बिजली विधेयक से किसानों को होगी समस्या? विरोध में उतरे इंजीनियर और कर्मचारी
एक बयान के मुताबिक यह फैसला मंगलवार को बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की राष्ट्रीय समन्वय समिति (एनसीसीओईईई) की आभासी बैठक में लिया गया। बैठक की अध्यक्षता एआईपीईएफ के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने की।
नयी दिल्ली। एआईपीईएफ ने बुधवार को कहा कि प्रस्तावित बिजली (संशोधन) विधेयक 2021 के विरोध में 10 अगस्त को बिजली इंजीनियर और कर्मचारी एक दिन के लिए काम का बहिष्कार करेंगे। ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (एआईपीईएफ) ने एक बयान में कहा कि संसद के मानसून सत्र के लिए सूचीबद्ध विधेयक को जल्दबाजी में नहीं लाया जाना चाहिए और इसे ऊर्जा पर स्थायी समिति को भेजा जाना चाहिए। फेडरेशन ने आरोप लगाया कि विद्युत अधिनियम 2003 ने उत्पादन के निजीकरण की अनुमति दी और अब प्रस्तावित विधेयक में बिजली वितरण का निजीकरण किया जा रहा है, जिससे राज्य की बिजली वितरण कंपनियां (डिस्कॉम) दिवालिया हो जाएगी।
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एआईपीईएफ के प्रवक्ता वी के गुप्ता ने कहा, ‘‘देश भर के बिजली इंजीनियर और कर्मचारी प्रस्तावित बिजली (संशोधन) विधेयक 2021 के विरोध में 10 अगस्त को एक दिवसीय कार्य बहिष्कार में शामिल होंगे।’’ एक बयान के मुताबिक यह फैसला मंगलवार को बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की राष्ट्रीय समन्वय समिति (एनसीसीओईईई) की आभासी बैठक में लिया गया। बैठक की अध्यक्षता एआईपीईएफ के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने की। एनसीसीओईईई के पदाधिकारी 27 जुलाई को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से मिलकर प्रस्तावित विधेयक के खिलाफ ज्ञापन सौंपेंगे।
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