रंगभेद पर बिपाशा का छलका दर्द, कहा- बचपन से लेकर फिल्मी करियर तक 'सांवली' शब्द ने मेरा पीछा नहीं छोड़ा
बॉलीवुड अदाकारा बिपाशा बसु, जिन्हें अक्सर फिल्मी जगत की 'सांवली सुंदरता' के रूप में पहचाना जाता है, ने अपने बचपन की यादों को साझा किया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सांवला रंग मेरे साथ बचपन से ही जुड़ा हुआ हैं।
अमेरिका में इस समय रंगभेद को लेकर काफी माहौल गर्माया हुआ हैं। गोरे-काले को लेकर किए जा रहे फर्क को लेकर चारों ओर चर्चा हो रही हैं। पूरी दुनिया के साथ-साथ भारत में भी इस विषय पर काफी चर्चा हो रही हैं। भारत में रंगभेद के खिलाफ मुहीम को अपना समर्थन देते हुए तेल, साबुन सहित दैनिक उपभोग के कई उत्पाद बनाने वाली कंपनी हिन्दुस्तान यूनीलीवर ने अब अपनी सबसे मशहूर ब्यूटी क्रिम ‘फेयर एण्ड लवली’ के नाम से फेयर यानी गोरा शब्द हटाते हुए अपने ब्रांड का नाम ‘ग्लो एण्ड लवली’ कर दिया हैं। कंपनी के इस कदम की चारों ओर लोग तारीफ कर रहे हैं। इस कदम के बाद भारत में भी रंगभेद को लेकर एक बार फिर चर्चा तेज हो गयी हैं।
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बॉलीवुड अदाकारा बिपाशा बसु, जिन्हें अक्सर फिल्मी जगत की 'सांवली सुंदरता' के रूप में पहचाना जाता है, ने अपने बचपन की यादों को साझा किया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सांवला रंग मेरे साथ बचपन से ही जुड़ा हुआ हैं। बिपाशा ने सोशल मीडिया पर एक लंबा सा पोस्ट शेयर करते हुए अपने नाम के आगे सांवली और सांवले रंग के कारण उन्होंने बचपन से किस तरह के अनुभव हैं वो शेयर किया हैं।
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बिपाशा ने लिखा, "जब से मैं बड़ी हो रही थी तब से मैंने यह हमेशा सुना है," बोनी सोनी की तुलना में काली है। वह थोड़ा सांवली है। मेरी माँ सांवली हैं और बहुत खूबसूरत भी, मैं उनकी तरह ही दिखती हूं। मुझे कभी नहीं समझ आया कि जब मैं बच्ची थी तो दूर के रिश्तेदार मेरे रंग को लेकर क्यों चर्चा करते थे। जल्द ही 15-16 में मैंने मॉडलिंग शुरू कर दी और फिर मैंने सुपर मॉडल प्रतियोगिता जीती ... सभी समाचार पत्रों ने पढ़ा ... कोलकाता की सांवली लड़की विजेता है। मुझे फिर से आश्चर्य हुआ कि डस्की मेरा पहला विशेषण क्यों है ??? "
मॉडलिंग के बाद की अपनी जर्नी बताते हुए बिपाशा लिखती हैं कि “तब मैं एक मॉडल के रूप में काम करने के लिए न्यूयॉर्क और पेरिस गयी थी और मुझे एहसास हुआ कि मेरी त्वचा का रंग वहाँ पर विदेशी था और मुझे इसकी वजह से अधिक काम और ध्यान मिला। यह मेरी एक और खोज थी। जब मैं भारत वापस आयी और मुझे फिल्म के प्रस्ताव मिलने लगे ... और आखिरकार मैंने अपनी पहली फिल्म की और एक अजनबी के तौर पर हिंदी फिल्म उद्योग में और दर्शकों ने मुझे स्वीकार किया और प्यार दिया। लेकिन सांवला रंभ मेरा विशेषण बना रहा, अब मैं अपने सांवले रंग को पसंद करने लगी थी। एक डस्की लड़की ने अपनी पहली फिल्म में दर्शकों को आकर्षित किया
बिपाशा ने यह भी लिखा कि उनकी त्वचा के रंग के साथ सेक्सी शब्द भी जोड़ी गया। मेरे सभी कामों के लिए मेरे अधिकांश लेखों में, मेरी सांवलेपन की मुख्य रूप से चर्चा की जाती थी। इसने मेरी सेक्स अपील को स्पष्ट रूप से जिम्मेदार ठहराया और बॉलीवुड में मेरे सांवले रंग को सेक्सी को व्यापक रूप से स्वीकार किया जाने लगा। मैंने इसे वास्तव में कभी नहीं समझा ... मेरे लिए सेक्सी व्यक्तित्व केवल आपकी त्वचा का रंग नहीं है ... क्यों मेरी त्वचा का रंग उस समय केवल मुझे पारंपरिक अभिनेत्रियों से अलग करता है। ब्यूटी की एक मजबूत मानसिकता थी और एक अभिनेत्री को कैसे दिखना और व्यवहार करना चाहिए। मैं अलग थी क्योंकि यह बताया गया था। वास्तव में मुझे ऐसा करने से रोकना नहीं था और मुझे वह सब करना चाहिए जो मुझे पसंद था।”