8-10 प्रतिशत के बीच वृद्धि दर्ज करने की क्षमता: सुब्रमण्यम

[email protected] । Apr 12 2016 11:38AM

सुधार की रफ्तार बरकरार रहे तो भारतीय अर्थव्यवस्था में 8-10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करने की क्षमता है। यह बात मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने कही।

वाशिंगटन। सुधार की रफ्तार बरकरार रहे तो भारतीय अर्थव्यवस्था में 8-10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करने की क्षमता है। यह बात मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने कही। सुब्रमण्यम ने वाशिंगटन में एक समारोह में कहा, ‘‘कोई संदेह नहीं है कि भारत को विश्व की प्रमुख शक्ति बनने के लिए बेहद तेजी से वृद्धि दर्ज करने की जरूरत है। मेरा अपना मानना है कि भारत की संभावित वृद्धि 8-10 प्रतिशत के बीच है।’’

वित्त मंत्री अरुण जेटली के, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और विश्वबैंक की सालाना बैठक में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका यात्रा पर आने से पहले सुब्रमण्यम ने कहा, ‘‘यह ध्यान देने योग्य है कि भारत पिछले 35 साल से 6 से 6.5 प्रतिशत की दर से वृद्धि दर्ज करता रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह भारत को सबसे तेज वृद्धि दर्ज करने वाली अर्थव्यवस्थाओं, लोकतांत्रिक देशों और गैर-पेट्रोलियम देशों में शामिल करेगा, इसलिए भारत का आर्थिक बदलाव काफी अच्छा है।’’ सुब्रमण्यम ने कहा कि कई कारकों के मद्देनजर 8-10 प्रतिशत की वृद्धि दर प्राप्त करना संभव है जिनमें सुधार की रफ्तार तथा इसका बरकरार रहना और निर्यात को प्रोत्साहन देने वाला वैश्विक माहौल शामिल है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं निश्चित तौर पर सोचता हूं कि यह संभव है बशर्ते हम सुधार की रफ्तार तर्कसंगत रूप से कायम रख सकें।’’ वित्त मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार ने कहा, ‘‘मेरा अपना मानना है कि यदि आप सुधार की मौजूदा रफ्तार बरकरार रख सकें और कुछ अन्य चीजें कर सकें तो 8-10 प्रतिशत वृद्धि हासिल करना वाकई संभव है।’’

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