लोगों के मूड के हिसाब से मेरी राजनीति नहीं बदलेगी: कबीर खान
कबीर खान ने कहा कि मैनें भारतीय धर्मनिरपेक्षता के सबसे बेहतरीन पहलू को देखा है। लेकिन इस देश की महानता के धर्म के आधार पर टुकड़े होता देखना बहुत ही दुखी करने वाला अनुभव है। कबीर ने कहा कि इतिहास को धर्म के चश्मे से देखना खतरनाक है।
नयी दिल्ली। खुद को आशावादी मानने वाले प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक कबीर खान का कहना है कि इन दिनों हर बात को धर्म के चश्मे से देखा जा रहा है लेकिन भारत इन सब बातों से कहीं उपर है। “बजरंगी भाईजान” और “एक था टाइगर” जैसी सुपरहिट फिल्मों के निर्देशक कबीर कहते हैं कि उन्हें खुशी है कि एक फिल्मकार के रूप में उनके पास धार्मिक आधार पर फैली इन त्रूटिपूर्ण सोच का प्रतिवाद करने के लिए मंच है। उन्होंने कहा, “ मैं लोगों की अच्छाई में विश्वास करने वाला एक आशावादी व्यक्ति हूं। लेकिन उसकी भी एक सीमा है। आजकल हर चीज को धर्म के चश्मे से देखा जा रहा है लेकिन भारत इनसब बातों से उपर है।
#Jiiva as #KSrikkanth... Character poster of #83TheFilm... Directed by Kabir Khan... 10 April 2020 release. #ThisIs83 pic.twitter.com/hd6aGAayin
— taran adarsh (@taran_adarsh) January 12, 2020
कबीर ने कहा, “यह बहुत अजीब है लेकिन जब मैं बड़ा हो रहा था तो मुझे मेरे धर्म के बारे में पता नहीं था। यह इस देश की महानता है।” उन्होंने कहा कि उनकी मां हिंदू और उनके पिता मुसलमान हैं और ऐसे घर में पैदा होने के बाद उन्हें इस सामाजिक ताने-बाने को देखकर बहुत दुख होता है। उन्होंने कहा, “ मैनें भारतीय धर्मनिरपेक्षता के सबसे बेहतरीन पहलू को देखा है। लेकिन इस देश की महानता के धर्म के आधार पर टुकड़े होता देखना बहुत ही दुखी करने वाला अनुभव है।” कबीर ने कहा कि इतिहास को धर्म के चश्मे से देखना खतरनाक है।
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