भगवान शिव के हर रूप के दर्शन हो जाएंगे कर्नाटक के इन शिव मंदिरों में

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सुषमा तिवारी । Sep 20 2018 4:16PM

दक्षिण भारत में मूर्ति पूजा अधिक होती है इसलिए वहां काफी भव्य आकार के मंदिर भी हैं और ये मंदिर काफी पुराने और खूबसूरत भी हैं। आइये जानते हैं कर्नाटक में स्थित भगवान के शिव मंदिरों के बारे में।

कहते हैं इस धरती को बनाने वाला भगवान है और हम सब भगवान के बच्चे हैं। भारत में हिंदू धर्म में भगवान को आकार दिया गया है और काफी लोग मूर्ति पूजा में विश्वास रखते हैं। वैसे तो भगवान को सभी मानते हैं लेकिन आप लोगों ने अकसर देखा होगा कि दक्षिण भारत के लोग अपनी संस्कृतियों को लेकर काफी भावुक होते हैं। उनका पूजा पाठ में घोर विश्वास होता है वो किसी भी तरह का खिलवाड़ अपनी संस्कृति, रीति रिवाज के खिलाफ बर्दाश्त नहीं करते हैं। दक्षिण भारत में मूर्ति पूजा अधिक होती है इसलिए वहां काफी भव्य आकार के मंदिर भी हैं और ये मंदिर काफी पुराने और खूबसूरत भी हैं। आइये जानते हैं कर्नाटक में स्थित भगवान के शिव मंदिरों के बारे में - 

महाबलेश्वर मंदिर

कर्नाटक राज्य के उत्तर कन्नड जिले के गोकर्ण में बने इस प्रसिद्ध शिव मंदिर को महाबलेश्वर मंदिर कहा जाता है। यह एक प्राचीन मंदिर है, जो चौथी शताब्दी से संबंध रखता है। इस मंदिर का निर्माण द्रविड़ शैली में किया गया था। यह मंदिर दक्षिण के प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में गिना जाता है। यह मंदिर का मुख कारवार सिटी बीच की तरफ है, जहां तीर्थयात्री स्नान कर मंदिर दर्शन के लिए जाते हैं।

मुरुदेश्वर मंदिर

भगवान शिव का दूसरा नाम है ‘मुरुदेश्वर’। मुरुदेश्वर मंदिर कर्नाटक में स्थित कंडुका पहाड़ी पर बनाया गया है, जोकि तीनों तरफ से अरब सागर से घिरा हुआ है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और अन्य सभी प्रमुख दक्षिण भारतीय मंदिरों की तरह मंदिर में 20 मंजिला गोपुरा बना हुआ है।

मंजुनाथ मंदिर

मंजुनाथ मंदिर कर्नाटक के प्रसिद्ध शिव मंदिरों में से एक प्रसिद्ध शिव मंदिर हैं। यह कर्नाटक के दक्षिण कन्नड जिले के धर्मस्थल नगर में बना हुआ है। यहां भगवान शिव की पूजा मंजुनाथ रूप में होती है। इस मंदिर में भगवान शिव की मूर्ति के साथ अम्मानवारू, तीर्थंकर चंद्रप्रभा, जैन धर्म रक्षक, कन्याकुमारी आदि देवी-देवताओं की प्रतिमाएं मौजूद हैं। 

श्रीकांतेश्वर मंदिर 

श्रीकांतेश्वर मंदिर कर्नाटक राज्य की तीर्थनगरी नंजनगुड में बना है। यह एक प्राचीन मंदिर है, जहां भोलेनाथ की पूजा श्रीकांतेश्वर नाम से होती है। यह मंदिर कावेरी की सहायक नदी कपिला के तट पर स्थित है। भोलेनाथ का यह मंदिर भी दक्षिण काशी के नाम से जाना जाता है। नंजू एक कन्नड शब्द है, जिसका शाब्दिक अर्थ विष यानी जहर है।

- सुषमा तिवारी

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