क्या सचमुच E20 फ्यूल से माइलेज कम होता है? पढ़ें पूरी डिटेल

E20 fuel
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ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के एक्सपर्ट्स का कहना है कि E20 पेट्रोल से गाड़ियों की माइलेज में 2 से 5 फीसदी तक की कमी देखी जा सकती है। यानी अगर कोई गाड़ी पहले 15 किमी/लीटर का माइलेज देती थी, तो E20 पेट्रोल डालने पर यह घटकर लगभग 14.2 से 14.7 किमी/लीटर रह सकती है।

भारत सरकार ने हाल के वर्षों में पेट्रोल में 20% तक इथेनॉल मिलाने की पहल की है। इसे E20 पेट्रोल कहा जाता है। इस कदम का उद्देश्य प्रदूषण को कम करना, कच्चे तेल पर निर्भरता घटाना और किसानों को अतिरिक्त आय का साधन प्रदान करना है। इथेनॉल मुख्य रूप से गन्ने और मक्का जैसी फसलों से बनाया जाता है, इसलिए यह एक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है।

माइलेज पर असर

ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के एक्सपर्ट्स का कहना है कि E20 पेट्रोल से गाड़ियों की माइलेज में 2 से 5 फीसदी तक की कमी देखी जा सकती है। यानी अगर कोई गाड़ी पहले 15 किमी/लीटर का माइलेज देती थी, तो E20 पेट्रोल डालने पर यह घटकर लगभग 14.2 से 14.7 किमी/लीटर रह सकती है। इसका कारण है कि इथेनॉल की एनर्जी डेंसिटी पेट्रोल से कम होती है। पेट्रोल की तुलना में इथेनॉल जलने पर कम ऊर्जा उत्पन्न करता है, जिससे गाड़ी प्रति लीटर ईंधन पर थोड़ी कम दूरी तय कर पाती है।

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पर्यावरण और किसान को लाभ

सरकार का मानना है कि E20 फ्यूल पर्यावरण और किसानों दोनों के लिए लाभकारी है।

- इथेनॉल के इस्तेमाल से कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी।

- पेट्रोलियम पर निर्भरता घटेगी और विदेशी मुद्रा की बचत होगी।

- किसानों को गन्ना और मक्का जैसी फसलों से बेहतर आय मिलेगी।

यानी यह नीति लंबे समय में ग्रीन एनर्जी की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है।

पुराने वाहनों पर खतरा

विशेषज्ञों का कहना है कि E20 पेट्रोल से नए वाहनों में तो कोई समस्या नहीं आएगी, क्योंकि इन्हें E20-कंप्लायंट बनाकर तैयार किया जा रहा है। लेकिन,

- पुराने वाहनों में गैस्केट, फ्यूल रबर होज और पाइप समय के साथ खराब हो सकते हैं।

- रबर और धातु के पार्ट्स पर इथेनॉल का प्रभाव धीरे-धीरे दिखाई देगा।

- यह समस्या तुरंत नहीं होगी, लेकिन लंबे समय में मेंटेनेंस का खर्च बढ़ सकता है।

क्या सभी गाड़ियों पर असर एक जैसा है?

सभी गाड़ियों पर E20 पेट्रोल का असर एक जैसा नहीं होगा।

- छोटी गाड़ियां जिनका इंजन कम पावर वाला है, उनमें माइलेज पर ज्यादा फर्क दिख सकता है।

- बड़ी और हाई-परफॉर्मेंस गाड़ियों पर असर थोड़ा कम होगा।

- अगर गाड़ी पहले से E20 कंप्लायंट है, तो इंजन और माइलेज दोनों सामान्य रहेंगे।

एक्सपर्ट्स बनाम मंत्रालय: किसकी बात सही?

जहां सरकार और मंत्रालय का दावा है कि E20 फ्यूल से परफॉर्मेंस और माइलेज पर कोई असर नहीं पड़ता, वहीं ऑटोमोबाइल एक्सपर्ट्स और कुछ वाहन कंपनियों के इंजीनियर्स का मानना है कि इसका असर साफ दिखाई देगा। असल में, यह फर्क कम समय में नहीं, बल्कि लंबे उपयोग के बाद सामने आता है। यही वजह है कि इस विषय पर बहस और असमंजस जारी है।

क्या करें वाहन मालिक?

अगर आपकी गाड़ी नई है और E20-कंप्लायंट है, तो आपको ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। लेकिन अगर आपकी गाड़ी पुरानी है, तो इन बातों का ध्यान रखें:

- गाड़ी की सर्विस समय पर करवाएं।

- फ्यूल होज और पाइप जैसी चीजों की जांच कराते रहें।

- अगर माइलेज में गिरावट दिखे, तो तुरंत विशेषज्ञ की सलाह लें।

नतीजा: फायदे और नुकसान दोनों

E20 पेट्रोल को लेकर तस्वीर साफ है कि इसके फायदे और नुकसान दोनों हैं।

- फायदे: प्रदूषण में कमी, किसानों की आय में बढ़ोतरी, पेट्रोल पर निर्भरता में कमी।

- नुकसान: माइलेज 2-5% तक घट सकता है, पुराने वाहनों में लंबे समय में खराबी आ सकती है।

यानी, E20 पेट्रोल भारत की ऊर्जा और पर्यावरण नीति का महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन वाहन मालिकों को इसके प्रभाव को समझते हुए सतर्क रहना होगा।

- डॉ. अनिमेष शर्मा

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