहीं होते हैं, क्योंकि प्रदूषण से लेकर तनाव का विपरीत असर आपके बालों पर पड़ता है। ऐसे में बालों को काला व चमकदार बनाए रखने के लिए अतिरिक्त ट्रीटमेंट की जरूरत होती है। इन्हीं ट्रीटमेंट में से एक है सिस्टीन हेयर ट्रीटमेंट। यह एक ऐसा ट्रीटमेंट है, जिसमें बालों को नेचुरली स्ट्रेट करने की कोशिश की जाती है। जब आप इस ट्रीटमेंट की मदद लेते हैं तो आपके बाल मुलायम, चमकदार और स्ट्रेट नजर आते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको सिस्टीन हेयर ट्रीटमेंट और उसके फायदों व नुकसान के बारे में बता रहे हैं-
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जानिए क्या है सिस्टीन हेयर ट्रीटमेंट
सिस्टीन हेयर ट्रीटमेंट से होने वाले फायदों व नुकसान के बारे में जानने से पहले आपको यह जान लेना चाहिए कि वास्तव में सिस्टीन हेयर ट्रीटमेंट क्या है। सिस्टीन हेयर ट्रीटमेंट केमिकल हेयर ट्रीटमेंट से काफी अलग है, क्योंकि इसमें केमिकल का बेहद कम मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है और प्रोटीन का इस्तेमाल बालों को स्ट्रेट किया जाता है। इस कारण सिस्टीन हेयर ट्रीटमेंट को बालों के लिए एक अच्छा ऑप्शन माना जाता है।
कैसे करते हैं सिस्टीन हेयर ट्रीटमेंट
सिस्टीन हेयर ट्रीटमेंट में तीन स्टेप फॉलो किए जाते हैं। सबसे पहले तो इसमें बालों को अच्छी तरह से वॉश करते हैं और फिर क्रीम अप्लाई की जाती है। जिससे बालों की चमक बढ़ती है। कुछ देर तक क्रीम को ऐसे ही लगा रहने दें ताकि यह अच्छी तरह सूख जाए। इसके बाद बालों को दोबारा वॉश किया जाता है। इसके बाद बारी आती है बालों में प्रोटीन का इस्तेमाल करने की। बालों को वॉश करने के बाद प्रोटीन क्रीम का इस्तेमाल किया जाता है। यह एक ऐसा ट्रीटमेंट है, जो आपके बालों को कम से कम 3 से 4 महीने तक स्ट्रेट रखता है।
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सिस्टीन हेयर ट्रीटमेंट के फायदे व नुकसान
अन्य हेयर ट्रीटमेंट की ही तरह सिस्टीन हेयर ट्रीटमेंट के भी अपने फायदे व नुकसान हैं। अगर इसके फायदों की बात की जाए तो इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि इस हेयर ट्रीटमेंट में केमिकल्स का इस्तेमाल बेहद कम किया जाता है। साथ ही बालों को प्रोटीन मिलता है, जिससे ना केवल बाल अधिक शाइनी बनते हैं, बल्कि यह अधिक मजबूत भी होते हैं। इससे बालों का झड़ना काफी हद तक कम हो जाता है। यह ट्रीटमेंट डैमेज हेयर के इफेक्ट को भी रिवर्स करने में मदद करता है।
वहीं सिस्टीन हेयर ट्रीटमेंट के नुकसान की बात की जाए तो यह आपकी जेब पर काफी भारी पड़ सकता है। साथ ही यह हेयर ट्रीटमेंट लंबे समय तक नहीं रहता है और 3-4 महीने बाद आपको इसे दोबारा करवाने की जरूरत पड़ती है।
मिताली जैन
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