एक साल के भीतर बन सकता है भारत का पहला 3डी प्रिंटेड मकान

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[email protected] । Nov 5 2018 2:19PM

भारत एक साल के भीतर पहला 3डी प्रिंटेड मकान बना सकता है। आईआईटी मद्रास की एक टीम ने दो दिन के भीतर एक मंजिला इमारत का लघु रूप सफलतापूर्वक प्रिंट किया है।

चेन्नई। भारत एक साल के भीतर पहला 3डी प्रिंटेड मकान बना सकता है। आईआईटी मद्रास की एक टीम ने दो दिन के भीतर एक मंजिला इमारत का लघु रूप सफलतापूर्वक प्रिंट किया है। तमिलनाडु के मद्रास में स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के शोधकर्ताओं ने संस्थान के एलुमनी के एक स्टार्टअप के साथ 3डी प्रिटिंग प्रयोगशाला बनाई है ताकि स्वदेश विकसित इस तकनीक को बाजार तक ले जाया जा सके।

शोधकर्ताओं ने बताया कि भारत में आवास, शौचालय और परिवहन के क्षेत्र में व्यापक स्तर पर ढांचे की कमी ने उन्हें 3डी प्रिंटिंग तकनीक की ओर रुख करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि वे इस तकनीक को भारतीय बाजार में उतारने के फायदों को लेकर उत्साहित हैं। आईआईटी मद्रास के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर कोशी वर्गीज ने कहा कि संस्थान इस क्षेत्र में नई तकनीक को लाने की प्रक्रिया और नीति, ज्ञान का प्रचार करने तथा मापदंड तैयार करने के लिए कई सरकारी एजेंसियों तथा इंडस्ट्री के साथ मिलकर काम कर रहा है।

स्टार्टअप के सह-संस्थापक आदित्य ने कहा कि वे अगले एक साल के भीतर भारत का पहला 3डी प्रिंटेड मकान बनाएंगे। आदित्य ने कहा, ‘‘निर्माण गतिविधियों में 3डी प्रिटिंग का असर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ‘सभी के लिए आवास’ और ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के लिए शौचालयों के निर्माण पर केंद्रित होगा।’’ स्टार्टअप के अन्य तीन संस्थापक परिवर्तन रेड्डी, विद्याशंकर सी और संतोष कुमार हैं।

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