भंसाली इतिहास की पवित्रता को बनाये रखने में असफल: विधानसभा अध्यक्ष

UP Speaker says Bhansali ''Unable To Maintain'' Sanctity Of History

उत्तर प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि महाकवि जयशंकर प्रसाद वैदिककाल के इतिहास को कामायिनी में चित्रित किया है और इतिहास की पवित्रता को बनाये रखा है।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि महाकवि जयशंकर प्रसाद वैदिककाल के इतिहास को कामायिनी में चित्रित किया है और इतिहास की पवित्रता को बनाये रखा है। लेकिन संजय लीला भंसाली यह कार्य नहीं कर पाये, उन्हें भारतीय संस्कृति की पवित्रता को बनाये रखना चाहिए था, इतिहास से छेड़छाड़ नहीं करना चाहिये था। दीक्षित लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में महाकवि जयशंकर प्रसाद के पुण्य स्मृति के उपलक्ष्य में आयोजित संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।।

उन्होंने बताया कि जयशंकर प्रसाद का साहित्य वैदिककाल के इतिहास से भरा हुआ है उनका प्रसिद्ध काव्य ‘कामायिनी’ का प्रारम्भ चिन्ता से प्रारम्भ होता है और अहलाद से समाप्त होता है। यह जयशकर प्रसाद की प्रसिद्ध कविताओं में से है। इस कविता के माध्यम से भरतीय चेतना को जगाने का कार्य किया था और भारतीय संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को जागृत करने का कार्य किया है। उन्होंने वैदिककाल के महत्व एवं उस समय की चेतना को अपने साहित्य में पिरोया है।

उन्होंने वर्तमान रचनाकारों, कवि एवं लेखकों का आह्वान करते हुये कहा कि सभी को महाकवि जयशंकर प्रशाद के सृजन एवं साहित्य परम्परा से सीख लेना चाहिए और भारत का जो वैदिक एवं पूर्वजों की जो सोच परम्परा रही है उसके परिप्रेक्ष्य में अपनी रचनाओं को नया रूप देना चाहिए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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