सरकार ने टेस्ला से कहा, पहले भारत में विनिर्माण शुरू करे, फिर कर रियायत पर होगा विचार

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सरकार ने टेस्ला से कहा कि, पहले भारत में विनिर्माण शुरू करे, फिर कर रियायत पर विचार होगा।अमेरिकी कंपनी ने सरकार से अनुरोध किया है कि सीमा शुल्क मूल्य से इतर इलेक्ट्रिक कारों पर शुल्क को 40 प्रतिशत तक मानकीकृत किया जाए, और इलेक्ट्रिक कारों पर 10 प्रतिशत का सामाजिक कल्याण अधिभार वापस लिया जाए।

नयी दिल्ली। भारी उद्योग मंत्रालय ने अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार विनिर्माता टेस्ला से कहा है कि वह पहले भारत में अपने इलेक्ट्रिक वाहनों का विनिर्माण शुरू करे, उसके बाद ही किसी कर रियायत पर विचार किया जा सकता है। सरकारी सूत्रों ने कहा कि सरकार किसी वाहन फर्म को ऐसी रियायतें नहीं दे रही है और टेस्ला को शुल्क लाभ देने से भारत में अरबों डॉलर का निवेश करने वाली दूसरी कंपनियों को अच्छा संकेत नहीं मिलेगा।

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टेस्ला ने भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) पर आयात शुल्क में कमी की मांग की है। इस समय पूरी तरह से विनिर्मित इकाइयों (सीबीयू) के रूप में आयात की जाने वाली कारों पर इंजन के आकार तथा लागत, बीमा और माल ढुलाई (सीआईएफ) के आधार पर 60 से 100 प्रतिशत तक सीमा शुल्क लगता है। अमेरिकी कंपनी ने सरकार से अनुरोध किया है कि सीमा शुल्क मूल्य से इतर इलेक्ट्रिक कारों पर शुल्क को 40 प्रतिशत तक मानकीकृत किया जाए, और इलेक्ट्रिक कारों पर 10 प्रतिशत का सामाजिक कल्याण अधिभार वापस लिया जाए। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि देश में ई-वाहनों पर जोर दिए जाने को देखते हुए टेस्ला के पास भारत में अपना विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने का सुनहरा अवसर है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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