गडकरी ने व्यापारियों से कहा, प्याज का निर्यात बढ़ायें

[email protected] । Aug 27 2016 5:37PM

केन्द्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नीतिन गडकरी ने व्यापारियों से कहा है कि शुल्क लाभ का फायदा उठाते हुये उन्हें अधिक प्याज का निर्यात करना चाहिये ताकि दाम में स्थिरता लाई जा सके।

प्याज के दाम में भारी गिरावट आने से विशेषतौर पर महाराष्ट्र में प्याज किसानों की बढ़ती परेशानी के बीच केन्द्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नीतिन गडकरी ने व्यापारियों से कहा कि शुल्क लाभ का फायदा उठाते हुये उन्हें अधिक प्याज का निर्यात करना चाहिये ताकि दाम में स्थिरता लाई जा सके। गडकरी ने कहा कि प्याज किसानों के हितों की सुरक्षा के लिये केन्द्र सरकार हर संभव कदम उठायेगी। उन्होंने कहा कि यदि संभव हुआ तो प्याज निर्यात पर शुल्क लाभ को 31 दिसंबर से भी आगे बढ़ाया जायेगा।

गडकरी ने कहा, ‘‘सरकार प्याज किसानों की चिंताओं को दूर करने के लिये प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस संबंध में कृषि और वाणिज्य मंत्रियों के साथ विचार विमर्श किया है और किसानों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराई जायेगी।’’ उन्होंने कहा कि प्याज के दाम में भारी गिरावट से प्याज उत्पादक राज्यों को नुकसान पहुंचा है। विशेषकर महाराष्ट्र में इसका असर ज्यादा है जहां किसानों को परेशानी हो रही है। गडकरी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मौजूदा जो परिस्थितियां बनी हैं, हमने वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की और सरकार ने ताजा और शीतगृहों में रखे प्याज के निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिये उस पर पांच प्रतिशत भारत से वस्तु निर्यात योजना (एमईआईएस) देने पर सहमति जताई है। यह योजना 31 दिसंबर 2016 तक उपलब्ध होगी और यदि जरूरत हुई तो इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है।’’ इस अवसर पर गडकरी के साथ राज्य मंत्री सुभाष भामरे भी उपस्थित थे। गडकरी ने व्यापारियों से कहा है कि वह दाम में स्थिरता लाने के लिये अधिक से अधिक प्याज का निर्यात करें। उन्होंने कहा कि हालैंड और चीन के बाद भारत प्याज का सबसे बड़ा निर्यातक है।

मंत्री ने कहा कि वर्ष 2015-16 में देश से 45 करोड़ डालर का 12 लाख टन प्याज का निर्यात किया गया। यह निर्यात 20 से 25 रुपये किलो के औसत भाव पर किया गया। लेकिन इस साल उत्पादन अधिक होने की वजह से दाम 10 से 12 रुपये किलो रह गया है। गडकरी ने कहा, ‘‘ताजा और शीतगृहों में रखे प्याज के निर्यात पर पांच प्रतिशत एमईआईएस देने को मंजूरी दी गई है। इसके बाद 3.5 लाख टन प्याज निर्यात की उम्मीद की जा रही है।’’ गडकरी ने इसी अवसर पर किसानों से भी कहा कि वह दूसरी फसलों की तरफ भी देखें। उन्होंने किसानों से कहा कि दलहन और तिलहन के क्षेत्र में अच्छी गुंजाइश है। एशिया की सबसे बड़ी महाराष्ट्र की लासलगांव प्याज मंडी में प्याज का दाम तेजी से गिरकर 6 रुपये किलो रह गया है जबकि पिछले साल भाव 48.50 रुपये किलो था।

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