द कश्मीर फाइल्स में अनुपम खेर के अभिनय की हो रही है तारीफ, जानिए एक्टर की बेस्ट परफॉर्मेंस वाली फिल्मों के बारे में

महेश भट्ट की 1984 की फिल्म अनुपम खेर की सबसे यादगार किरदारों में से एक है। उन्होंने इस फिल्म में एक सेवानिर्वित्त और जिद्दी पिता जो अपने बेटे को खोने से दुखी है का किरदार निभाया था।
अनुपम खेर ने अपनी अदाकारी के दम पर करोड़ों दिलों में जगह बनाई है। वह बॉलीवुड का एक जाना पहचाना नाम है। अनुपम खेर चाहे जो किरदार करें वह उसमें अपना बेस्ट देते हैं। हाल ही में रिलीज हुई द कश्मीर फाइल्स में भी उनके किरदार की काफी चर्चा हो रही है। उन्होंने अपने किरदार से फिल्म में जान डाल दी है। इस फिल्म में अनुपम ने कश्मीर से पलायन करने वाले कश्मीरी पंडितों का दर्द बयां किया है।
1955 में हिमाचल प्रदेश के शिमला में जन्म में अनुपम खेर ने हर तरह के किरदार निभाए हैं, चाहे किसी फिल्म में विलेन की भूमिका हो या कॉमेडी करनी हो या पॉजिटिव रोल हो। अनुपम जब भी एक्टिंग करते तो अपना 100% देते हैं। आपको बता दें उन्हें अब तक दो बार नेशनल अवार्ड दिया जा चुका है। अनुपम खेर 500 से ज्यादा फिल्मों में अपनी छाप छोड़ चुके हैं। आइए आपको बताते हैं उनकी कुछ खास फिल्मों के बारे में जिसमें अनुपम खेर की बेहतरीन अदाकारी रही है।
सारांश
महेश भट्ट की 1984 की फिल्म अनुपम खेर की सबसे यादगार किरदारों में से एक है। उन्होंने इस फिल्म में एक सेवानिर्वित्त और जिद्दी पिता जो अपने बेटे को खोने से दुखी है का किरदार निभाया था। उन्हें इस किरदार के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पहला फिल्म फेयर पुरस्कार भी मिला। इस फिल्म में रोहिणी हट्टगाड़ी, मदन जैन, नीलू फुले, सुभाष भालेकर और सोनी राजदान जैसे कलाकार भी थे। दिलचस्प बात यह है कि यह फिल्म अनुपम खेर की पहली फिल्म थी इसमें 28 साल के अनुपम खेर ने 65 साल के व्यक्ति का किरदार निभाया था।
कर्मा
1986 में आई फिल्म कर्मा बॉक्स ऑफिस पर एक बड़ी सफलता दर्ज की थी। इस फिल्म में अनुपम अभिनेता दिलीप कुमार के अपोजिट थे। इस फिल्म में दिलीप कुमार के होते हुए भी अनुपम खेर ने अपने अभिनय कौशल से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और साबित किया कि वह नेगेटिव रोल भी कर सकते हैं। इस फिल्म में अनुपम खेर ने डॉक्टर डांग का किरदार निभाया था। जो सफलतापूर्वक जेल से भाग जाता है और कुमार द्वारा निभाए गए राणा विश्व प्रताप सिंह के परिवार की हत्या कर देता है।
दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे
हिंदी सिनेमा की सबसे सफल फिल्मों में से एक इस फित्म में अनुपम खेर ने शाहरुख खान के पिता की भूमिका निभाई थी। 1995 में आई इसमें का ब्लॉकबस्टर फिल्म में अनुपम खेर ने इमोशनल और कॉमेडी दोनों दृश्यों में अपना बेहतरीन प्रदर्शन किया था।
खोसला का घोसला
2006 में रिलीज हुई यह फिल्म लोगों की पसंद बनी हुई है। फिल्म संपत्ति के घोटालों पर आधारित है और यहां तक की पीढ़ी के अंतर जैसे मुद्दों को भी मजेदार तरीके से उठाती है। इस फिल्म में अनुपम खेर एक मिडिल क्लास फैमिली में दिल्ली में रहने वाले कमल किशोर खोसला का किरदार निभाया है, जो इस परिवार के साथ, खुराना से अपनी जमीन फिर से पाने की कोशिश करता है। यह किरदार बोमन ईरानी द्वारा निभाया गया है।
ए वेडनेसडे
2008 में आई इस फिल्म में अनुपम खेर ने समय के खिलाफ दौड़ में एक ईमानदार एटीएस अधिकारी का किरदार निभाया है, यह पता लगाने के लिए कि नसरुद्दीन शाह द्वारा निभाए गए एक अन्य किरदार में मुंबई में बम कहां छिपे थे। खेर और शाम के दमदार अभिनय के साथ-साथ आतंकवाद से निपटने की इस फिल्म की थीम ने इसे दर्शकों के बीच हिट बना दिया।
अन्य न्यूज़













