रक्षा मंत्रालय ने अपने क्षेत्र में दूरसंचार अवसंरचना स्थापित करने के नियमों में ढील दी

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दूरसंचार मंचालय द्वारा 2016 में अधिसूचित नियम मार्ग का अधिकार (आरओडब्ल्यू) के अनुरूप यह ढील दी गई है। गति शक्ति पोर्टल पर बृहस्पतिवार को नए नियमों की एक प्रति अपलोड की गई।

रक्षा मंत्रालय ने अपने क्षेत्र में मोबाइल टावर, ऑप्टिकल फाइबर और अन्य दूरसंचार अवसंरचना स्थापित करने के नियमों को आसान बनाया है। दूरसंचार मंचालय द्वारा 2016 में अधिसूचित नियम मार्ग का अधिकार (आरओडब्ल्यू) के अनुरूप यह ढील दी गई है। गति शक्ति पोर्टल पर बृहस्पतिवार को नए नियमों की एक प्रति अपलोड की गई। इन नियमों ने फरवरी 2018 में जारी सैन्य केंद्र / छावनियों में संचार नेटवर्क का विस्तार करने के लिए साझा संचार टावर और अन्य दूरसंचार बुनियादी ढांचा की जगह ली है।

नए नियम के अनुसार, ... रक्षा भूमि के नीचे या जमीन के ऊपर दूरसंचार अवसंरचना की स्थापना के लिए मिले किसी भी आवेदन पर भारतीय टेलीग्राफ मार्ग अधिकार नियमों 2016 (समय-समय पर संशोधित) के अनुसार विचार किया जाएगा। नए नियमों में यह भी कह गया कि दूरसंचार विभाग द्वारा बनाई गई अतिरिक्त दशाओं को भी ध्यान में रखा जाएगा। छावनियों के भीतरी क्षेत्रों में दूरसंचार अवसंरचना की स्थापना के लिए छावनी बोर्ड को उस संगठन से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) लेना होगा, जिसके प्रबंधन के तहत रक्षा भूमि रखी गई है।

नए नियम के अनुसार नागरिक क्षेत्र के बाहर सभी स्थानों के लिए छावनी बोर्ड को स्टेशन मुख्यालय से एनओसी लेनी होगी। इस संबंध में रक्षा संपदा महानिदेशालय इलेक्ट्रॉनिक आवेदन प्रक्रिया के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल का विकास और रखरखाव करेगा। इसे दूरसंचार विभाग के संचार पोर्टल के साथ जोड़ा जाएगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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