हिंदुस्तान यूनिलीवर ने कॉर्पोरेट कर घटाने की वकालत की
रोजमर्रा के उपभोग की वस्तुयें बनाने वाली कंपनी (एफएमसीजी) हिंदुस्तान यूनिलीवर के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) संजीव मेहता ने कॉर्पोरेट कर की दर में कटौती की वकालत की है।
नयी दिल्ली। रोजमर्रा के उपभोग की वस्तुयें बनाने वाली कंपनी (एफएमसीजी) हिंदुस्तान यूनिलीवर के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) संजीव मेहता ने कॉर्पोरेट कर की दर में कटौती की वकालत की है। साथ ही कंपनी ने कहा है कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रक्रिया से जुड़ी दिक्कतों और तकनीकी खामियों को दूर किया जाना चाहिये।
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उन्होंने कहा कि देश में कॉर्पोरेट कर की दरों को पड़ोसी देशों के बराबर करके बहुराष्ट्रीय कंपनियों (एमएनसी) के कर बोझ को कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा, "जीएसटी बड़े बदलाव के रूप में साबित हुआ है और कराधान गतिविधियों पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। हालांकि, तकनीकी खामियों और प्रक्रिया से जुड़ी़ दिक्कतों को तेजी से सुलझाने की जरुरत है।"
Hindustan Unilever pitches for reducing corporate tax rate.............https://t.co/87WKLFE3J9 Source- @moneycontrolcom pic.twitter.com/ku8jZPkjY3
— GST Station (@gst_station) December 13, 2018
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मेहता ने 'एमएनसी और भारत: परस्पर मूल्यवान बनाना' विषय पर आयोजित सीआईआई के राष्ट्रीय सम्मेलन में यह बात कही। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस साल फरवरी में 250 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली कंपनियों के लिये कॉर्पोरेट कर की दर को घटाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया। हालांकि, 250 करोड़ रुपये से ऊपर का कारोबार करने वाली कंपनियों के लिये यह दर 30 प्रतिशत पर बरकरार रखी गयी है।
जेटली अगले साल एक फरवरी को 2019-20 के लिये अंतरिम बजट पेश करेंगे। मेहता ने कहा कि भारतीय अनुषंगियों द्वारा अपनी मूल कंपनी को दी जाने वाली रॉयल्टी पर रोक बहु-राष्ट्रीय कंपनियों के लिये प्रमुख चिंता का विषय है। वित्त मंत्री एक फरवरी 2019 को संसद में 2019- 20 का अंतरिम बजट पेश करेंगे।
मेहता सीआईआई की बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर गठित राष्ट्रीय समिति के भी अध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा भारतीय अनुषंगी कंपनियों द्वारा अपनी मूल कंपनी को दी जाने वाली रायल्टी पर प्रतिबंध बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिये प्रमुख चिंता का विषय है। सेबी ने सूचीबद्ध कंपनियों पर रायल्टी भुगतान दर को घटाकर दो प्रतिशत कर दिया है। इससे भारतीय अनुषंगी कंपनियों की धारणा प्रभावित हो रही है।
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