रुजुता दिवेकर के बताएं इन फूड्स को डाइट में करें शामिल, हॉट फ्लैशेस की समस्या होगी दूर

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मिताली जैन । Mar 6 2022 11:12AM

नारियल की बर्फी जिसे कोपरा पाक भी कहा जाता है, हॉट फ्लैशेस को मैनेज करने में बेहद की कारगर साबित हो सकती है। आप इसका एक पीस सुबह 11 बजे या दोपहर के भोजन के बाद ले सकती हैं। बता दें कि नारियल में एसेंशियल फैटी एसिड होते हैं।

महिलाओं को उम्र के अनुसार अपने शरीर में कई तरह के बदलावों का सामना करना पड़ता है। चालीस से पचास की उम्र के बीच जब उन्हें मेनोपॉज शुरू होता है तो उनके शरीर में हार्मोनल बदलाव होता है। जिससे उन्हें स्किन पिगमेंटेशन से लेकर बालों का झड़ना, बहुत अधिक भूख लगना, ब्लोटिंग व इरिटेशन आदि होने लगती है। लेकिन इन सभी समस्याओं में से हॉट फ्लैशेस एक ऐसी समस्या है,, जिससे महिलाएं सबसे अधिक प्रभावित होती हैं। 

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हॉट फ्लैशेस एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें महिला को बहुत अधिक गर्मी महसूस होती है। यहां तक कि उसका पूरा शरीर पसीने से तर-बरतर हो जाता है। इतना ही नहीं, इसके बाद कभी-कभी उन्हें बहुत अधिक ठंड भी लग सकती है। इस तरह शरीर के तापमान में लगातार बदलाव के कारण उनके शरीर का एनर्जी लेवल भी डाउन हो जाता है। ऐसे में अक्सर महिलाओं को यह समझ ही नहीं आता कि वह इस स्थिति को कैसे हैंडल करें। लेकिन हाल ही में सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से एक पोस्ट शेयर करके ऐसे तीन फूड्स के बारे में बताया हैं, जो हॉट फ्लैशेस की समस्या को दूर करने में मदद कर सकते हैं-

नारियल की बर्फी

नारियल की बर्फी जिसे कोपरा पाक भी कहा जाता है, हॉट फ्लैशेस को मैनेज करने में बेहद की कारगर साबित हो सकती है। आप इसका एक पीस सुबह 11 बजे या दोपहर के भोजन के बाद ले सकती हैं। बता दें कि नारियल में एसेंशियल फैटी एसिड होते हैं। ये फैटी एसिड शरीर में खोई हुए ऊर्जा को रिस्टोर करने में मदद करते हैं। इतना ही नहीं, नारियल में लॉरिक एसिड भी होता है जो यह एक ऐसा पोषक तत्व है जो नारियल के अलावा केवल मां के दूध में मौजूद होता है। कुछ महिलाओं को मेनोपॉज और प्री-मेनोपॉज के दौरान शुगर क्रेविंग्स होती हैं, लेकिन नारियल की बर्फी के सेवन से उनकी यह शुगर क्रेविंग्स भी शांत हो जाती हैं।

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तिल की चटनी

तिल की चटनी भी हॉट फ्लैशेस के लिए अच्छी मानी जाती है। यह चटनी करेले के छिलके और तिल से बनाई जाती है। आप इसे करेले के अलावा दूधी, कद्दू आदि के साथ भी बना सकती है। इस तरह तिल को समर्स में भी खाया जा सकता है। इस तरह की चटनी आपके शरीर में गुड बैक्टीरिया को बढ़ाने में मदद करेगा। साथ ही तिल में कैल्शियम अच्छी मात्रा में होता है और इस तरह यह हड्डियों के खनिज घनत्व के लिए अच्छा है। यह लोकल चटनी पिगमेंटेशन से लेकर गैस, सूजन और एसिडिटी आदि समस्याओं को भी मैनेज करती है।

कच्चे केले के चिप्स

ये सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं जिनकी एक महिला को आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए, इन चिप्स में विटामिन बी 6 पाया जाता है, जो आपकी नसों को शांत करने में मदद करता है। इतना ही नहीं, यह आपके नमकीन खाने की इच्छा को कम करने में भी मदद करता है।

मिताली जैन

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