पता नहीं किस दिशा में जाएगी ट्विटर: सीईओ पराग अग्रवाल, एलन मस्क के सोशल मीडिया मंच को खरीदने के बाद

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न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक यह स्पष्ट नहीं है कि ट्विटर को लेकर मस्क की योजना क्या है। रिपोर्ट में कहा गया कि अभी इस सवाल का जवाब भी नहीं है कि वह कंपनी का नेतृत्व करने के लिए किसे चुनेंगे। हालांकि, कम से कम सौदा पूरा होने तक अग्रवाल के बने रहने की उम्मीद है।

न्यूयॉर्क| अरबपति कारोबारी एलन मस्क द्वारा ट्विटर को खरीदने के बाद कंपनी के सीईओ पराग अग्रवाल ने चिंतित कर्मचारियों से कहा कि उन्हें नहीं पता कि 44 अरब डॉलर के बड़े सौदे के बाद यह कंपनी किस दिशा में जाएगी। उन्होंने सोमवार दोपहर कंपनी के कर्मचारियों के साथ एक बैठक में यह बात कही। अग्रवाल ने सिर्फ पांच महीने पहले ट्विटर की कमान संभाली थी।

ट्विटर के बोर्ड ने मस्क की लगभग 44 अरब डॉलर की अधिग्रहण बोली को मंजूरी दे दी है, जिसके बाद वह सोशल मीडिया मंच के मालिक बनने के बेहद करीब आ गए हैं। यह सौदा इस साल पूरा होने की उम्मीद है, लेकिन इसके लिए अभी शेयरधारकों और अमेरिकी नियामकों की मंजूरी ली जानी है।

न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार ने अग्रवाल के हवाले से कहा, ‘‘यह स्वीकार करना महत्वपूर्ण है कि जो हो रहा है, उसके बारे में आप सभी की अलग-अलग भावनाएं हैं।’’ अमेरिकी दैनिक के मुताबिक अग्रवाल ने कर्मचारियों से कहा कि उनका अनुमान है कि सौदे को पूरा होने में तीन से छह महीने लग सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसबीच हम पहले की तरह ही ट्विटर का संचालन करते रहेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम कंपनी कैसे चलाते हैं, हम जो निर्णय लेते हैं, और जो सकारात्मक बदलाव हम करते हैं - वह हमारे ऊपर निर्भर करेगा और हमारे नियंत्रण में होगा।’’

हालांकि, अब ट्विटर के कर्मचारियों के भाग्य पर अनिश्चितता छाई हुई है, जिन्होंने मस्क द्वारा अधिग्रहण के मद्देनजर छंटनी की आशंका जताई थी।

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक यह स्पष्ट नहीं है कि ट्विटर को लेकर मस्क की योजना क्या है। रिपोर्ट में कहा गया कि अभी इस सवाल का जवाब भी नहीं है कि वह कंपनी का नेतृत्व करने के लिए किसे चुनेंगे। हालांकि, कम से कम सौदा पूरा होने तक अग्रवाल के बने रहने की उम्मीद है।

रिपोर्ट के मुताबिक कर्मचारियों की बैठक में अग्रवाल ने आगे की अनिश्चितता को स्वीकार किया। उन्होंने कहा, ‘‘सौदा पूरा होने के बाद हमें नहीं पता कि यह कंपनी किस दिशा में जाएगी।’’ लेनदेन पूरा होने के बाद ट्विटर एक निजी कंपनी बन जाएगी। मस्क ने 14 अप्रैल को ट्विटर को खरीदने की पेशकश की थी। मस्क ने कहा है कि वह ट्विटर को इसलिए खरीदना चाहते हैं, क्योंकि उन्हें नहीं लगता कि यह स्वतंत्र अभिव्यक्ति के मंच के रूप में अपनी क्षमता पर खरा उतर पा रहा है। ट्विटर के बोर्ड ने सोमवार को सर्वसम्मति से उनके प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और शेयरधारकों से भी ऐसा करने की सिफारिश की है। यह सौदा एक अप्रैल को ट्विटर के बंद भाव पर 38 प्रतिशत प्रीमियम के साथ हुआ। बोर्ड ने कहा कि यह मस्क ने पर्याप्त नकद प्रीमियम की पेशकश की है, जो ‘‘ट्विटर के शेयरधारकों के लिए सबसे अच्छा रास्ता होगा।’’

ट्विटर के बोर्ड ने शुरुआत में मस्क को अधिग्रहण से रोकने की कोशिश की, लेकिन हालात उस समय नटकीय रूप से बदल गए जब मस्क ने 46.5 अरब डॉलर की पेशकश कर दी, और कहा कि इसमें से 21 अरब डॉलर वह खुद निवेश करेंगे। मस्क ने कहा कि दूसरे निवेशक भी इसमें योगदान कर सकते हैं। मस्क को कारोबार का लंबा अनुभव है।

वह टेस्ला के सीईओ हैं, जिसका आकार ट्विटर के मुकाबले करीब 25 गुना बड़ा है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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