IFFI निदेशक ने एस दुर्गा के फिल्मकार को सेंसर बोर्ड से प्रमाणित प्रति दिखाने को कहा
भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई ) के फेस्टिवल निदेशक सुनीत टंडन ने एस दुर्गा के फिल्मकार सनल कुमार शशिधरन को फिल्म की सेंसर बोर्ड से प्रमाणित प्रति 35एमएम के प्रिंट में पेश करने को कहा है।
पणजी। भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई ) के फेस्टिवल निदेशक सुनीत टंडन ने एस दुर्गा के फिल्मकार सनल कुमार शशिधरन को फिल्म की सेंसर बोर्ड से प्रमाणित प्रति 35एमएम के प्रिंट में पेश करने को कहा है। टंडन अभी तक इस विवाद पर मीडिया के सामने कुछ भी बोलने से बचते रहे हैं। उन्होंने शशिधरन को पत्र लिख कर सेंसर प्रमाणपत्र और डीवीडी की दो प्रतियां आईएफएफआई भेजने के लिए कहा है।
केरल उच्च न्यायालय ने फिल्मोत्सव के पैनोरमा सेक्शन में एसदुर्गा को दिखाने के एकल न्यायाधीश के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था जिसके बाद यह कदम उठाया गया। एकल पीठ के आदेश को चुनौती देते हुए सरकार ने अपनी याचिका में कहा कि इस फिल्म को हालांकि ज्यूरी ने चुना है लेकिन इसके पास पैनोरमा नियामक के लिए जरूरी वह छूट नहीं है जो कि केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड की ओर से किसी तरह का प्रमाणपत्र नहीं मिलने की सूरत में जरूरी होती है।
गौरतलब है कि यह फिल्म लिफ्ट ले कर यात्रा करने वाले दंपति के भयानक अनुभव से लोगों को रूबरू कराती है। केंद्र ने अपील में यह भी कहा कि फिल्म को शामिल करने से आईएफएफआई के 48वें संस्करण के इंतजामों में परेशानी हो सकती है जिसका समापन 28 नवंबर को होगा। फिल्म निर्माता एस कुमार शशिधरन ने इस फिल्म को एक अन्य फिल्म ‘न्यूड’ के साथ फिल्मोत्सव में भारतीय पैनोरमा खंड से हटाए जाने के बाद अदालत का रुख किया था। याचिकाकर्ता के अनुसार सूचना प्रसारण मंत्रालय की 13 सदस्यीय ज्यूरी का फैसले को पलटने और दो फिल्मों को वापस लेने का निर्णय असंवैधानिक है।
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