प्रख्यात फिल्मकार मृणाल सेन का 95 वर्ष का आयु में निधन
कई राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीतने वाले लेखक को समाज की सच्चाई का कलात्मक चित्रण करने के लिए जाना जाता था। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने टि्वटर पर सेन के निधन पर शोक जताया।
कोलकाता। दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात फिल्म निर्देशक मृणाल सेन का लंबी बीमार के बाद रविवार को निधन हो गया। वह 95 वर्ष के थे। उनके परिवार के सूत्रों ने यह जानकारी दी। ‘‘नील आकाशेर नीचे’’, ‘‘भुवन शोम’’, ‘‘एक दिन अचानक’’, ‘‘पदातिक’’ और ‘‘मृगया’’ जैसी फिल्मों के लिए पहचाने जाने वाले पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित सेन देश के सबसे प्रख्यात फिल्म निर्माताओं में से एक थे और समानांतर सिनेमा के दूत थे।एक परिवार के सदस्य ने कहा, ‘‘सेन का उम्र संबंधी बीमारियों के कारण आज सुबह करीब साढ़े दस बजे निधन हो गया।’’
Dadasaheb Phalke awardee film maker Mrinal Sen passed away at the age of 95 at his residence today.
— ANI (@ANI) December 30, 2018
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृणाल सेन के निधन पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि कुछ सर्वाधिक यादगार फिल्में देने के लिये देश उनका कृतज्ञ है।उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘हमारा देश कुछ सर्वाधिक यादगार फिल्में देने के लिये उनका आभारी है। जिस कौशल और संवेदनशीलता से उन्होंने फिल्में बनाईं वह गौर करने लायक है। उनकी समृद्ध कृतियों की विभिन्न पीढ़ियों के लोग प्रशंसा करते हैं। उनके निधन से दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं।’’
Our country is grateful to Shri Mrinal Sen for giving us some of the most memorable films.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 30, 2018
The dexterity and sensitivity with which he made films is noteworthy. His rich work is admired across generations.
Saddened by his demise. My thoughts are with his family and admirers.
कई राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीतने वाले लेखक को समाज की सच्चाई का कलात्मक चित्रण करने के लिए जाना जाता था। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने टि्वटर पर सेन के निधन पर शोक जताया। उन्होंने कहा, ‘‘मृणाल सेन के निधन से दुखी हूं। फिल्म उद्योग की बड़ी क्षति। उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।’’ माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने भी फिल्म निर्माता को उनके मानवीय कथानक के लिए याद किया। उन्होंने कहा, ‘‘मृणाल सेन का गुजर जाना न केवल सिनेमा बल्कि दुनिया की संस्कृति और भारत की सभ्यता के मूल्यों की बड़ी क्षति है। मृणाल दा लोगों पर आधारित अपने मानवतावादी कथानक से सिनेमैटोग्राफी में बड़ा बदलाव लाए।’’
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बंगाली फिल्म उद्योग भी दिग्गज निर्देशक के निधन से शोक में है। परमब्रत चटर्जी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘एक युग का अंत। युग...लीजेंड्स कभी नहीं मरते।’’ प्रसेनजीत चटर्जी ने कहा, ‘‘साल के अंत में लीजेंड मृणाल सेन के निधन जैसी खबरें मिलना हमारे लिए दुख की बात है और हम इससे स्तब्ध हैं। मृणाल सेन ने भारतीय सिनेमा को नया नजरिया दिया। यह हम सभी के लिए भारी क्षति है। उनकी आत्मा को शांति मिले।’’
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