मीडिया पर भड़के फिल्म निर्देशक अनुभव सिन्हा, कहा- टीआरपी के लिए कुछ भी कर रहे हैं

Anubhav Sinha

नकारात्मकता केवल टीवी खबरिया चैनलों पर है। क्या आपको लगता है कि सड़कों पर प्रशंसक कुछ भिन्न महसूस करने लगे हैं? नहीं।’’ फिल्म ‘थप्पड़’ के निर्देशक ने कहा कि दर्शक समझने लगे है कि कैसे एजेंडा लगातार बदलता जा रहा है।

मुम्बई, 21 सितंबर फिल्मकार अनुभव सिन्हा का कहना है कि हिंदी फिल्मोद्योग के बारे में टेलीविजन समाचार चैनलों पर नकारात्मक धारणा बनायी गयी है और प्रशंसकों के बीच उसका कोई महत्व नहीं है। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से बॉलीवुड में भाई-भतीजावाद से लेकर अब कथित ड्रग व्यसन को लेकर बवंडंर उठ खड़ा हुआ है। टीवी चैनलों की रिपोर्टिंग कई लोगों को खटकने लगी है और वे इसे असंवेदनशील एवं दखल बताने लगे हैं। पिछले कुछ महीनों से बॉलीवुड के बारे में टीवी की खबरों के आलोचक रहे सिन्हा ने कहा, ‘‘इन टीवी चैनलों की टीआरपी देखिए। उनकी कोई अहमियत ही नहीं है।

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नकारात्मकता केवल टीवी खबरिया चैनलों पर है। क्या आपको लगता है कि सड़कों पर प्रशंसक कुछ भिन्न महसूस करने लगे हैं? नहीं।’’ फिल्म ‘थप्पड़’ के निर्देशक ने कहा कि दर्शक समझने लगे है कि कैसे एजेंडा लगातार बदलता जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘वे इन समाचार चैनलों की खबरों के जरिए देख सकते हैं। वे देख सकते है कि कैसे ये चैनल अपना लक्ष्य हत्या से लेकर ड्रग, तो कभी किसी के गायब होने तक बदल रहे हैं। ’’ काम के मोर्चे पर सिन्हा अपने संगीत वीडियो ‘बंबई में का बा’ के लोकप्रिय होने से खुश हैं।

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इस भोजपुरी रैप को डॉ. सागर ने लिखा है, इसका संगीत अनुराग सैकिया ने तैयार किया है तथा अभिनेता मनोज वाजपेयी ने इसे गाया है। इसमें मुम्बई जैसे शहर में प्रवासी श्रमिकों की अपनी जीविका को लेकर जद्दोजहद को बयां किया गया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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