नरसिंह जयंती व्रत से सभी प्रकार के कष्ट होते हैं दूर

Narasimha Jayanti

वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को नरसिंह चतुर्दशी या नरसिंह जयंती मनाया जाता है। नरसिंह अवतार रूप में भगवान का स्वरूप बहुत विकराल था, लेकिन मूल रूप से वह सौम्य, सुन्दर एवं कल्याणकारी थे। नरसिंह जयंती के दिन प्रात उठकर स्नान करें तथा नरसिंह मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना करें।

नरसिंह भगवान भगवान विष्णु का ही अवतार हैं, श्री विष्णु ने हिरण्यकश्यप को मारने के लिए क्रोधित होकर यह रूप धारण किया था। आज नरसिंह जयंती है, तो आइए हम आपको नरसिंह व्रत के महत्व तथा पूजा विधि के बारे में बताते हैं। 

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जानें नरसिंह चतुर्दशी के बारे में 

वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को नरसिंह चतुर्दशी या नरसिंह जयंती मनाया जाता है। नरसिंह अवतार रूप में भगवान का स्वरूप बहुत विकराल था, लेकिन मूल रूप से वह सौम्य, सुन्दर एवं कल्याणकारी थे। नरसिंह जयंती के दिन प्रात उठकर स्नान करें तथा नरसिंह मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना करें। भगवान को फूल तथा चंदन अर्पित करें था विशेष कृपा पाने के लिए खास प्रकार के प्रसाद भी समर्पित कर सकते हैं। 

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नरसिंह चतुर्दशी से जुड़ी पौराणिक कथा 

नरसिंह जयंती से जुड़ी पौराणिक कथा भी प्रचलित है। नरसिंह चतुर्दशी के दिन व्रत रखने वाले भक्तों को इस कथा को सुनने से विशेष लाभ होता है। इस पौराणिक कथा के अनुसार प्राचीन काल में कश्यप नाम के एक ऋषि रहते थे। उनकी पत्नी का नाम दिति था। कश्यप ऋषि के हिरण्याक्ष तथा हिरण्यकश्यप दो पुत्र थे। हिरण्याक्ष को भगवान विष्णु ने वराह रूप धारण कर मारा था। हिरण्याक्ष के वध से हिरण्यकश्यप बहुत दुखी हुआ और उसे कठोर तपस्या की। उसकी कठोर तपस्या के परिणामस्वरूप ब्रह्मा जी ने उसे अजेय होने का  वरदान दिया। इस वरदान से हिरण्यकश्यप बहुत अहंकारी हो गया और उसने अपनी प्रजा से स्वयं को देवता की भांति पूजने का आदेश दिया। इससे हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रह्लाद बहुत दुखी था। भक्त प्रह्लाद विष्णु का उपासक था इसलिए हिरण्यकश्यप उसे बहुत यातनाएं देता था। उसकी यातनाओं से दुखी होकर प्रह्लाद ने विष्णु भगवान से प्रार्थना की। तब विष्णु भगवान ने नरसिंह का रूप धारण कर हिरण्यकश्यप की हत्या कर भक्तों के दुख दूर किए। नरसिंह भगवान ने भक्त प्रह्लाद से कहा कि नरसिंह जयंती के दिन जो भी व्रत रखेगा उसके सारे कष्ट दूर हो जाएंगे। 

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नरसिंह जयंती पर इस उपायों से मिलता है लाभ

भगवान नरसिंह बहुत दयावान थे। अपने भक्त की रक्षा हेतु भगवान सदैव उनके साथ रहते हैं तथा मुश्किल समय में उनकी सहायता करते हैं। नरसिंह भगवान विष्णु के क्रोधावतार हैं इसलिए उन्हें ठंडी वस्तुएं समर्पित करें, इससे आपकी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। साथ ही नरसिहं भगवान को प्रसन्न करने हेतु ये उपाय कर सकते हैं। 

- अगर भक्त नरसिंह भगवान को नागकेसर चढ़ाते हैं तो धन की बचत होती है और व्यक्ति धनवान होता है। इसलिए भगवान को समर्पित किए गए नागकेसर को अपनी तिजोरी में रखें आपको लाभ मिलेगा। 

- अगर आप कोर्ट-कचहरी के चक्करों में फंसे हैं तो नरसिंह जयंती के दिन भगवान नरसिंह को दही चढ़ाएं आपको लाभ मिलेगा।

- यदि कोई कालसर्प दोष से ग्रसित है तो उसे नरसिंह जयंती के दिन किसी नरसिंह मंदिर में जाकर मोरपंख अर्पित करें इससे सभी प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती हैं। 

- भगवान नरसिंह को सदैव बर्फ मिला हुआ जल चढ़ाएं इससे आपको सफलता प्राप्त होगी। 

- नरसिंह जयंती के दिन नरसिंह मंदिर में मक्के  का आटा दान करने से सभी से सम्बन्ध सुधर जाते हैं। 

- यदि आपका पैसा किसी स्थान पर फंसा है तो नरसिंह भगवान को सोना या चांदी समर्पित करें इससे आपका फंसा हुआ पैसा वापस मिल जाएगा। 

- किसी लम्बी बीमारी से ग्रसित हैं तो नरसिंह भगवान को चंदन का लेप लगाएं इससे रोग ठीक हो जाता है तथा रोगी को आराम मिलता है।

- प्रज्ञा पाण्डेय

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