आरसीईपी वार्ता को जल्द से जल्द पूरा करना चाहता है भारत

[email protected] । Apr 13 2016 5:11PM

भारत बड़े व्यापार करार आरसीईपी की वार्ता को जल्द पूरा किए जाने के पक्ष में है, क्योंकि इससे व्यापार को प्रोत्साहन मिलेगा। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज यह बात कही।

भारत बड़े व्यापार करार आरसीईपी की वार्ता को जल्द से जल्द पूरा किए जाने के पक्ष में है, क्योंकि इससे व्यापार को प्रोत्साहन मिलेगा। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज यह बात कही। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय वृहद आर्थिक भागीदारी करार (आरसीईपी) काफी महत्वपूर्ण व्यवस्था है। यह भारत और आसियान दोनों क्षेत्रों के लिए जरूरी है।

सीतारमण ने यहां एक समारोह में कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि आरसीईपी करार जल्द हो। हमने वस्तुओं और सेवाओं के लिए अपनी पेशकश सूची दी है। भारत इस क्षेत्रीय व्यवस्था के पक्ष में है। हम आरसीईपी को जल्द से जल्द पूरा करना चाहते हैं। आरसीईपी के 16 सदस्यीय ब्लाक में 10 आसियान देश..ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, मलेशिया, म्यांमार, सिंगापुर, थाइलैंड, फिलिपीन, लाओस और वियतनाम शामिल हैं। इन देशों के छह मुक्त व्यापार भागीदारों में भारत, चीन, जापान, कोरिया, आस्ट्रेलिया व न्यूजीलैंड आते हैं। आरसीईपी वार्ताओं की शुरआत नोम पेह में नवंबर, 2012 में हुई थी। इन 16 देशों का विश्व अर्थव्यवस्था में हिस्सा 25 प्रतिशत से अधिक का है, जो 75,000 अरब डालर से अधिक बैठता है। इस करार के दायरे में वस्तुओं और सेवाओं के अलावा निवेश, आर्थिक और तकनीकी सहयोग, प्रतिस्पर्धा तथा बौद्धिक संपदा आएंगे।

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