सुधारों से वृद्धि को मदद, पर बैंक क्षेत्र में जोखिम बरकरार

[email protected] । Aug 22 2016 1:39PM

मूडीज इनवेस्टर सर्विस ने आज कहा कि कारोबार माहौल को बेहतर बनाने के लिये सुधारों को निरंतर आगे बढ़ाने तथा मुद्रास्फीति में नरमी से भारत को मजबूत वृद्धि हासिल करने में मदद मिलेगी।

मूडीज इनवेस्टर सर्विस ने आज कहा कि कारोबार माहौल को बेहतर बनाने के लिये सुधारों को निरंतर आगे बढ़ाने तथा मुद्रास्फीति में नरमी से भारत को मजबूत वृद्धि हासिल करने में मदद मिलेगी। हालांकि एजेंसी ने आगाह किया कि बैंक क्षेत्र में समस्या बनी हुई है और जवाबदेही जोखिम से ऋण गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है। मूडीज ने अपने सालाना साख विश्लेषण में कहा है कि वृद्धि को गति देने वाले आर्थिक एवं संस्थागत सुधार साख को बेहतर बनाने में मदद करेगा। मूडीज ने अगले दो साल के लिये वृद्धि करीब 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।

उसने कहा, ‘‘सतत राजकोषीय सुदृढ़ीकरण, नरमी के साथ स्थिर मुद्रास्फीति तथा कारोबारी माहौल में सुधार के इरादे से सुधारों के मोर्चे पर प्रगति मजबूत एवं सतत वृद्धि में मददगार होगी। इससे सतत राजस्व तथा लाभ में वृद्धि से सरकार का राजस्व बढ़ेगा और राजकोषीय स्थिति सुधरेगी। हालांकि हमारा मानना है कि लाभ धीमे-धीमे होगा।’’ मूडीज ने कहा कि मजबूत वृद्धि संभावना तथा उच्च निजी बचत दर भारत के साख की रूपरेखा को मदद करती है। उसने कहा, ‘‘इसके विपरीत अगर उन लक्ष्यों के मामले में प्रगति धीमी होती है या बैंक क्षेत्र से संबंधित जवाबदेही जोखिम बढ़ता है तो भारत के साख की गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है।’’ मूडीज ने कहा कि भारत में मजबूती के साथ उच्च सरकारी ऋण बोझ (2015 में जीडीपी का 67.4 प्रतिशत), प्रतिस्पर्धा के मामले में नियामकीय तथा बुनियादी ढांचा संबंधी बाधा, नीतिगत सुधारों की धीमी गति तथा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों पर जवाबदेही जोखिम में वृद्धि तथा फंसे कर्ज में वृद्धि जैसे चिंतनीय विषय भी हैं। यह भारत की मजबूती को संतुलित करता है। उसने कहा, ‘‘नीति निर्माता वृद्धि को गति देने के लिये प्रयास कर रहे हैं...और संस्थागत सुधारों को आगे बढ़ा रहे हैं, यह साख को उन्नत बनाने में मददगार होगा।’’

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