दुनिया की पहली प्रायोरिटी बना भारत, ब्रिटेन, UAE, ऑस्ट्रेलिया समेत कई देश मुक्त व्यापार समझौते के लिए कतार में खड़े
भारत ऑस्ट्रेलिया के साथ भी ट्रेड डील साइन करता दिखा। इसके साथ ही साल 2013 से यूरोपीय यूनियन के साथ ट्रेड डील की बंद हुआ बातें नौ सालों के बाद इन दिनों फिर से परवान चढ़ती नजर आ रही हैं। ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन भारत के दौरे पर आने वाले हैं।
भारत की कूटनीति और विदेश नीति का डंका इन दिनों दुनियाभर की चौपालों में बज रहा है। हाल ही में आपने देखा की भारत ने यूएई के साथ एक ट्रेड डील साइन की है। इसके साथ ही भारत ऑस्ट्रेलिया के साथ भी ट्रेड डील साइन करता दिखा। इसके साथ ही साल 2013 से यूरोपीय यूनियन के साथ ट्रेड डील की बंद हुआ बातें नौ सालों के बाद इन दिनों फिर से परवान चढ़ती नजर आ रही हैं। ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन भारत के दौरे पर आने वाले हैं। ऐसे में ब्रिटेन के साथ भी भारत के मुक्त व्यापार समझौते की चर्चा जोरो पर है।
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दुनिया के कई देश भारत के साथ एफटीए के लिए कतार में खड़े
एक देश की नासमझी कैसे इस वक्त पूरी दुनिया भुगत रही है, ये कोरोना वायरस के संकट ने बता दिया है। आपने मेड इन चाइना प्रोडक्ट्स के बारे में बहुत सुना होगा और इसका इस्तेमाल भी किया होगा। मेड इन चाइना वायरस के बारे में अब पहली बार आपको पता चल रहा है। कोरोना वायरस को मेड इन चाइना वायरस या चीनी वायरस कहने पर चीन को बुरा जरूर लग जाता है। लेकिन सच्चाई यही है कि दुनिया में जो ये संकट बना है उसकी शुरुआत चीन से ही हुई थी। जिसके बाद वहां व्यापक स्तर पर लॉकडाउन लगाया गया था और देखते ही देखते देश की एक तिहाई आबादी इसकी चपेट में आ गई थी। इसकी वजह से दुनियाभर की सप्लाई भी बाधित हुई थी और कच्चे माल की सप्लाई के लिए दुनिया का चीन के प्रति निर्भर होना इसकी बड़ी वजह बना। चीन में एक बार फिर से कोरोना की वापसी हो चुकी है और उसके कई शहर लॉकडाउन में है। जिसकी वजह से एक बार फिर से सप्लाई में परेशानी पैदा हो सकती है। ऐसे में चीन पर निर्भरता कम करने के लिए अब दुनियाभर के देश एक वैकल्पिक व्यवस्था की तलाश में हैं। इसमें भारत सबसे आग खड़ा नजर आ रहा है। दुनिया के कई देश भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते के लिए लाइन लगाकर खड़े नजर आ रहे हैं।
भारत, यूएई व्यापार समझौता
भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच मुक्त व्यापार समझौते ने बड़े अवसर खोले हैं। दोनों देशों ने 18 फरवरी को व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) पर साइन किए। इसके एक मई से लागू होने की उम्मीद है। समझौते के तहत कपड़ा, कृषि, सूखे मेवे, रत्न और आभूषण जैसे क्षेत्रों के 6,090 सामानों के घरेलू निर्यातकों को यूएई के बाजार में शुल्क मुक्त पहुंच मिलेगी।
ऑस्ट्रेलिया के साथ अटकी 9 साल पुरानी डील पर बनी सहमति
ऑस्ट्रेलिया के साथ दस साल की मेहनत के बाद एफटीए हुआ। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दो अप्रैल को इकनॉमिक कोऑपरेशन एंड ट्रेड एग्रीमेंट पर साइन हुए था। हालांकि इस पर भी छह महीने पहले ही औपचारिक रूप से बातचीत शुरू हुई थी और दो अप्रैल को इस पर हस्ताक्षर हो गए। भारत और ईयू के बीच 2013 से बातचीत अटकी पड़ी थी।
ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार वार्ता को गति मिलने की उम्मीद
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के ईस्टर की छुट्टियों के बाद अगले सप्ताह भारत आने की उम्मीद है। यह राजकीय यात्रा एक सफल भारत-ब्रिटेन साझेदारी को प्रतिबिंबित करती है जिसके एजेंडे में नयी दिल्ली में व्यापक कार्यक्रम भी हैं। यह यात्रा भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) वार्ता में 26 ‘चैप्टर’ में से चार के सफल समापन के बाद हो रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जॉनसन वार्ता का जायजा लेंगे और प्रक्रिया के पूरा होने के लिए एक समयसीमा निर्धारित करेंगे, जो शुरू में इस साल के अंत के लिए निर्धारित की गई थी। चर्चा के बारे में जानकारी रखने वाले अधिकारियों के अनुसार, आधिकारिक वार्ता के पहले दो दौर की समाप्ति के बाद एफटीए के शेष 22 ‘चैप्टर’ में भी महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, तीसरे दौर की वार्ता इस महीने के अंत में होने वाली है। जॉनसन की भारत यात्रा का महत्वपूर्ण हिस्सा 21 और 22 अप्रैल को होने की उम्मीद है, जब भारतीय व्यापार जगत के नेताओं के साथ द्विपक्षीय चर्चा और बातचीत होनी है।
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