CPEC भारत की संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता का अतिक्रमण है

CPEC encroachment on India''s sovereignty not acceptable
भारत ने कहा है कि वह चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) का विरोध जारी रखेगा। यह चीन की वन बेल्ट वन रोड (ओबीओआर) पहल का हिस्सा है। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि सीपीईसी भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का अतिक्रमण है।

मुंबई। भारत ने कहा है कि वह चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) का विरोध जारी रखेगा। यह चीन की वन बेल्ट वन रोड (ओबीओआर) पहल का हिस्सा है। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि सीपीईसी भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का अतिक्रमण है। अधिकारी ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘ हमें वहां समस्या है। हमें सीपीईसी से समस्या है।

हमारी समस्या सभी जानते हैं। यह पूरी तरह से हमारी संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता पर अतिक्रमण है, जो स्वीकार्य नहीं है। अधिकारी ने कहा, ‘‘ हम उनको बताते रहे हैं कि यह संवेदनशील मुद्दा है। आप किसी के प्रमुख मुद्दों को लेकर असंवेदनशील नहीं हो सकते। एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) में ओबीओआर परियोजनाओं को कर्ज पर भारत के रुख के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने दावा किया कि बहुपक्षीय बैंक में हमारे रुख से ‘संतुलन’ बना।

अधिकारी ने कहा कि हमारे रुख से संतुलन बन पाया, अन्यथा यह एक ओर बहुत ज्यादा झुका हुआ था। चीन एआईआईबी में 31 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़ा शेयरधारक है जबकि भारत आठ प्रतिशत हिस्से के साथ दूसरा सबसे बड़ा शेयरधारक है। पिछले दो साल के दौरान भारत एआईआईबी की गतिविधियों का सबसे बड़ा लाभार्थी रहा है। एआईआईबी ने भारत में सात परियोजनाओं के लिए 1.6 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है। 

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