सरकार ने मनरेगा और लोकतंत्र दोनों पर बुलडोजर चला दिया..., VB G RAM G Act पर राहुल गांधी का नया वार

Rahul Gandhi
ANI
अंकित सिंह । Dec 22 2025 1:27PM

गांधी ने लिखा कि कोई सार्वजनिक चर्चा नहीं, संसद में कोई विचार-विमर्श नहीं, राज्यों की सहमति नहीं - मोदी सरकार ने एमजीएनआरईजीए और लोकतंत्र दोनों पर ही बुलडोजर चला दिया है। यह विकास नहीं, बल्कि विनाश है - जिसका खामियाजा लाखों मेहनतकश भारतीयों को अपनी आजीविका खोकर भुगतना पड़ेगा।

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर विकसित भारत-रोजगार एवं आजीविका मिशन (ग्रामीण) विधेयक, 2025 (VB-G RAM-G विधेयक) पर संसद में चर्चा न करने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह विधेयक विकास लाने के लिए नहीं, बल्कि विनाश लाने के लिए है, जिसका खामियाजा भारतीयों को अपनी आजीविका खोकर भुगतना पड़ेगा।

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गांधी ने लिखा कि कोई सार्वजनिक चर्चा नहीं, संसद में कोई विचार-विमर्श नहीं, राज्यों की सहमति नहीं - मोदी सरकार ने एमजीएनआरईजीए और लोकतंत्र दोनों पर ही बुलडोजर चला दिया है। यह विकास नहीं, बल्कि विनाश है - जिसका खामियाजा लाखों मेहनतकश भारतीयों को अपनी आजीविका खोकर भुगतना पड़ेगा। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी जी का यह लेख अवश्य पढ़ें, जो इस गंभीर मुद्दे के हर पहलू को उजागर करता है।

संसद ने 18 दिसंबर को विकसित भारत गारंटी रोजगार एवं आजीविका मिशन (ग्रामीण) (VB-G RAM G) विधेयक पारित किया और 21 दिसंबर को राष्ट्रपति की मंजूरी प्राप्त हुई। विधेयक के अनुसार, ग्रामीण परिवारों के प्रत्येक वयस्क सदस्य को अकुशल शारीरिक श्रम करने के लिए वर्तमान 100 दिनों के बजाय 125 दिनों का मजदूरी रोजगार सुनिश्चित किया जाएगा। विधेयक की धारा 22 के अनुसार, केंद्र और राज्यों के बीच निधि बंटवारे का अनुपात 60:40 होगा। 

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पूर्वोत्तर राज्यों, हिमालयी राज्यों और उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश तथा जम्मू-कश्मीर सहित केंद्र शासित प्रदेशों के लिए यह अनुपात 90:10 होगा। विधेयक की धारा 6 के तहत राज्य सरकारें वित्तीय वर्ष में 60 दिनों तक की अवधि को अग्रिम रूप से अधिसूचित कर सकती हैं, जिसमें बुवाई और कटाई जैसे कृषि के चरम मौसम शामिल होंगे। इसी बीच, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हाल ही में एक प्रमुख अंग्रेजी दैनिक में एक संपादकीय लेख में केंद्र सरकार पर तीखा हमला करते हुए उस पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (एमजीएनआरईजीए) और अन्य महत्वपूर्ण कानूनों में प्रस्तावित परिवर्तनों के माध्यम से अधिकार-आधारित विधायी ढांचे को नष्ट करने का आरोप लगाया।

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