विदेशी निवेशकों ने दिसंबर में पूंजी बाजार में 5,400 करोड़ रुपये डाले
ऑनलाइन म्यूचुअल फंड प्लेटफॉर्म ग्रो के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) हरीश जैन ने कहा, कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट और डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती से भारतीय पूंजी बाजारों में निवेश किया।
नयी दिल्ली। विदेशी निवेशकों ने इस महीने भारतीय पूंजी बाजार में अब तक 5,400 करोड़ रुपये का अधिक का निवेश किया है। वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट और रुपये में मजबूती इसकी वजह रही। इससे पहले नवंबर में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने शुद्ध रूप से पूंजी बाजार (शेयर एवं ऋण) में 12,266 करोड़ रुपये का निवेश किया। यह दस माह का उच्चतम स्तर है। डिपॉजिटरी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 3 से 28 दिसंबर के दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने शेयर बाजार में शुद्ध रूप से 1,900 करोड़ रुपये डाले और ऋण बाजार में 3,577 करोड़ रुपये का निवेश किया। इस प्रकार पूंजी बाजार में कुल 5,477 करोड़ रुपये का निवेश किया गया।
ऑनलाइन म्यूचुअल फंड प्लेटफॉर्म ग्रो के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) हरीश जैन ने कहा, "कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट और डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती से भारतीय पूंजी बाजारों में निवेश किया। पिछले तीन महीनों में कच्चे तेल के दाम 40 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी है।" हालांकि, सात दिसंबर तक विदेशी निवेशक शुद्ध रूप से बिकवाल रहे। उन्होंने शेयर बाजार से 383 करोड़ रुपये की निकासी की जबकि इस दौरान ऋण बाजार में 2,744 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
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मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट एडवाइजर इंडिया के वरिष्ठ विश्लेषक प्रबंधक (शोध) हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, "छह दिसंबर को भारी बिकवाली का दौर दिखा, जब विदेशी निवेशक 361 करोड़ रुपये के शुद्ध बिकवाल रहे। चीन की कंपनी हुवावेई की मुख्य वित्त अधिकारी की गिरफ्तारी के कारण दुनिया भर के बाजारों में गिरावट रही।" उन्होंने कहा, "निवेशकों को डर है कि अधिकारी की गिरफ्तारी से चीन और अमेरिका के रिश्तों में एक बार फिर से कड़वाहट आ सकती है, जिससे आर्थिक वृद्धि को नुकसान हो सकता है। इस साल अब तक विदेशी निवेशकों ने पूंजी बाजार से 82,500 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है। जिसमें शेयर बाजार से 33,000 करोड़ रुपये से अधिक और ऋण बाजार से 49,200 करोड़ रुपये की निकासी शामिल है।
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