मैं अच्छी फिल्में करना चाहती हूं, चाहे वे किसी भी भाषा में हों: रकुल प्रीत सिंह
रकुल प्रीत ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मैं अच्छी फिल्में करते रहना चाहती हूं।मैं चौबीसों घंटे काम कर सकती हूं। मैं उम्मीद करती हूं कि लोग मुझे ज्यादा देखना चाहते हैं। मैं बस कुछ बड़ी फिल्में करना चाहती हूं, चाहे वे किसी भी भाषा में हो।’’
मुंबई। दक्षिण भारतीय फिल्मों और ‘‘यारियां’’, ‘‘अय्यारी’’ जैसी कुछ हिंदी फिल्मों में काम करने वाली अभिनेत्री रकुल प्रीत सिंह ने कहा कि उनका मकसद अच्छी फिल्में करना है, चाहे वे किसी भी भाषा में बनी हो। रकुल प्रीत ने मुख्यत: तेलुगु और तमिल फिल्मों में काम किया है और महेश बाबू, जूनियर एनटीआर, राम चरण और अलु अर्जुन जैसे बड़े कलाकारों के साथ काम किया है। बॉलीवुड में उनकी दो फिल्में आयी हैं और अब वह अजय देवगन की ‘‘दे दे प्यार दे’’ की रिलीज का इंतजार कर रही है।
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रकुल प्रीत ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मैं अच्छी फिल्में करते रहना चाहती हूं।मैं चौबीसों घंटे काम कर सकती हूं। मैं उम्मीद करती हूं कि लोग मुझे ज्यादा देखना चाहते हैं। मैं बस कुछ बड़ी फिल्में करना चाहती हूं, चाहे वे किसी भी भाषा में हो।’’ 28 वर्षीय अभिनेत्री ने कहा कि उनकी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प ने उन्हें दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग में मांग में रहने वाला नाम बनाया है।
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साल 2014 में ‘‘यारियां’’ से हिंदी सिनेमा में पदार्पण करने के बाद रकुल प्रीत दक्षिण की फिल्मों में दिखाई दीं और 2018 में नीरज पांडे की ‘‘अय्यारी’’ से बॉलीवुड में लौटीं। अभिनेत्री ने कहा कि वह दोनों फिल्म उद्योगों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रही हैं।
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