Budget 2023 में 5G को बताया नया युग, Digital Infrastructure पर भी दिया जोर

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संसद में आम बजट में देश के प्रौद्योगिकी एजेंडा बढ़ाने और डिजिटल बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए नया खाका पेश किया गया है। भाषण में 5जी जैसे नए युग के क्षेत्रों में कदमों की भी चर्चा की गई है। डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र की अहमियत को भी बताया गया है।

नयी दिल्ली। संसद में बुधवार को पेश किए गए आम बजट में देश के प्रौद्योगिकी एजेंडा को आगे बढ़ाने और डिजिटल बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की रूपरेखा पेश की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए जोर दिया कि वैश्विक स्तर पर भारत के बढ़ते कद का कारण ‘‘आधार, को-विन और यूपीआई’’ जैसी कई उपलब्धियों वाले अद्वितीय विश्व स्तरीय डिजिटल लोक अवसंरचना हैं। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में तकनीकी बुनियादी ढांचे और डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र के साथ-साथ कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और 5जी जैसे नए युग के क्षेत्रों में कदमों की भी चर्चा की।

बजट में कैमरे के लेंस जैसे कुछ पुर्जों और कच्चे माल के आयात पर सीमा शुल्क राहत के माध्यम से मोबाइल फोन निर्माण में घरेलू मूल्य वर्धन को बढ़ावा देने का भी प्रस्ताव है। उन्होंने कहा, अमृत काल के लिए हमारी दृष्टि में मजबूत सार्वजनिक वित्त और मजबूत वित्तीय क्षेत्र के साथ प्रौद्योगिकी संचालित और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था शामिल है। उन्होंने कहा कि स्टार्ट-अप और शिक्षाविदों द्वारा नवाचार एवं अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए, एक राष्ट्रीय डेटा प्रशासन नीति लाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि ‘‘मेक एआई इन इंडिया और मेक एआई वर्क फॉर इंडिया’’ की दृष्टि को साकार करने के लिए शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिए तीन उत्कृष्ट केंद्र स्थापित किए जाएंगे। सीतारमण ने रेखांकित किया कि डिजिटल भुगतान लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, डिजिटल भुगतान को व्यापक स्तर पर स्वीकृति मिल रही है। 2022 में, ऐसे लेनदेन में 76 प्रतिशत और मूल्य में 91 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इस डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के लिए वित्तीय समर्थन 2023-24 में भी जारी रहेगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम सहित सरकार के विभिन्न कदमों के परिणामस्वरूप, भारत में मोबाइल फोन का उत्पादन 31 करोड़ इकाई हो गया जिसका मूल्य 2,75,000 करोड़ रुपये से अधिक है। 2014-15 में इसकी संख्या 5.8 करोड़ यूनिट और मूल्य करीब 18,900 करोड़ रुपये था। उन्होंने कहा कि मोबाइल फोन के निर्माण में घरेलू मूल्यवर्धन को और बढ़ावा देने के लिए, कैमरा लेंस जैसे कुछ पुर्जों और कच्चा माल के आयात पर सीमा शुल्क में राहत और लिथियम-आयन बैटरी पर एक और साल के लिए रियायती शुल्क जारी रखने का प्रस्ताव किया गया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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