जेफ्री एप्स्टीन फाइल्स जारी, भारी रेडैक्शन और गायब दस्तावेजों पर विवाद

एप्स्टीन फाइल्स के नए खुलासे, लेकिन अधूरी जानकारी से बढ़ा विवाद। यह खुलासा एप्स्टीन फाइल्स ट्रांसपेरेंसी एक्ट के तहत किया गया है, जिस पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नवंबर में हस्ताक्षर किए थे। हालांकि, इन दस्तावेजों में बड़े पैमाने पर की गई काट-छांट और कुछ फाइलों के अचानक गायब हो जाने से पारदर्शिता को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए।
अमेरिका में जेफ्री एप्स्टीन से जुड़े दस्तावेजों को लेकर एक बार फिर बहस तेज हो गई। हफ्ते के अंत में अमेरिकी न्याय विभाग ने एप्स्टीन और उसकी सहयोगी घिसलेन मैक्सवेल के सेक्स ट्रैफिकिंग मामलों से जुड़े हजारों अतिरिक्त दस्तावेज सार्वजनिक किए हैं।
बता दें कि यह खुलासा एप्स्टीन फाइल्स ट्रांसपेरेंसी एक्ट के तहत किया गया है, जिस पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नवंबर में हस्ताक्षर किए थे। हालांकि, इन दस्तावेजों में बड़े पैमाने पर की गई काट-छांट और कुछ फाइलों के अचानक गायब हो जाने से पारदर्शिता को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए।
मौजूद जानकारी के अनुसार, जारी किए गए कई दस्तावेजों में नाम, बयान और तस्वीरें आंशिक या पूरी तरह से ब्लैकआउट की गई हैं। अभियान से जुड़े कार्यकर्ताओं का कहना है कि इतनी भारी रेडैक्शन से सच सामने आने की उम्मीद कमजोर पड़ती है। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कम से कम 16 फाइलें पहले जारी होने के बाद वेबसाइट से हटा ली गईं, जिनमें एक तस्वीर ऐसी भी थी जिसमें राष्ट्रपति ट्रंप नजर आ रहे थे।
गौरतलब है कि यह कानून सरकार को एप्स्टीन से जुड़े सभी गैर-गोपनीय रिकॉर्ड सार्वजनिक करने के लिए बाध्य करता है। इससे पहले 2024 की शुरुआत में करीब 950 पन्नों के दस्तावेज सामने आए थे। ताजा दस्तावेजों में यह पुष्टि हुई है कि 1996 में ही एफबीआई को एप्स्टीन के कथित अपराधों की जानकारी मिल गई थी, लेकिन उस समय ठोस कार्रवाई नहीं की गई। पीड़िता मारिया फार्मर ने बाद में इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि यह खुलासा उनके लिए न्याय जैसा महसूस होता है।
नई फाइलों में ग्रैंड जूरी के बयान भी शामिल हैं, जिनमें कई लड़कियों और युवतियों ने एप्स्टीन द्वारा पैसे देकर यौन शोषण कराने के आरोप लगाए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, सबसे कम उम्र की पीड़िता 14 साल की थी। कुछ बयानों में यह भी सामने आया है कि पीड़िताओं से अन्य लड़कियों को लाने के लिए कहा जाता था और इसके बदले पैसे दिए जाते थे।
इन दस्तावेजों के साथ कई तस्वीरें भी जारी की गई हैं, जिनमें एप्स्टीन के साथ कई प्रभावशाली और चर्चित हस्तियां नजर आती हैं। इनमें पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, ब्रिटेन के प्रिंस एंड्रयू, अभिनेता केविन स्पेसी, उद्योगपति रिचर्ड ब्रैनसन और पॉप स्टार्स माइकल जैक्सन व मिक जैगर शामिल हैं। हालांकि न्याय विभाग ने इन तस्वीरों के संदर्भ या परिस्थितियों पर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी।
डोनाल्ड ट्रंप की बात करें तो उनका नाम या तस्वीरें बहुत सीमित रूप में ही फाइलों में दिखाई देती हैं, और वे पहले से सार्वजनिक तस्वीरों जैसी ही बताई जा रही हैं। एक दस्तावेज में यह आरोप जरूर दर्ज है कि एप्स्टीन एक नाबालिग लड़की को ट्रंप के फ्लोरिडा स्थित रिसॉर्ट में ले गया था, लेकिन उस शिकायत में ट्रंप पर सीधे तौर पर कोई आरोप नहीं लगाया गया है। व्हाइट हाउस की ओर से कहा गया है कि मौजूदा प्रशासन अब तक का सबसे पारदर्शी प्रशासन है।
इस बीच, डेमोक्रेट सांसदों ने आरोप लगाया है कि कुछ खास तस्वीरों को जानबूझकर हटाया गया है और सच्चाई को छुपाया जा रहा है। न्याय विभाग का कहना है कि पीड़ितों की पहचान, चल रही जांच और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी सूचनाओं की वजह से रेडैक्शन जरूरी है।
हालांकि विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि आने वाले दिनों में और दस्तावेज जारी किए जाएंगे। इसके बावजूद कई सांसदों और पीड़ितों के वकीलों का मानना है कि कानून की भावना के अनुरूप पूरी जानकारी अभी सामने नहीं आई है। अब यह देखना होगा कि कांग्रेस या अदालत के जरिए आगे और खुलासे हो पाते हैं या नहीं, लेकिन फिलहाल एप्स्टीन फाइल्स को लेकर अमेरिका की सियासत और न्याय व्यवस्था दोनों सवालों के घेरे में हैं।
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