War 2 review: Hrithik Roshan और Jr NTR l की स्टाइलिश एक्शन फिल्म, लेकिन कहानी भी कमज़ोर

Hrithik Roshan
x- Hrithik Roshan @iHrithik
रेनू तिवारी । Aug 14 2025 6:39PM

ऋतिक के मेजर कबीर धालीवाल, जो रॉ के एक आदर्श योद्धा हैं, इस सीक्वल में एक ज़्यादा चुस्त और ख़तरनाक अवतार में लौटते हैं, जूनियर एनटीआर साथी ख़ुफ़िया अधिकारी विक्रम चेलापति उर्फ़ रघु के रूप में उनके सारे काम में उनका बखूबी साथ देते हैं, जो लगभग कबीर जैसा है, फिर भी बिल्कुल कबीर जैसा नहीं।

शोले की 50वीं रिलीज़ से ठीक एक दिन पहले वॉर 2 देखना बिल्कुल सही लगा। पश्चिमी शैली की "करी" की तमाम परतों, बदला लेने की कहानी और न्याय के पीछे, शोले जय और वीरू की दोस्ती की कहानी भी थी, जिसका किरदार 1970 के दशक के उत्तरार्ध के सबसे बड़े सितारों, अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र ने निभाया था। उनकी दोस्ती सचमुच लाजवाब थी। वॉर 2 में, ऋतिक रोशन और जूनियर एनटीआर, जो आज के उत्तर और दक्षिण सिनेमा के ए-लिस्टर हैं, दोस्त-दुश्मन कबीर और विक्रम का किरदार निभा रहे हैं। कागज़ पर राष्ट्रीय एकता की एक अनोखी लेकिन बेहतरीन तस्वीर।

ऋतिक के मेजर कबीर धालीवाल, जो रॉ के एक आदर्श योद्धा हैं, इस सीक्वल में एक ज़्यादा चुस्त और ख़तरनाक अवतार में लौटते हैं, जूनियर एनटीआर साथी ख़ुफ़िया अधिकारी विक्रम चेलापति उर्फ़ रघु के रूप में उनके सारे काम में उनका बखूबी साथ देते हैं, जो लगभग कबीर जैसा है, फिर भी बिल्कुल कबीर जैसा नहीं। पता चलता है कि वे मुंबई की एक झुग्गी बस्ती में रहने वाले बचपन के दोस्त हैं।

वॉर 2 फ़िल्म की कहानी: कबीर के मिशन से लेकर काली कार्टेल तक

फ़िल्म की शुरुआत इसके हीरो ऋतिक रोशन के एक एक्शन से भरपूर सीन से होती है। ऋतिक यानी कबीर जापान में एक माफिया के घर में घुसकर उसे मारने जाता है।

यहाँ ऋतिक लगभग 20 प्रशिक्षित लड़ाकों को मार गिराता है और जब माफिया भागने की कोशिश करता है, तो वह भी मारा जाता है। असली कहानी यहीं से शुरू होती है। कबीर, जो एक रॉ एजेंट है, देश के हर मिशन में इस्तेमाल होता है।

इस बार कबीर का सामना काली नाम के एक पूरे कार्टेल से होता है, जो दुनिया भर के ताकतवर लोगों का एक समूह है। कबीर इस समूह में शामिल हो जाता है। कार्टेलों का यह समूह किसी भी व्यवस्था में विश्वास नहीं रखता और सिर्फ़ अपने फ़ायदे के लिए काम करता है।

काली कार्टेल भारत के प्रधानमंत्री को मारना चाहता है और इसमें एक भारतीय मंत्री सारंग उनकी मदद करता है। वह मौजूदा प्रधानमंत्री को मरवाकर उस कुर्सी पर अपनी जड़ें जमाना चाहता है।

इसी बीच, एक धूसर किरदार की एंट्री होती है जिसका नाम रघु है और वह भी एक सेना का जवान है। रघु और कबीर की बचपन में गहरी दोस्ती थी और दोनों अनाथों की तरह रहते थे। कहानी में रघु खलनायक बन जाता है और कबीर को कड़ी टक्कर देता है। रघु का किरदार जूनियर एनटीआर ने निभाया है और वह बेहद दमदार नज़र आता है।

