बयानों के चलते चर्चा में रहने वालीं कंगना की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, मुंबई में दर्ज हुई FIR, किसानों को बताया था खालिस्तानी

Kangana Ranaut

प्राप्त जानकारी के मुताबिक सिखों के एक संगठन ने सोमवार को कंगना के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इस दौरान उन्होंने कंगना रनौत पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सिख समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया था।

मुबंई। फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत अपने बयानों के चलते लगातार सुर्खियां बटोरती रहती हैं। हाल ही में उन्होंने महात्मा गांधी और भारत की आजादी को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। इसके बाद उन्होंने किसानों को खालिस्तानी करार दिया था। इस मामले में उनकी मुश्किलें अब बढ़ सकती हैं। अन्नदाताओं को खालिस्तानी कहने के मामले में कंगना रनौत के खिलाफ मुंबई में एफआईआर दर्ज हुई है। 

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कंगना के खिलाफ FIR दर्ज

प्राप्त जानकारी के मुताबिक सिखों के एक संगठन ने सोमवार को कंगना के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इस दौरान उन्होंने कंगना रनौत पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सिख समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया था। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, किसान आंदोलन को खालिस्तानी आंदोलन के रूप में चित्रित करने और उन्हें सोशल मीडिया पर खालिस्तानी कहने के मामले में फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ मुंबई में एफआईआर दर्ज हुई है।

मुंबई के खार पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि शिअद नेता एवं डीएसजीएमसी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने कंगना रनौत के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। जिस पर गौर किया जा रहा है। पुलिस अधिकारी ने शिकायत के हवाले से बताया कि डीएसजीएमसी ने उल्लेख किया कि कंगना रनौत ने जानबूझकर और इरादतन किसानों के विरोध प्रदर्शन को खालिस्तानी आंदोलन के रूप में चित्रित किया और सिख समुदाय को खालिस्तानी आतंकवादी भी करार दिया। इसमें दावा किया गया कि उन्होंने 1984 और उससे पहले हुए नरसंहार को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ओर से एक सुनियोजित कदम के रूप में बताया। 

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गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुनानक जयंती के अवसर पर राष्ट्र के नाम संबोधन में तीनों कृषि कानूनों की वापसी का ऐलान किया। जिसके बाद कंगना रनौत ने मोदी सरकार के इस कदम की सराहना करने वाले एक सोशल मीडिया यूजर को जवाब देते हुए लिखा कि यदि सड़क पर लोगों ने कानून बनाना शुरू कर दिया है और निर्वाचित सरकार संसद में यह कार्य नहीं करे, तब फिर यह एक जिहादी राष्ट्र है... उन सभी को बधाई जो इसे पसंद करते हैं।

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