दिग्गज अभिनेत्री-गायिका सुलक्षणा पंडित ने 71 की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा, बॉलीवुड में शोक

Sulakshana Pandit
ANI
रेनू तिवारी । Nov 7 2025 9:12AM

दिग्गज अभिनेत्री-गायिका सुलक्षणा पंडित का 71 वर्ष की आयु में बृहस्पतिवार शाम दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उन्होंने 'उलझन' जैसी फिल्मों से अभिनय में और 'तू ही सागर तू ही किनारा' जैसे लोकप्रिय गीतों से पार्श्व गायन में अपनी अमिट छाप छोड़ी, जिससे बॉलीवुड में एक बहुमुखी प्रतिभा का अंत हो गया। उनके निधन पर सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही हैं।

मशहूर अभिनेत्री और पार्श्व गायिका सुलक्षणा पंडित का बृहस्पतिवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।उनके भाई ललित पंडित ने यह जानकारी दी। सुलक्षणा71 वर्ष की थीं। सुलक्षणा को नानावटी अस्पताल ले जाया जा रहा था, तभी उन्होंने अंतिम सांस ली। ललित पंडित ने बताया, ‘‘शाम करीब सात बजे दिल का दौरा पड़ने से सुलक्षणा का निधन हो गया। उन्होंने सांस लेने में तकलीफ होने की शिकायत की थी और थोड़ी अस्वस्थ लग रही थीं। हम उन्हें नानावटी अस्पताल ले जा रहे थे, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनका निधन हो गया।’’ 

सुलक्षणा पंडित का 71 साल की उम्र में निधन 

सुलक्षणा ने 1975 में संजीव कुमार के साथ फिल्म ‘‘उलझन’’ से करियर शुरुआत की और फिर राजेश खन्ना, शशि कपूर और विनोद खन्ना सहित अपने दौर के लगभग सभी शीर्ष सितारों के साथ काम किया। उनकी अन्य प्रमुख फिल्में ‘‘संकोच’’, ‘‘हेराफेरी’’ और ‘‘खानदान’’ हैं।

पार्श्व गायिका के रूप में भी सुलक्षणा का समानांतर और उतना ही प्रभावशाली करियर रहा और उन्होंने ‘तू ही सागर तू ही किनारा’, ‘परदेसिया तेरे देश में’, ‘बेकरार दिल टूट गया’ और ‘बांधी रे काहे प्रीत’ जैसे हिट गाने गाए। वह हरियाणा के हिसार के एक संगीत परिवार से थीं। पंडित जसराज उनके करीबी रिश्तेदार थे।

सुलक्षणा पंडित कौन हैं?

1954 में जन्मी सुलक्षणा पंडित ने बॉलीवुड में संजीव कुमार के साथ फिल्म उलझन से शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने राजेश खन्ना, शशि कपूर और विनोद खन्ना जैसे अपने दौर के शीर्ष सितारों के साथ काम किया। अपनी भावपूर्ण आवाज़ से चार्ट में शीर्ष पर रहीं पंडित एक समृद्ध संगीत विरासत वाले परिवार से ताल्लुक रखती हैं, और उनके दोनों भाई-बहनों ने संगीत जगत में अपना नाम कमाया। पंडित जसराज की भतीजी सुलक्षणा ने नौ साल की उम्र में गाना शुरू कर दिया था और उनके भाई-बहन जतिन, ललित और मंधीर हैं।

उनकी कुछ उल्लेखनीय फिल्मों में संकोच, हेराफेरी, खानदान, धरम खंता, दो वक्त की रोटी और गोरा आदि शामिल हैं। 1978 में उन्होंने उत्तम कुमार के साथ एक बंगाली फिल्म, बंदी में अभिनय किया। उनकी डिस्कोग्राफी में तू ही सागर तू ही किनारा, परदेसिया तेरे देश में, बेकरार दिल टूट गया, बांधी रे काहे प्रीत, सात समुंदर पार, सोमवार को हम मिले, सोना रे तुझे कैसे मिलूं, ये प्यारा लागे तेरा चेहरा, जब आती होगी याद मेरी और ये प्यार किया है जैसे हिट गाने शामिल हैं।

श्रद्धांजलियां उमड़ रही हैं

महान अभिनेता के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया पर कई श्रद्धांजलि दी गईं। जहां प्रशंसकों ने उनके सदाबहार गीतों को याद किया, वहीं अन्य लोगों ने उनकी फिल्मों को याद किया। पूर्व भाजपा विधायक भारती लावेकर ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर सुलक्षणा पंडित को "एक सुनहरी आवाज़ जिसने एक युग को परिभाषित किया और एक सुंदर उपस्थिति जिसने अनगिनत दिलों को छू लिया" के रूप में वर्णित किया। उन्होंने आगे कहा, "उनकी धुनें शाश्वत रहेंगी, पीढ़ियों तक गूंजती रहेंगी।"

सिनेमा के एक जाने-माने तकनीकी प्रमुख पवन झा ने लिखा जीवन की मधुर उदासी सुलक्षणा को परिभाषित करती थी, जो पर्दे पर एक गायिका बनने की सच्ची उम्मीदें पालती थीं। उनके ये सपने पूरी तरह से उड़ान नहीं भर पाए, और वह गायन या अभिनय में उन ऊंचाइयों तक नहीं पहुँच पाईं जिनकी वह कभी चाहत रखती थीं। फिर भी, वह हमारे लिए याद रखने और संजोने के लिए कई मधुर क्षण छोड़ गई हैं। 

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