जम्मू-कश्मीर ने 2021-22 में बजट का 20 प्रतिशत कम उपयोग किया: CAG

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रिपोर्ट में सरकार से अपनी बजटीय धारणाओं में ‘अधिक यथार्थवादी’ होने को कहा है। कैग ने बचत की उम्मीद के बीच संबंधित विभागों द्वारा अनुदान और विनियोग को ‘सरेंडर’ करने की विफलता की भी आलोचना की है। बचत 28,504.50 करोड़ रुपये रही थी।

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान बजट का इस्तेमाल कुल 1.39 लाख करोड़ रुपये के अनुदान और विनियोग की तुलना में 20 प्रतिशत कम था। रिपोर्ट में सरकार से अपनी बजटीय धारणाओं में ‘अधिक यथार्थवादी’ होने को कहा है। कैग ने बचत की उम्मीद के बीच संबंधित विभागों द्वारा अनुदान और विनियोग को ‘सरेंडर’ करने की विफलता की भी आलोचना की है। बचत 28,504.50 करोड़ रुपये रही थी।

कैग ने 31 मार्च, 2022 को समाप्त वित्त वर्ष के लिए केंद्र शासित प्रदेश के वित्त पर अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा, “वित्त वर्ष 2021-22 में व्यय के लिए कुल प्रावधान 1,39,795.19 करोड़ रुपये था। वर्ष के दौरान वास्तविक व्यय 1,11,983.49 करोड़ रुपये (80 प्रतिशत) था, जिसके परिणामस्वरूप 2021-22 के दौरान 27,811.70 करोड़ रुपये की बचत हुई।” कैग ने कहा कि बजटीय आवंटन अवास्तविक प्रस्तावों पर आधारित थे क्योंकि कुल 35 अनुदान में से 22 में पूंजीगत खंड में 100 करोड़ रुपये से अधिक की बचत हुई थी। रिपोर्ट के अनुसार, “वर्ष के दौरान 123 योजनाओं में शामिल 28 अनुदान के तहत 5,092.25 करोड़ रुपये के संपूर्ण बजट प्रावधान का उपयोग नहीं हुआ, जिससे आम जनता को वांछित लाभ नहीं मिल सका।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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