श्रीलंका के साथ व्यापार सौदा एसीयू व्यवस्था के बाहर किसी भी मुद्रा में करें: आरबीआई

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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को कहा कि श्रीलंका के साथ सभी वैध व्यापार सौदों का निपटान एशियाई समाशोधन संघ (एसीयू) व्यवस्था के बाहर किसी भी स्वीकृत मुद्रा में किया जा सकता है। भारत गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहे श्रीलका को ऋणसुविधा उपलब्ध करा रहा है।

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को कहा कि श्रीलंका के साथ सभी वैध व्यापार सौदों का निपटान एशियाई समाशोधन संघ (एसीयू) व्यवस्था के बाहर किसी भी स्वीकृत मुद्रा में किया जा सकता है। भारत गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहे श्रीलका को ऋणसुविधा उपलब्ध करा रहा है।

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आरबीआई ने कहा, ‘‘यह निर्णय लिया गया है कि श्रीलंका के व्यापार लेन-देन समेत सभी पात्र चालू खाता सौदा अगले नोटिस तक एसीयू व्यवस्था के बाहर स्वीकृत मुद्रा में किया जा सकता है।’’ आरबीआई ने भारत-श्रीलंका व्यापार बैंकों को जारी एक परिपत्र में यह बात कही है। यह निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।

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ग्लादेश, भूटान, भारत, ईरान, मालदीव, म्यांमा, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका फिलहाल एसीयू के सदस्य हैं। क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के मकसद से एशिया और प्रशांत क्षेत्र के लिये संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (ईएससीएपी) की पहल पर नौ दिसंबर, 1974 में एसीयू की स्थापना की गई थी। इसका मुख्यालय तेहरान में है। समाशोधन संघ का मुख्य उद्देश्य बहुपक्षीय आधार पर पात्र लेनदेन के लिये सदस्य देशों के बीच भुगतान की सुविधा प्रदान करना है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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