Durga Sahasranamavali: इस चमत्कारी पाठ से जाग उठेगी सोई किस्मत, पाएं सुरक्षा और अपार धन

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नवरात्रि के पावन मौके पर दुर्गा सहस्त्रनामावली का पाठ करने से कई गुना शीघ्र फल मिलता है। दुर्गा सहस्त्रनामावली में देवी के एक हजार नामों की सूची है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि दुर्गा सहस्त्रनामावली का पाठ कैसे करना चाहिए।

नवरात्रि के पावन मौके पर मां दुर्गा की विशेष रूप से पूजा-आराधना की जाती है। वैसे तो मां दुर्गा हमेशा अपने भक्तों के साथ होती हैं, लेकिन नवरात्रि में मां अपने भक्तों के सबसे करीब होती हैं और भक्तों के दुख दूर करती हैं। नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की आराधना की जाती है। हालांकि मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए कभी भी उनकी पूजा-उपासना की जा सकती है। इनमें दुर्गा सहस्त्रनामावली का पाठ करने का विशेष महत्व होता है। नवरात्रि में दुर्गा सहस्त्रनामावली का पाठ करना शुभ माना जाता है। 

क्योंकि नवरात्रि के पावन मौके पर दुर्गा सहस्त्रनामावली का पाठ करने से कई गुना शीघ्र फल मिलता है। दुर्गा सहस्त्रनामावली में देवी के एक हजार नामों की सूची है। वहीं इन नामों से हवन करने का भी विधान है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि दुर्गा सहस्त्रनामावली का पाठ कैसे करना चाहिए और इसका पाठ करने से क्या लाभ होते हैं।

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ऐसे करें दुर्गा सहस्त्रनामावली का पाठ

दुर्गा सहस्त्रनामावली का पाठ करने से पहले स्नान आदि करके स्वच्छ कपड़े पहनें। फिर पूजा के लिए शांत और स्वच्छ स्थान का चयन करें। इसके बाद चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करें। वहीं स्वयं के बैठने के लिए कुशा के आसन का उपयोग करें। वहीं अब मां दुर्गा का स्मरण करते हुए उनके सम्मुख घी का दीपक जलाएं। फिर मां दुर्गा को फूल, अक्षत, नैवेद्य आदि अर्पित करें।

इसके बाद दुर्गा सहस्त्रनामावली पाठ करने का संकल्प लें। अब एकाग्रचित मन से दुर्गा सहस्त्रनामावली का पाठ शुरू करें और इस दौरान ध्यान रखें कि उच्चारण स्पष्ट और सही हो। पाठ के समाप्त होने के बाद मां दुर्गा की आरती करें। वहीं पूजा में किसी भी तरह की भूलचूक के लिए क्षमायाचना करें।

दुर्गा सहस्त्रनामावली का पाठ करने के लाभ

दुर्गा सहस्त्रनामावली का रोजाना पाठ करने से जातक को आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है। इसका पाठ करने से कारोबार में वृद्धि और आर्थिक स्थिरता आती है।

इसका पाठ करने से भूत-प्रेत, नकारात्मक ऊर्जा और पिशाचों से रक्षा करता है। दुर्गा सहस्त्रनामावली का पाठ करने से जाकत के चारों ओर एक दिव्य सुरक्षा कवच बनता है। जिस कारण जातक से हर बुरी शक्ति दूर रहती है और घर-परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

इस स्त्रोत का पाठ करने से घर-परिवार में प्रेम, सद्भाव और शांति का वातावरण बना रहता है। पारिवारिक कलह और मनमुटाव दूर होता है और गृहस्थ जीवन शांतिपूर्ण तरीके से बीतता है।

दुर्गा सहस्त्रनामावली का नियमित रूप से पाठ करने शत्रुओं का नाश होता है। वहीं मां दुर्गा की कृपा से जातक निर्भय और सुरक्षित महसूस करता है।

दुर्गा सहस्त्रनामावली का रोजाना पाठ करने से जातक के सौभाग्य में वृद्धि होती है। इसका पाठ करने से व्यक्ति के भाग्य में छिपे अवरोध दूर होते हैं और जातक जीवन में नई सफलताएं प्राप्त करता है।

वहीं जिन दंपत्तियों के बीच तनाव और मतभेद बना रहता है, उनको इसका रोजाना पाठ करना चाहिए। इससे पति-पत्नी के बीच प्रेम और समझ बढ़ता है। इसका पाठ करने से दांपत्य जीवन सुखमय होता है।

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