जीडीपी आंकड़े सजावटी, वृद्धि का असर जमीन पर दिखना चाहिए: कमलनाथ

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[email protected] । Jan 23 2019 5:54PM

भारत की वृद्धि दर पर अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के ताजा अनुमान पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि जीडीपी एक सजावट का आंकड़ा होता है, कई बार यह भ्रमित भी करता है।

दावोस। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बुधवार को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े को ‘सजावटी’ बताते हुए कहा कि आर्थिक वृद्धि का असर जमीन पर दिखना चाहिये और लोगों का जीवनस्तर बेहतर होना चाहिये। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की वार्षिक बैठक 2019 में उभरते बाजार परिदृश्य पर एक सत्र को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने अपनी सरकार द्वारा किसानों का कर्ज माफ करने के फैसले का मजबूती से बचाव करते हुए कहा कि भारत विशेषरूप से उनके राज्य में कृषि क्षेत्र की हालत काफी खराब है। 

भारत की वृद्धि दर पर अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के ताजा अनुमान पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि जीडीपी एक सजावट का आंकड़ा होता है, कई बार यह भ्रमित भी करता है। देखने की जरूरत यह है कि यह 7.5 प्रतिशत की वृद्धि का असर कहां दिखाई देता है। कृषि कर्ज माफी के फैसले का बचाव करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि वह केंद्र सरकार में भी कई मंत्रालयों में रह चुके हैं। यह बेहद जरूरी है क्योंकि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। उन्हें किसानों की दिक्कतों का ध्यान रखना था। 

 

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कमलनाथ ने कहा कि कर्ज माफी करीब आठ अरब डॉलर की है। यह बैंकों के ऐसे कर्ज को भी लेना है जो डूबा कर्ज बन चुका है और बैंकों को इस प्रक्रिया में कुछ घाटा उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) बैंकों के बही खाते पर असर डाल रही है और यह फैसला बैंकों के हित में भी है। कमलनाथ ने कहा कि भारत ने दुनिया को दिखाया है कि सत्ता में चाहे कोई भी सरकार हो वह वृद्धि दर्ज करता है। लेकिन समावेशी आर्थिक विस्तार आज समय की जरूरत है। इसके लिए बेरोजगारी तथा किसानों की परेशानियों जैसी दो समस्याओं को हल करना जरूरी है। 

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