कहानी के अंत में, रघु का मन बदल जाता है और दोनों एक बार फिर भाइयों की तरह साथ आ जाते हैं। अंत में, दोनों मिलकर काली कार्टेल के हर सदस्य को मार गिराते हैं। कहानी में ज़बरदस्त एक्शन है।

इस फ़िल्म में एक चीज़ जो गायब है, वह है जासूसी थ्रिलर। कहानी में रोमांच और जासूसी के उचित तत्व कहीं नज़र नहीं आते, और कई मामलों में तो वीरता बेवजह और सतही लगती है।

कहानी की घटनाओं और उसके ठोस कारणों के साथ-साथ, काली कार्टेल का दर्शन भी बेहद कमज़ोर है। काली कार्टेल को सिर्फ़ एक खलनायक के प्रतीक के रूप में दिखाया गया है, लेकिन उनके खलनायक होने के सबूत कहानी से गायब से लगते हैं।

वॉर 2 में अयान मुखर्जी का निर्देशन कैसा है?

अयान मुखर्जी अपनी रोमांटिक कहानियों के लिए जाने जाते हैं क्योंकि उन्होंने इससे पहले ये जवानी है दीवानी, वेक अप सिड और ब्रह्मास्त्र जैसी फ़िल्में बनाई हैं। उनका निर्देशन बाकी फ़िल्मों के मुक़ाबले काफ़ी कमज़ोर नज़र आता है।

अयान ने कियारा आडवाणी को एक प्यारी, खूबसूरत हीरोइन से पहली बार एक लड़ाकू अवतार में उतारा है और ऋतिक के साथ कुछ दमदार सीन भी दिखाए हैं। फ़िल्म की कास्टिंग भी अच्छी है, और आशुतोष राणा अपने किरदार में खूब जंच रहे हैं।

अयान की अब तक की सभी फ़िल्मों में, इस फ़िल्म का निर्देशन सबसे कमज़ोर है। कहानी तेज़ रफ़्तार से आगे बढ़ती है और कोई ख़ास असर नहीं छोड़ पाती। आशुतोष राणा के साथ ऋतिक के कुछ ही सीन भावुक कर देने वाले हैं।

अभिनय: ऋतिक रोशन, जूनियर एनटीआर, कियारा आडवाणी

ऋतिक रोशन हमेशा की तरह फिल्म में भी चमके हैं और कबीर के किरदार में जान फूंकते नज़र आए हैं। इससे पहले ऋतिक कई बार ऐसे ही किरदारों में नज़र आ चुके हैं। ऋतिक ने 'बैंग बैंग' में भी दमदार एक्शन दिखाया था। लेकिन इस बार वॉर 2 में ऋतिक कुछ नए दृश्यों में दमदार एक्शन पेश करते हैं। जूनियर एनटीआर विक्रम के किरदार में एक ग्रे शेड वाले किरदार के साथ लौटे हैं। जो पहले हीरो के रूप में दिखाई देते हैं और फिर विलेन बन जाते हैं। लेकिन अंत में उनका मन बदल जाता है।

ऋतिक और जूनियर एनटीआर फिल्म की जान हैं और दोनों ने अपने किरदारों के साथ न्याय किया है। इसके साथ ही आशुतोष राणा भी कर्नल लूथरा के किरदार के साथ पूरा न्याय करते नज़र आते हैं। कियारा को स्क्रीन पर कम समय मिला है, लेकिन उन्होंने पहली बार एक्शन में भी लोगों को खुश किया है।

वॉर 2 का फैसला: क्या यह देखने लायक है?

वॉर 2 एक चमकदार लेकिन खोखली एक्शन थ्रिलर लगती है जिसे पूरी तरह से स्टार पावर ने ढक दिया है। फिल्म आपको विदेशी लोकेशन्स, भव्य सेट और कई अद्भुत जगहों पर ले जाती है।

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