गंगा सप्तमी पर गंगा स्नान से होते हैं सभी कष्ट दूर, जानें इसका महत्व

बैसाख महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के दिन गंगा जी अवतरित हुईं थीं। इस साल गंगा सप्तमी 30 अप्रैल को है। गंगा पापनाशिनी तथा मोक्षदायक हैं। गंगा नदी में स्नान मात्र से सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं।
हिन्दू धर्म में गंगा सप्तमी का खास महत्व होता है। इस दिन विभिन्न प्रकार का दान कर पुण्य प्राप्त किया जाता है। गंगा सप्तमी के दिन गंगा नदी में स्नान से सभी प्रकार की परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है तो आइए हम गंगा सप्तमी के महत्व तथा पूजा विधि पर चर्चा करते हैं।
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जानें गंगा सप्तमी के बारे में
बैसाख महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के दिन गंगा जी अवतरित हुईं थीं। इस साल गंगा सप्तमी 30 अप्रैल को है। गंगा पापनाशिनी तथा मोक्षदायक हैं। गंगा नदी में स्नान मात्र से सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं।
गंगा सप्तमी से जुड़ी पौराणिक कथा
गंगा सप्तमी से जुड़ी एक पौराणिक कथा प्रचलित है। इस कथा के अनुसार गंगा नदी एक बार तीव्र गति से बह रही थी वहीं जह्नु ऋषि तपस्या में लीन और उनका सामान भी रखा हुआ था। गंगा की तेज बहाव के कारण उनका सामान बह गया। जब ऋषि की नींद खुली तो वह बहुत क्रुद्ध हुए और गुस्से में गंगा नदी को पी गए। इसके बाद भागीरथ ऋषि ने जह्नु ऋषि से प्रार्थना की गंगा को पुनः मुक्त करें। तब जह्नु ऋषि ने भगीरथ की प्रार्थना स्वीकार कर ली और गंगा को मुक्ति प्रदान की। उसके बाद गंगा जह्नु ऋषि के कान से प्रवाहित हुईं। यह घटना बैसाख महीने की सप्तमी तिथि को हुई थीं। इसलिए बैसाख शुक्ल पक्ष सप्तमी को गंगा सप्तमी मनायी जाती है तथा जह्नु ऋषि की पुत्री होने के कारण गंगा को जाह्नवी भी कहा जाता है।
गंगा सप्तमी पर ऐसे करें पूजा
गंगा सप्तमी का हिन्दू धर्म में खास महत्व होता है। इस दिन घर में विशेष पूजा-पाठ का खास महत्व होता है। इस दिन साधक प्राकः काल उठकर स्नान कर घर के मंदिर की साफ-सफाई करें। उसके बाद शुभ मुहूर्त में उत्तर दिशा में एक चौकी रखकर लाल कपड़ा बिछा लें। उसके बाद लाल कपड़े पर गंगा जल मिले कलश की स्थापना करें। उसके बाद जल में गाय का दूध, रोली, चावल, शक्कर, शहद और इत्र मिलाएं। अब कलश में आम या अशोक के पांच पत्ते रखकर उसके ऊपर नारियल रख दें। अब मंत्रोच्चार से पूजा करें और लाल चंदन, कनेर का फूल, मौसमी फल तथा गुड़ का प्रसाद चढ़ाएं।
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लॉकडाउन में ऐसे मनाएं गंगा सप्तमी
गंगा सप्तमी के दिन पवित्र गंगा नदी में स्नान कर पूजा-प्रार्थना की जाती है। साथ ही हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता प्रचलित है कि गंगा सप्तमी के दिन गंगा स्नान से सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं। लेकिन इस साल कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण देश में लॉकडाउन लागू है। ऐसे माहौल में घर में रहें और स्नान करते समय पानी में थोड़ा सा गंगा जल मिला लें। उसके बाद स्नान कर पवित्र मन से पूजा करें।
गंगा सप्तमी का मुहूर्त
सप्तमी तिथि शुरू हो रही है- 29 अप्रैल, दोपहर 3 बजकर 12 मिनट से
सप्तमी तिथि खत्म हो रही है- 30 अप्रैल, दोपहर 2 बजकर 39 मिनट तक
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जानें गंगा सप्तमी का महत्व
गंगा सप्तमी पर गंगा में स्नान करने का महत्व है। कहा जाता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से मनुष्य के सभी कष्ट कट जाते हैं और उसका उद्धार होता है। मनुष्य के पापों का हरण होता है और भगवान उससे प्रसन्न होते हैं।
प्रज्ञा पाण्डेय
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